62 साल की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को लगातार चौथी बार आम बजट पेश करेंगी। इसके साथ ही वे अकेली ऐसी महिला वित्त मंत्री बन जाएंगी, जिनके नाम यह रिकॉर्ड होगा। इससे पहले 28 फरवरी 1970 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बतौर वित्त मंत्री बजट पेश किया था।
पिछले तीन बजट में निर्मला ने एक अलग ही छाप छोड़ी। विपक्ष के हर हमले का अपने अंदाज में जवाब दिया। हंगामों के बीच कुछ ऐसे पल भी आए जब वित्त मंत्री ने कविताओं और शायरी के जरिए अपनी बात कही। कभी माफी मांगी तो कभी आक्रामक नजर आईं।
आइए नजर डालते हैं उनके तीन बजट भाषणों के दौरान के अनोखे मोमेंट्स पर.....
बजट 2021: माथे पर हाथ रखे नजर आए राहुल, मोदी टेबल थपथपाते दिखे
2021 बजट भाषण निर्मला के लिए आसान नहीं रहा। कोरोना महामारी का दबाव और कृषि कानूनों के विरोध ने सदन में उनके लिए मुश्किलें खड़ी कीं। जैसी ही वे भाषण के लिए उठीं। विपक्ष ने हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी।
विपक्षी सांसद करीब 20 मिनट नारे लगाते रहे। हालांकि, उन्होंने स्पीच जारी रखी। 1 घंटे 51 मिनट और 30 सेकेंड तक वह सदन में बजट की एक-एक जानकारी पेश करती रहीं। विपक्ष के हंगामों के बीच कुछ ऐसे पल भी आए, जब वित्त मंत्री ने कविताओं के जरिए अपनी बात कहीं।
कोरोना संकट से जूझ रहे देश को वित्त मंत्री ने रवींद्रनाथ टैगोर की पंक्तियों से नई उम्मीदें देने की कोशिश की। कहा, 'उम्मीद एक ऐसा पक्षी है जो प्रकाश को महसूस करता है और अंधेरे में भी चहचहाता है।' इस लाइन पर सदन के सदस्यों ने टेबल थपथपाई। बजट के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी की फोटो भी सामने आई। जब वित्त मंत्री बैंकों में निवेश और किसानों के लिए शुरू की जा रहीं योजनाओं के बारे में बता रहीं थीं तो राहुल गांधी माथे पर हाथ रखे दिखे।
कुछ देर बाद एक झलक और आई, जब राहुल अपनी बगल में बैठे सांसद से गुफ्तगू करते दिखे। कृषि कानून के विरोध में विपक्ष के कई सांसद काला लिबास पहनकर संसद पहुंचे। वित्त मंत्री ने पूरा बजट टेबलेट पर पढ़ा। इसकी भी खूब चर्चा हुई।
बजट 2020: जब भाषण के दौरान बीमार पड़ गईं वित्त मंत्री
BJP के नेता बोलते बहुत हैं। सबूत निर्मला का अपना दूसरा बजट भाषण रहा। उन्होंने 2 घंटे 41 मिनट लंबा भाषण दिया। इससे पहले जसवंत सिंह ने 2003 में 2 घंटे 13 मिनट तक बजट भाषण दिया था।
निर्मला ने पंडित दीनानाथ कौल की कश्मीरी कविता 'वतन' पढ़ी। इसको पढ़ने के दौरान सांसद खूब तालियां बजाते रहे। सभी के साथ PM मोदी और अमित शाह भी टेबल बजाते नजर आए। ढाई घंटे बाद एक पल ऐसा आया, जब अचानक वित्त मंत्री की तबीयत बिगड़ गई। वे असहज महसूस करने लगीं, तो सदन में कुछ वक्त के लिए सन्नाटा छा गया। हरसिमरत कौर बादल तो अपनी जगह से उठकर उनके पास मदद करने पहुंच गईं। राजनाथ सिंह उन्हें बजट पढ़ने से मना करने लगे, लेकिन वे नहीं मानीं और अपनी बात रखी। हालांकि वे बजट के दो पन्ने नहीं पढ़ पाईं।
बजट 2019: सूटकेस की जगह बहीखाता बजट लेकर पहुंचीं, सदन से माफी मांगी
निर्मला के लिए बतौर वित्त मंत्री यह पहला बजट था। यह चर्चा में इसलिए भी रहा, क्योंकि उन्होंने बजट दस्तावेज को ब्रीफकेस में लाने की परंपरा को तोड़ा। जैसे ही वित्त मंत्रालय से लाल कपड़े में बही खाता बजट लेकर निकलीं, टीवी पर उनके इस फैसले की चर्चा होने लगी। सोशल मीडिया पर फोटो और वीडियो शेयर किए जाने लगे।
ब्रीफकेस में बजट लाने की परंपरा ब्रिटेन में शुरू हुई, जिसे अंग्रेज भारत लाए। आजादी के बाद पहले वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी ने 26 जनवरी 1947 को लेदर बैग में बजट पेश किया था।
निर्मला का यह बजट भाषण बेहद असरदार रहा। निर्मला ने चाणक्य सूत्र- कार्य पुरुषा करे, ना लक्ष्यम संपा दयाते' के जरिए अपनी सरकार के काम और नीतियों को पूरा करने की बात जोरदार तरीके से रखी। उन्होंने उर्दू शेर पढ़े और तमिल कविता का इस्तेमाल भी किया।
इतना ही नहीं, शेर के लफ्जों का सही उच्चारण करने में दिक्कत होने के लिए उन्होंने संसद से माफी भी मांगी। हिंदी में एक घोषणा की तो सदन में 2 मिनट तक तालियां बजती रहीं। उर्दू के मशहूर शायर मंजूर हाशमी की एक शायरी- यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर भी चिराग जलता है, भी पढ़ी।