यूनेस्को की वर्ल्ड टीन पार्लियामेंट के लिए उदयपुर की 12वीं क्लास की स्टूडेंट अन्नपूर्णा का चयन हुआ है। वर्ल्ड टीन पार्लियामेंट यानी 'विश्व किशोर संसद' में दुनियाभर से 100 टीनएजर्स चुने गए हैं। इनका सलेक्शन दुनियाभर के करीब 72 हजार टीनएजर्स में से किया गया है। यूनेस्को की किशोर संसद में ये बच्चे देश और दुनिया की समस्याओं को अपने इनोवेशन से दूर करने की कोशिश करते हैं। नए-नए तरीके सुझाते हैं। टीन पॉर्लियामेंट अगले साल जनवरी तक चलेगी। इसमें कुल 12 सेशन होंगे।
किसान की बेटी ने किया कमाल
उदयपुर के लूणदा गांव की रहने वाली 17 वर्षीय अन्नपूर्णा कृष्णावत शहर के सीपीएस स्कूल में आटर्स-ह्युमैनिटीज से 12वीं की छात्रा हैं। इससे पहले 10वीं तक वह छोटे से कस्बे कानोड़ के स्कूल में पढ़ी। फिलहाल अन्नपूर्णा अपने गांव लूणदा से ही ऑनलाइन स्टडी कर रही हैं। अन्नपूर्णा के पिता खेती करते हैं और मां हाउजवाइफ हैं। सलेक्शन करने वाली यूनेस्को की टीम ने अन्नपूर्णा के भारतीय राजनीति में शिक्षा और नेताओं पर होने वाले खर्च से जुड़े विचार जाने और उन्हें शॉर्टलिस्ट किया।
अन्नपूर्णा को स्कूल की तरफ से टीन पार्लियामेंट में पार्टिसिपेट करने के बारे में जानकारी दी गई थी। इसके बाद अन्नपूर्णा ने रजिस्टर किया था।
17 साल की अन्नपूर्णा क्या बदलना चाहती हैं
अन्नपूर्णा ने डिजिटल वर्किंग को बढ़ावा देने का सुझाव दिया। उन्होंने पेपरलेस वर्क को प्रमोट करने की बात कही। उन्होंने कहा, 'डिजिटल मीटिंग होने से मंत्रियों-नेताओं के होटल में रुकने और आने-जाने में लगने वाला पैसा और समय बचेगा। इस पैसे को सही जगह इस्तेमाल किया जा सकता है।'
अन्नपूर्णा ने कैबिनेट में चुने जाने वाले मंत्रियों के तरीके पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कैबिनेट मिनिस्टर चुने जाने आधार विभाग की नॉलेज होनी चाहिए। अन्नपूर्णा का मानना है कि जो व्यक्ति मिनिस्टर का पद संभाले, उसे अपने विभाग के बारे में पूरी जानकारी और क्षेत्र से सम्बंधित नॉलेज होनी चाहिए। जैसे शिक्षा मंत्री बेहतर शिक्षित होना चाहिए, चिकित्सा मंत्री किसी पुराने डॉक्टर या सांइस से जुडे व्यक्ति को बनाना चाहिए। जिस व्यक्ति में विभाग से जुड़ी योग्यताएं ही नहीं और उसका बैकग्राउंड ही नहीं तो वह विभाग कैसे संभालेगा?
अन्नपूर्णा ने शिक्षा की नीतियों को बदलने की भी बात कही। तर्क दिया, 'आज की शिक्षा नीति कहती है कि पढाई कर लो और डिग्री ले लो। कुछ काम करने लग जाओ और पैसा कमा लो। मगर शिक्षा का अर्थ पैसा कमाना नहीं, बल्कि ज्ञान कमाना होना चाहिए। हर व्यक्ति के पास रहने का एक ठिकाना होना चाहिए। देश में नागरिक सुरक्षित महसूस करें।' छात्रा ने स्वच्छता और चिकित्सा में आत्मनिर्भर बनने पर भी फोकस किया।
दुनियाभर के 72 हजार में से चुने गए 200 टीनएजर्स
इस संसद के लिए पिछले साल जुलाई में आवेदन निकाले गए थे। थीम थी- दुनिया को कैसे सुधारा जा सकता है। इस थीम पर टीनएजर्स को वीडियो अपलोड करने को कहा गया था। इसमें दुनियाभर के करीब 72 हजार टीनएजर्स ने अपने वीडियो अपलोड किए। पूरी दुनिया से पहले 300 बच्चों को चुना गया। इसके बाद जोनल लाइन वोटिंग के जरिए टॉप-200 का सलेक्शन किया गया। इसमें अन्नपूर्णा भी शामिल हैं। टीन पार्लियामेंट में अब 100 एमपी व 100 इन्फ्लूएंसर एमपी बनाए जाएंगे। ये दुनियाभर के मुद्दों पर संसद की तरह बहस करेंगे और समाधान पर चर्चा करेंगे।
वीडियो : अभिषेक श्रीमाली