भोपाल में मध्यप्रदेश सरकार के दूसरे सबसे बड़े सतपुड़ा भवन में सोमवार शाम 4 बजे लगी आग मंगलवार सुबह 9.25 बजे फिर भड़क उठी। 6वें फ्लोर के एसी डक से आग की लपटें उठने लगीं। मंगलवार सुबह 8 बजे तक टीम ने आग पर काबू पा लिया था, लेकिन 6वें फ्लोर से धुआं उठ रहा है। इसी फ्लोर में फिर आग लगी है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर गठित अफसरों की टीम भी सतपुड़ा भवन में जांच के लिए पहुंची। जांच दल के सदस्य ACS होम राजेश राजौरा ने कहा, 'प्रारंभिक जायजा लिया है। अभी आग लगने के कारणों पर कुछ कहना जल्दबाजी होगा। सभी मंजिलों पर आग पर काबू पा लिया गया है। 6वीं मंजिल पर धुआं निकल रहा है। हम दोपहर 1 बजे से अपनी जांच शुरू करेंगे।'
भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है, 'हमारी प्राथमिकता थी कि कोई जनहानि न हो और आसपास के इलाकों में आग न फैले। मुख्यमंत्री ने पूरे समय इस घटना की मॉनिटरिंग की। केंद्र सरकार से आर्मी की भी मदद ली गई। सभी एजेंसीज - आर्मी, सीआईएसएफ, भेल, एयरपोर्ट अथॉरिटी के प्रयासों से आग काबू में है।'
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम हाउस में घटना को लेकर रिव्यू बैठक बुलाई है। सोमवार रात गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया।
सरकार का अनुमान है कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी और एसी के कंप्रेसर में ब्लास्ट होने से फैलती गई। पूरे ऑफिस में 30 से ज्यादा एसी कंप्रेसर में ब्लास्ट हुए हैं। आग बिल्डिंग की तीसरी मंजिल से शुरू हुई और छठी मंजिल तक पहुंच गई थी। जब आग लगी, तब बिल्डिंग में करीब 1000 लोग थे। भगदड़ में कई लोग घायल हो गए। बताया जा रहा है कि इन 4 मंजिलों में रखी 12 हजार से ज्यादा फाइलें खाक हो चुकी हैं। इनमें ज्यादातर फाइलें चिकित्सा विभाग से संबंधित थीं।
एयरफोर्स से भी मांगी गई थी मदद
नगर निगम, पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम आग को काबू करने में मंगलवार सुबह पांच बजे कुछ हद तक सफल हो गई थी, लेकिन आग को पूरी तरह नहीं बुझा पाई। सुबह 6 बजे सतपुड़ा भवन के पश्चिमी ब्लॉक के पिछले टॉवर से आग की लपटें रुक-रुककर उठ रही थीं। सतपुड़ा भवन की चौथी, पांचवीं और छठवीं मंजिल पर लगी आग को बुझाने लगातार पानी डाले जाने के बाद भी धुएं का गुबार उठता रहा। मौके पर दमकल के करीब 50 वाहन, पानी के करीब 500 टैंकर थे। 16 घंटे बाद इस आग पर काबू पाया जा सका। सरकार ने एयरफोर्स से भी मदद मांगी, लेकिन नहीं मिल सकी।
रात 8 बजे तीसरे, चौथे और पांचवें माले पर लगी आग को काबू करने का दावा किया गया। हालांकि, इस समय छठे फ्लोर से उठतीं आग की लपटें दूर से ही दिखाई दे रही थी।
सीएम ने केंद्र से मदद मांगी
सोमवार रात आग बुझाने की कोशिशें नाकाम होने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से एयरफोर्स की मदद मांगी। बताया गया कि रात में ही AN 32 विमान और MI-15 हेलिकॉप्टर आने वाले थे, लेकिन मंगलवार सुबह तक नहीं आए। CM ने पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी फोन पर चर्चा कर उन्हें जानकारी दी और जरूरी मदद की मांग की। भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि आग ऊपर की मंजिलों में थी और वहां पर ज्वलनशील सामग्री थी, इसलिए इतना समय लग गया।
तीन विभागों के दस्तावेज जलकर राख हुए
सतपुड़ा भवन में कई विभागों के दफ्तर हैं, जिनमें रखे दस्तावेज जलकर राख हो गए। चौथी मंजिल पर हेल्थ डिपार्टमेंट की शिकायत शाखा है। यहां EOW और लोकायुक्त में कर्मचारियों-अधिकारियों के खिलाफ की गई शिकायतों और जांच के दस्तावेज रखे थे। 12 हजार से ज्यादा फाइलें खाक हो चुकी हैं। इनमें ज्यादातर फाइलें चिकित्सा विभाग से संबंधित थीं।
सतपुड़ा भवन में लगी आग को बुझाने में दमकल की करीब 50 गाड़ियां लगी रहीं। SDERF और CISF की टीम भी मौके पर पहुंची।
अब जानिए जिन फ्लोर में आग लगी, वहां कौन से दफ्तर हैं
सतपुड़ा भवन में आग सबसे पहले थर्ड फ्लोर पर लगी। इस फ्लोर पर अनुसूचित जनजाति क्षेत्रीय विकास योजना का दफ्तर है। यहां से आग चौथे, पांचवें और छठे फ्लोर तक पहुंची। इन तीनों फ्लोर पर स्वास्थ्य संचालनालय के दफ्तर हैं।
तीसरी मंजिल पर आग लगी छठी मंजिल तक पहुंच गई।
पुराने फर्नीचर और कागजों से भड़की आग
स्वास्थ्य विभाग में कुछ महीनों पहले इंटीरियर डेकोरेशन और रेनोवेशन का काम कराया गया था। इस दौरान बड़े पैमाने पर लकड़ी की पुरानी अलमारी और दूसरे फर्नीचर निकाले गए थे, जो स्वास्थ्य संचालनालय में ही रखे थे। आग लकड़ी के इस वेस्ट मटेरियल तक पहुंच गई। इस वजह से दमकल कर्मियों को आग बुझाने में मशक्कत करनी पड़ी।
कांग्रेस ने जताई साजिश की आशंका
कांग्रेस ने सतपुड़ा भवन में लगी आग के पीछे साजिश की आशंका जताई है। पूर्व मंत्री अरुण सुभाष यादव ने ट्वीट कर कहा- आग के बहाने घोटालों के दस्तावेज जलाने की साजिश तो नहीं।
पीसी शर्मा ने कहा- सरकार की चला-चली की बेला
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि किसी भी राज्य में चुनाव से पहले सरकारी रिकॉर्ड भवन में अगर आग लग जाए, तो समझो सरकार गई। गुनाह मिटा दिए गए। शिवराज जी और उनकी सरकार की चला चली की बेला है…।
कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा- मैंने 15 दिन पहले ही इसकी आशंका जाहिर की थी कि सरकारी दफ्तरों में आग लगने का अभियान शुरू होगा।
आम आदमी पार्टी के अतुल शर्मा ने कहा है कि सतपुड़ा भवन में लगी आग से सवाल खड़े हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आग लगी या लगाई गई है। सरकार के जाने से पहले सारी गड़बड़ियों और घोटालों के सबूत मिटा दिए गए है।
सतपुड़ा भवन में उठती आग की लपटें और धुआं दूर से ही दिखाई दे रहा था।
बीजेपी ने कहा- कांग्रेस राजनीति कर रही
सतपुड़ा भवन में आग को लेकर बयानबाजी पर बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा- ये गिद्ध रूपी चारित्रिक कांग्रेस है। इसे लाशों पर राजनीति करने में मजा आता है। दुर्घटनावश लगी आग पर मखौल उड़ाने में मजा आता है। ये अपने आप में दुखद है। आग पर काबू पाने के लिए खुद मुख्यमंत्री निगरानी कर रहे हैं। जल्द ही, आग पर काबू पा लिया जाएगा।
कांग्रेस के आरोप निराधार: स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी ने कांग्रेस के आरोपों पर कहा कि यह सब बाद में पता चलेगा कि क्या जला है? क्या हुआ है? कांग्रेस के आरोप निराधार हैं। कांग्रेस के लोग कह रहे हैं कि हमें पहले से पता था तो क्या उन्होंने लगवाई है? जो भी है मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों की कमेटी बनाई है। उसकी जांच में सामने आएगा।
सुरक्षा की मांग को लेकर कर्मचारी मंच करेगा प्रदर्शन
मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच मंगलवार दोपहर एक बजे सतपुड़ा भवन के पास कर्मचारियों की सुरक्षा, शासकीय कार्यालयों की सुरक्षा और अग्निकांड की न्यायिक जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन करेगा। मंच के प्रांताध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा जाएगा।
11 साल पहले भी लगी थी आग
सतपुड़ा भवन की चौथी मंजिल पर 25 जून 2012 को भी आग लगी थी। तब इस फ्लोर पर तकनीकी शिक्षा विभाग का दफ्तर था। तब भी बताया गया था कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी थी।
तस्वीरों में देखिए...
बिल्डिंग में लगे 30 से ज्यादा एसी में ब्लास्ट हो गए। इससे आग और भी तेज होती गई।
सतपुड़ा भवन के तीसरे, चौथे, पांचवें, छठे फ्लोर पर फर्नीचर, दस्तावेज, एसी जल गए।
आग लगने के बाद कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया गया। पूरी बिल्डिंग खाली करा ली गई।
पूरी बिल्डिंग के चारों ओर धुआं भर गया। फायर ब्रिगेड के कर्मचारी आग बुझाते रहे।