राजस्थान में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सबसे बड़े डिपार्टमेंट राजस्थान रोडवेज अपने पिछले 13 साल के सबसे बुरे दौर में आ गया है। ये स्थिति पिछले कोविड के बाद से ज्यादा बिगड़ी है। इन तीन साल के दौरान न केवल राजस्थान रोडवेज की बसों की संख्या कम हुई, बल्कि कई रूट्स पर बसों का संचालन बंद हो गया तो कई पर फेरे कम कर दिए है। कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले अपने जन घोषणा पत्र में रोडवेज में बसों की संख्या बढ़ाने और रूटस पर वृद्धि की घोषणा करते हुए कोई ठोस नीति बनाने की बात कही थी।
कांग्रेस सरकार जब सत्ता में साल 2018 में आई तब रोडवेज के बेड़े में 5295 बसें थी और 2230 रूट्स पर संचालित हो रही थी। कोविड का दौर शुरू होने के बाद मार्च 2021 तक 5087 बसें रह गई और रूट्स घटकर 1798 रह गए। रोडवेज सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में राजस्थान रोडवेज के पास अब 3940 बसें ही बची है, जिनमें से भी केवल 3260 के करीब बसों को संचालित किया जा रहा है, बाकि की बसें स्क्रेप के तौर पर रोक रखी है। ये सभी 3260 बसें करीब 1870 रूट्स पर संचालित हो रही है।
कांग्रेस ने ही बनाया था इसे मुद्दा
पिछली भाजपा सरकार के समय हुए रोडवेज को अप्रत्याशित घाटे को देखकर विपक्ष (कांग्रेस ने) ये मुद्दा भी बनाया था कि भाजपा सरकार रोडवेज िनगम को बंद कर देगी। तब जनघोषणा पत्र लाने के दौरान कांग्रेस ने वादा किया था कि हमारी सरकार आएगी तो हम न केवल रोडवेज को यथावत चलने देंगे, बल्कि बसों की संख्या बढ़ाने और रूटस पर वृद्धि करेंगे और आगे के लिए कोई ठोस नीति तैयार करेंगे।
सरकार की घोषणा ने बढ़ा दी आमजन की परेशानी
लगातार बसोंं की संख्या कम हाेने और सरकार की फ्री यात्रा की घोषणा ने आमजन की परेशानी को और बढ़ा दिया है। वर्तमान गहलोत सरकार ने प्रतियोगी परीक्षा देने जाने वाले स्टूडेंट्स के लिए रोडवेज में परीक्षा देने के लिए आने-जाने का किराया माफ कर रखा है। इस कारण बसों में एग्जाम के समय बहुत भीड़ रहती है। इस कारण से आमजन को इससे काफी परेशानी होती है। क्योंकि बसों की संख्या तो वैसे कम है और पेपर के समय स्टूडेंट्स की भीड़ ज्यादा आने के कारण कई रूट्स पर रोडवेज अपनी बसों का संचालन भी बंद कर देता है।
2000 बसों की खरीद करने की मांग
रोडवेज में हर दिन कम होती बसें के कारण होने वाली परेशानी को देखते हुए रोडवेज के कर्मचारियों ने सरकार से बसों की खरीद करने की मांग की है। राजस्थान परिवहन निगम मंत्रालयिक एवं अधीनस्थ कर्मचारी संघ ने कई बार सरकार को पत्र लिखकर 2000 बसों की खरीद कर रोडवेज के बेड़े में शामिल करने की मांग की है। वहीं संघ की ओर से इस निगम को राज्य सरकार का विभाग बनाने की भी मांग की जा रही है।