पैलेस ऑन व्हील्स यानी पहियों पर महल। ये ट्रेन भी अपने नाम जैसी है। आप जैसे ही इसके कोच में एंट्री करेंगे तो लगेगा आप किसी महल में आ गए हैं। हर कोच को शाही अंदाज में तैयार किया गया है। आपकी खातिरदारी भी शाही अंदाज में होगी।
ट्रेन में वो तमाम सुविधाएं हैं, जो किसी फाइव स्टार होटल में होती हैं…लग्जरी सुइट, जिम, स्पा, बार…। यही वजह है कि पैलेस ऑन व्हील्स को दुनिया की दूसरी सबसे लग्जरी ट्रेन का खिताब हासिल है। काेरोना काल के दौरान 2 साल तक ट्रेन के सफर पर ब्रेक लग गया था। अब 12 अक्टूबर से दोबारा दिल्ली से इसकी शुरुआत हो रही है। 8 अक्टूबर को जयपुर से इसका फेम टूर शुरू होगा।
यह पैकेज 7 दिन और 8 रात का होगा। इनमें दो कैटेगरी है। डीलक्स कैटेगरी के लिए साढ़े तीन लाख और सुपर डीलक्स के लिए करीब साढ़े पांच लाख रुपए खर्च करने पड़ेंगे। 2 साल में ट्रेन में काफी बदलाव कर दिया गया है। क्या कुछ बदला गया है और कैसा है ट्रेन का नया लुक। इसी सवाल का जवाब जानने के लिए स्पेशल परमिशन से हम ट्रेन के अंदर पहुंचे।
पढ़िए और देखिए पैलेस और ऑन व्हील्स के अंदर से भास्कर टीम की स्पेशल रिपोर्ट…
कपल्स के लिए स्पेशल लग्जरी रूम
इस ट्रेन की सबसे खास बात है इसके स्पेशल लग्जरी सुईट। पूरे सफर में इन सुइट का किराया सबसे महंगा है। स्पेशल लॉन्ज के साथ इसे खास तौर पर कपल्स के लिए तैयार किया गया है।
पैलेस ऑन व्हील्स में 22 कोच हैं। इनमें से 14 कोच को लग्जरी रूम की तरह तैयार किया गया है।
इसके अलावा बाकी कोच में किचन, 2 रेस्टोरेंट, 1 बार, 1 स्पा-हेल्थ क्लब है। वहीं, 2 कोच टेक्निकल और अन्य स्टाफ के लिए तैयार किए गए हैं।
अभी 38 पैसेंजर करेंगे सफर, 18 केबिन बुक
पैलेस ऑन व्हील्स एक बार फिर शाही सफर के लिए तैयार है। 38 पैसेंजर टिकट बुक करा चुके हैं। इनमें से 41 में से 18 केबिन बुक हो चुके हैं, जो बढ़ने की संभावना है। 12 अक्टूबर को दिल्ली से ये ट्रेन अपने सफर के लिए रवाना होगाी। अभी ट्रेन जयपुर में है।
अधिकांश केबिन को तैयार कर लिया गया है। पैसेंजर की खातिरदारी के लिए 49 लोगों का स्टाफ तैनात रहेगा।
5 साल तक के बच्चों के लिए कोई टिकट नहीं है, जबकि 5 से 10 साल के लिए आधा किराया लिया जाता है।
40 साल में 70 हजार लोग कर चुके हैं सफर
पैलेस ऑन व्हील्स के संचालन को करीब 40 साल हो चुके हैं। इतने सालों में 70 हजार से ज्यादा लोग इस शाही ट्रेन में सफर कर चुके हैं। सबसे ज्यादा मेहमान UK, US, UAE समेत जर्मनी, फ्रांस, पेरिस, रूस और अमेरिका से आते हैं।
प्रॉफिट का 20 प्रतिशत डेकोरेशन पर होता है खर्च
साल में 4 महीने के लिए इस ट्रेन की बुकिंग बंद कर दी जाती है। क्योंकि 8 महीने के सफर के बाद हर साल 4 महीने ट्रेन का डेकोरेशन किया जाता है। आरटीडीसी के अधिकारियों के अनुसार हर साल इसके प्राॅफिट का 20 प्रतिशत हिस्सा इसकी सजावट समेत अन्य लग्जरी सुविधाओं पर खर्च किया जाता है।
भारत गौरव पॉलिसी के तहत चलेगी ट्रेन
आरटीडीसी विभाग के मुताबिक ये ट्रेन अब भारत गौरव पॉलिसी के तहत चलेगी। हालांकि, इसका संचालन राजस्थान टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ही कर सकता है। काफी वक्त से इसे किसी निजी फर्म को देने की प्लानिंग थी, लेकिन किसी ने भी इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई।
इसलिए आरटीडीसी ही इसे चला रही है। माना जाता है आरटीडीसी और भारतीय रेलवे की बॉन्डिंग भी सही है। पैलेस ऑन व्हील्स की लास्ट ट्रिप में करीब एक करोड़ से ज्यादा का फायदा हुआ था।
सहयोग: निखिल सिंह