अजमेर जिले के पुष्कर में इन दिनों इजराइली पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। यहां यहूदी कैलेंडर के अनुसार रविवार रात न्यू ईयर पार्टी मनाई गई। इसे इजराइली भाषा में रोशेनाथ कहा जाता है। इस जश्न में इजराइल के प्रसिद्ध सिंगर मूसा बनारी भी पहुंचे। साथ पुष्कर के नगाड़ा वादक नाथू लाल सोलंकी के संगीत पर विदेशी जमकर थिरके। इस दौरान यहां पर डिनर पार्टी भी आयोजित की गई।
पुष्कर में बढ़े टूरिस्ट
विदेशी टूरिस्ट बढ़ने से पुष्कर के होटल रेस्टोरेंट फुल होने लगे हैं। यहां के होटल मालिक, रेस्टोरेंट संचालक, गेस्ट हाउस संचालकों के चेहरे पर खुशी नजर आने लगी है। दरअसल, पुष्कर में इजराइली पर्यटकों का धर्मस्थल खबाद हाउस खुलने के साथ ही इजराइली पर्यटकों का आना शुरू हो जाता है।
इजराइली यहूदी धर्म के सांस्कृतिक और धार्मिक दूतावास के रूप में करता है काम
भारत में विभिन्न राज्यों के अंतर्गत 18 खबाद हाउस बीते 30 सालों से संचालित किए जा रहे हैं। इनमें देशभर से आने वाले यहूदी धर्मावलंबियों को टोरा धर्म ग्रंथ के अध्ययन के साथ-साथ यहूदी धर्म से संबंधित उत्सव, रीति-रिवाज आयोजित किए जाते हैं।
नए साल के जश्न में पर्यटक जमकर थिरके।
खबाद हाउस मैनेजर हनुमान प्रसाद बोकोलिया ने बताया कि इस बार 18 सितंबर को इजराइल खबाद हाउस सभी इजराइल पर्यटकों के लिए खोला गया है। पुष्कर में औसतन हर साल 3000 इजराइली पर्यटक पहुंचते हैं। धर्मगुरु सिमसॉन्ग गोल्डस्टीन अपने परिवार सहित इजराइल खबाद हाउस पहुंचे हैं। 25 सितंबर को नया साल अपने रीति-रिवाज पूजा पाठ कर बहुत ही सादगी से मनाया गया।
जश्न के दौरान नाच-गाना और बाद में डिनर का आयोजन भी हुआ।
26 सितंबर को शाम को सभी ने पुष्कर सरोवर में जाकर पूजा अर्चना की। 24 सितंबर को भी युद्ध में शहीद हुए इजराइल आर्मी एवं भारतीय आर्मी के जवानों को कैंडल जलाकर श्रद्धांजलि दी गई। यहां 24 घंटे हथियारबंद सुरक्षा गार्ड है। बम निरोधक मशीन लगाई गई है।
पुष्कर का चर्चित यहूदी धर्मस्थल खबाद 19 सितम्बर को खोला गया, जहां पर्यटकों का आना शुरू हो गया है।
आतंकवादियों के निशाने पर रहा है पुष्कर का खबाद हाउस
पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली ने 2009 में इसकी रैकी की थी। जिसका खुलासा मुंबई हमलों के बाद हुआ था। खबाद हाउस की संवेदनशीलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि खुलासे के बाद से ही देश की सुरक्षा एजेंसी एनएसजी, एटीएस, क्यूआरटी टीमों ने यहां कई बार एंटी टेरर और होस्टेज सिचुएशन ड्रिल को अंजाम दिया। सुरक्षा कारणों के चलते खबाद हाउस पर 24 घंटे सशस्त्र जवानों की तैनाती रहती है।