उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या का असली मकसद आतंक की दहशत कायम करना था। तय था कि कन्हैयालाल को गोली नहीं मारनी है। आतंकवादी संगठन ISIS की तरह गला काटना है और उसका वीडियो भी बनाना है, ताकि देखने वालों की रूह कांप जाए। कन्हैयालाल ही नहीं, नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट करने वाले कई लोग इन हत्यारों के निशाने पर थे।
भास्कर टीम आतंक के नेटवर्क की पड़ताल के लिए उदयपुर की एसके इंजीनियरिंग फैक्ट्री में भी गई, जहां हत्यारों ने हथियार तैयार किए थे। दोनों ने कई ऐसे हथियार बनाए, जिनसे आसानी से सर को धड़ से अलग किया जा सकता था।
एक हत्यारा गौस मोहम्मद वेल्डर का काम करता है, उसी ने हथियार तैयार किए। दोनों ने इसी फैक्ट्री में हत्याकांड से पहले और बाद में वीडियो भी बनाए थे। पुलिस ने इसी फैक्ट्री से कई हथियार बरामद किए हैं।
भारी मेटल का हथियार, ताकि एक झटके में गर्दन कट जाए
रियाज जब्बार और गौस मोहम्मद को ऑर्डर मिला था कि नूपुर शर्मा के समर्थकों को गोली नहीं मारनी है। गला काटना है और इसका वीडियो बनाकर वायरल करना है ताकि देशभर में दहशत का माहौल बन सके।
गौस मोहम्मद ने फैक्ट्री में भारी मेटल से खुद ही गंडासे जैसा दिखने वाला हथियार बनाया। ज्यादा वजन के इस हथियार की धार भी तेज रखी गई ताकि एक ही झटके में गर्दन कट सके। ये ऑर्डर दोनों को ट्रेनिंग देने वालों ने ही दिए थे। हत्याकांड की जांच कर रही SIT के अधिकारियों के मुताबिक दोनों को ट्रेनिंग देने वालों के बारे में फिलहाल पता नहीं चल सका है।
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28 जून को कन्हैयालाल का मर्डर करने के बाद दोनों आरोपी राजसमंद की तरफ भागे थे। महज 4 घंटे में पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था और पकड़े जाने के बाद उनकी जमकर पिटाई भी हुई थी।
बाइक पर था मुंबई हमले की तारीख का नंबर 2611, पहले से स्टार्ट रखी थी
गौस और रियाज दोनों कन्हैयालाल की हत्या के लिए बाइक लेकर पहुंचे थे। बाइक पर मुंबई हमले की तारीख 2611 का नंबर था। दोनाें ने दुकान से 70 मीटर दूर गली के कोने पर बाइक को स्टार्ट ही छोड़ दिया था, ताकि आसानी से फरार हो सकें। हत्या के बाद दोनों बाइक लेकर देवगढ़ की ओर एक गैराज में गए।
दोनों का वहीं रुकने का प्लान था, लेकिन गैराज वाले ने मना कर दिया। इसके बाद दोनों बाइक लेकर गांवों के रास्ते से राजसमंद के भीम की ओर भागे। उनका अजमेर भागने का प्लान था, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने दाेनों को पकड़ लिया। बाइक भी पुलिस की कस्टडी में है।
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टायर कारोबारी की भी हत्या का था प्लान
गौस और रियाज का उदयपुर में एक टायर कारोबारी की हत्या का भी प्लान था। कारोबारी नितिन जैन ने बताया कि उन्होंने 7 जून को नुपूर शर्मा की पोस्ट गलती से शेयर कर दी थी। माहौल खराब करने के नाम पर उसके खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने नितिन को भी गिरफ्तार किया था।
9 जून से 7 लोग लगातार उसकी दुकान पर रेकी कर रहे थे। 11 जून को ये आतंकी नितिन की हत्या करने की फिराक में थे। डर के कारण नितिन ने दुकान पर ही जाना बंद कर दिया और उदयपुर छोड़कर किसी अन्य शहर में चले गए।
यह वह फैक्ट्री है जहां कन्हैयालाल के मर्डर के लिए हथियार बनाया गया था। यह फैक्ट्री उदयपुर से 20 किलोमीटर दूर सापेटिया इलाके में है, यहां से कुछ हथियार भी बरामद किए गए।
दोनों हत्यारे तीसरा वीडियो अजमेर से बनाने वाले थे
जांच में पता लगा कि रियाज और गौस अजमेर पहुंचकर इस हत्याकांड से जुड़ा तीसरा वीडियो बनाने वााले थे। दोनों की मंशा यही थी कि हत्या के बाद दहशत फैलाने के लिए तीसरा वीडियो भी वायरल किया जाए। NIA जांच कर रही है कि दोनों अजमेर में कहां और किसके पास रुकने वाले थे।
कई लोगों की हत्या की प्लानिंग थी
रियाज और गौस ने वॉट्सऐप से कई युवाओं को जोड़ रखा था। वे चाहते थे कि कन्हैयालाल की हत्या के बाद पुलिस उन्हें पकड़ भी ले तो दूसरे साथी नुपूर शर्मा की पोस्ट का समर्थन करने वाले लोगों की इसी तरीके से हत्याएं करते रहें, इसीलिए उन्होंने कन्हैयालाल की हत्या से पहले अपने साथियों को उकसाने के लिए वीडियो बनाया था। वीडियो में रियाज ने कहा था कि वो पकड़ा जाएगा लेकिन हत्याएं जारी रहनी चाहिए।
6 दिन पहले ही लगाए थे सीसीटीवी, हत्यारों ने कनेक्शन काटा
पत्नी यशोदा ने बताया कि कन्हैयालाल 15 दिनों से बहुत परेशान चल रहे थे। शिकायत के बाद भी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। उनकी दुकान पर रेकी की जा रही थी। रोजाना धमकी मिल रही थी। तब उन्होंने 6 दिन पहले ही दुकान में सीसीटीवी लगवाए थे।
रियाज और गौस ने हत्या का जो वीडियो बनाया, उसमें भी सीसीटीवी दिखाई दे रहा है। रियाज और गौस को इसका पता चल गया था, इसलिए उन्होंने दुकान में घुसने से पहले सीसीटीवी का कनेक्शन काट दिया था। घटना के दौरान सीसीटीवी चालू ही नहीं था।
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