शिंदे गुट के बगावत के 7वें दिन शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए बड़ा हमला बोला है। सामना के संपादकीय में शिंदे गुट को नचनिया बताया गया है। इधर, शिवसेना के विधायक उदयसिंह राजपूत ने दावा किया है कि शिंदे गुट में जाने के लिए उन्हों 50 करोड़ रुपए देने का ऑफर दिया गया।
सामना में आगे लिखा- जिन 15 विधायकों को केंद्र की ओर से सुरक्षा दी गई है, वो लोकतंत्र के रखवाले नहीं है। ये लोग 50-50 करोड़ रुपए में बेचे गए बैल अथवा ‘बिग बुल’ हैं, जो लोकतंत्र के लिए कलंक है। वहीं फडणवीस और शिंदे के मुलाकात पर भी निशाना साधा गया है।
सियासी संग्राम के बीच शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया।
महाराष्ट्र में सियासी हंगामे के बड़े अपडेट्स...
- एकनाथ शिंदे और भारत गोगावले की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। कोर्ट में बागी विधायकों का पक्ष वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे रखेंगे।
- बागी विधायक एकनाथ शिंदे की ओर से भी अब शक्ति प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया है। ठाणे में शिंदे समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं।
- CM उद्धव आज शाम मुंबई के गोवंडी में एक रैली को संबोधित करेंगे। इसमें आदित्य ठाकरे भी शामिल होंगे। सियासी संकट के बाद यह पहली राजनीतिक रैली है।
केंद्रीय मंत्री रावसाहब दानवे बोले- 2-3 दिन ही हम विपक्ष में
केंद्र सरकार के मंत्री रावसाहेब दानवे ने एक मीटिंग में कहा- हम सिर्फ 2-3 दिन विपक्ष में मौजूद हैं। अपने कार्यकाल में जो करना है, जल्दी करें। उनके इस बयान से महाराष्ट्र में बीजेपी के सरकार बनाने के संकेत मिल रहे हैं। खास बात यह है कि इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे भी मौजूद थे।
उद्धव के 8 मंत्री गुवाहाटी में,आदित्य के करीबी सामंत भी शामिल
महाराष्ट्र में जारी सियासी संग्राम के बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अकेले पड़ते जा रहे हैं। विधायक हों या मंत्री, सभी बागी शिंदे गुट का दामन थाम रहे हैं। अब उद्धव के खेमे में शिवसेना के 3 मंत्री आदित्य ठाकरे, अनिल परब और सुभाष देसाई ही बचे हैं।
देसाई और परब विधान परिषद के सदस्य हैं, जबकि एक अन्य कैबिनेट मंत्री शंकरराव गडख क्रांतिकारी शेतकारी पक्ष पार्टी से हैं। आदित्य ठाकरे के करीबी मंत्री उदय सामंत भी रविवार को गुवाहाटी पहुंच गए।
महाविकास अघाड़ी की सरकार में शिवसेना कोटे से मुख्यमंत्री के अलावा 11 मंत्री बनाए गए थे।
सियासी बवाल के 3 बड़े बयान
1. आदित्य ठाकरे - एकनाथ शिंदे को 20 मई को ही मुख्यमंत्री बनने का ऑफर उद्धव ठाकरे की ओर से दिया गया था, लेकिन फिर भी उन्होंने बगावत की। उन्होंने शाहरुख की फिल्म दिलवाले का डायलॉग बोला- हम शरीफ क्या हुए, सारी दुनिया बदमाश हो गई... बाला साहेब होते तो जवाब देते।
2. एकनाथ शिंदे - बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना उन लोगों का समर्थन कैसे कर सकती है जिनका मुंबई बम विस्फोट के दोषियों, दाऊद इब्राहिम और मुंबई के निर्दोष लोगों की जान लेने के लिए जिम्मेदार लोगों से सीधा संबंध था। इसलिए हमने ऐसा कदम उठाया है।
3. संजय राउत - गुवाहाटी में बैठे 40 बागी विधायक जिंदा लाश की तरह हैं। वे वहां छटपटा रहे हैं। ये 40 लोग जब मुंबई आएंगे तब वे मन से जिंदा नहीं होंगे, उनकी आत्मा वहीं रह जाएगी।
उद्धव की वजह से पहले भी दो बार शिवसेना में टूट हुई, लेकिन इसके बावजूद वे अलर्ट नहीं हुए। उद्धव की इमोशनल अपील का भी इस बार टूट पर असर नहीं हो रहा है... पढ़ें स्पेशल रिपोर्ट