राजस्थान में कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों को सरकार ने रोडवेज बसों में फ्री यात्रा की सुविधा दी है। लेकिन राजस्थान सरकार की यह सुविधा अब आम अभ्यर्थियों के लिए दुविधा में तब्दील हो गई है। जिसकी वजह से जयपुर में भीषण गर्मी में हजारों अभ्यर्थियों को परेशान होना पड़ रहा है। ऐसे में सरकारी लापरवाही से जहां कुछ अभ्यर्थी निर्धारित वक्त तक परीक्षा केंद्र तक नहीं पहुंच सके। वहीं कुछ ने आखरी वक्त में मजबूरन निजी बसों में सफर कर परीक्षा केंद्र पहुंचने की कोशिश की।
नारायण विहार चौराहे पर बनाए गए अस्थाई बस अड्डे पर सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां।
सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर उड़ी धज्जियां
रोडवेज की बसों में निशुल्क परिवहन की सुविधा के बाद बड़ी संख्या में छात्र निशुल्क यात्रा करना चाहते हैं। इस वजह से 52 सीटर बसों में 100 से ज्यादा छात्र बैठ गए। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ती नजर आई। लेकिन जब छात्र बस के अंदर नहीं बैठ पाए। तो कुछ ने अपनी जान जोखिम में डालकर बस की छत पर बैठ गए। इन्हें रोकने के लिए न तो रोडवेज प्रबंधन आगे आया और न ही पुलिस प्रशासन। ऐसे में मुफ्त यात्रा की सौगात छात्रों की जान का खतरा बनती नजर आ रही है।
बसों की छत पर बैठकर यात्रा करने को मजबूर अभ्यर्थी।
जोधपुर परीक्षा देने जा रहे जयपुर के रवि मीणा ने बताया कि सरकार द्वारा छात्रों को सुविधा तो दी गई। लेकिन इसके लिए पुख्ता व्यवस्था नहीं की गई। इसकी वजह से अब छात्रों को दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं हरीश खंडेलवाल ने कहा कि हर बार की तरह इस बार भी सरकारी लापरवाही का खामियाजा आम आदमी को उठाना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार को हर निर्णय से पहले आत्म चिंतन करना चाहिए। ताकि सरकारी भूल आम आदमी के लिए परेशानी का कारण न बने।
बस में जगह नहीं मिलने पर केबिन में घुसे छात्र।
दरअसल, राजस्थान में कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा के दौरान छात्रों को सरकार द्वारा रोडवेज बसों में परीक्षा से 6 दिन फ्री यात्रा की सुविधा दी गई थी। जिसके तहत अभ्यर्थी परीक्षा से 1 दिन पहले और 1 दिन बाद भी रोडवेज बसों में फ्री सफर कर सकते हैं। लेकिन सरकार की यह सुविधा राजधानी जयपुर में अभ्यर्थियों के लिए परेशानी का कारण बन गई।
जगह नहीं मिलने पर बस में लटककर सफर करते छात्र।
गुरुवार को घंटो तक जिला प्रशाशन द्वारा बनाय गए अस्थाई बस स्टैंड पर छात्र बसों का इंतजार करते नजर आए। लेकिन बसों की किल्लत की वजह से जहां परीक्षा देने जा रहे युवाओं को बस में जगह नहीं मिल पाई। वहीं जिन अभियर्थियों को जगह मिली। उन्हें जान जोखिम में दाल सफर करना पड़ा। ऐसे में कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा से पहले ही शासन-प्रशासन की लापरवाही ने प्रदेश के युवाओं की अग्नि परीक्षा ले ली।
बस में जगह नहीं मिलने पर अपनी बारी का इंतजार करते हताश छात्र।