शराब नीति केस में 1 अप्रैल से तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जुड़ी दो याचिकाओं पर सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। एक्टिंग CJ मनमोहन की कोर्ट में केजरीवाल की जमानत के लिए जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।
याचिका 'वी द पीपल ऑफ इंडिया' के नाम से एक लॉ स्टूडेंट ने लगाई थी। केजरीवाल की ओर से एडवोकेट राहुल मेहरा ने कहा- सभी मामलों में असाधारण जमानत दें। ऐसी अपील कैसे की जा सकती है। यह पूरी तरह से पब्लिसिटी के लिए दायर की गई याचिका है।
इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा- मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी से पूरी सरकार रुक गई है। वे सरकार के मुखिया हैं। कोर्ट ने कहा- राहुल मेहरा CM की ओर से पेश हुए हैं। उनका कहना है कि वे अपना काम कर रहे हैं। उन्हें आपसे कोई मदद नहीं चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने 75 हजार का जुर्माना लगाते हुए याचिका खारिज कर दी।
वहीं दूसरे मामले (ED के समन के खिलाफ) की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस सुरेश कैत और जस्टिस मनोज जैन की बेंच में हुई। बेंच ने इसे 15 मई के लिए लिस्ट कर दिया।
तीसरी याचिका पर राऊज उवेन्यू कोर्ट में सुनवाई होगी
तीसरा मामला दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में स्पेशल जज कावेरी बावेजा सुनेंगी। केजरीवाल ने अपने डायबिटीज की रेगुलर जांच, डॉक्टर से कंसल्टेंशन और इंसुलिन की मांग को लेकर यह याचिका लगाई है। इस पर शाम तक फैसला आएगा।
ED ने 18 अप्रैल को राऊज एवेन्यू कोर्ट से कहा था कि जेल में केजरीवाल जानबूझकर आम और मिठाई खा रहे हैं, ताकि उनका शुगर लेवल बढ़े और उन्हें मेडिकल ग्राउंड पर जमानत मिल जाए। कोर्ट ने ED से इस पर जवाब मांगा है। इस पर आज फैसला आएगा।
अपडेट्स
केजरीवाल ने तिहाड़ जेल सुपरिंटेंडेंट को चिट्ठी लिखी, कहा- आपके दोनों बयान झूठे
अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को तिहाड़ जेल सुपरिंटेंडेंट के नाम एक चिट्ठी लिखी है। सूत्रों के मुताबिक इस चिट्ठी में केजरीवाल ने लिखा है- मैंने अखबार में तिहाड़ जेल प्रशासन का बयान पढ़ा, जिसे पढ़कर बहुत दुख हुआ। तिहाड़ के दोनों बयान झूठे हैं। मैं रोज इन्सुलिन मांग रहा हूं। मैंने ग्लूकोमीटर की रीडिंग दिखाई। उन्हें बताया भी कि दिन में 3 बार शुगर बहुत हाई हो रही है। AIIMS के डॉक्टरों ने मुझसे कभी भी नहीं कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। बल्कि उन्होंने डेटा और हिस्ट्री देखकर बताने कहा है। तिहाड़ जेल प्रशासन राजनीतिक दवाब में झूठ बोल रहा है।
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कोर्ट: क्या आपकी दलीलें पूरी हो गई हैं?याचिकाकर्ता के वकील: हां।
कोर्ट ने PIL लगाने वाले पर 75 हजार का जुर्माना लगाया और एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी अंतरिम बेल की याचिका खारिज कर दी।
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कोर्ट: उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। ऐसा नहीं है कि उनकी तरफ से कोई नहीं है। वे अपना काम कर रहे हैं। हम जनहित याचिका के लिए न्यायिक आदेशों से अलग कैसे जा सकते हैं।
याचिकाकर्ता के वकील: CM फैसले लेने, रिव्यू करने या आदेश देने के लिए ही उपलब्ध नहीं है। पूरी दुनिया हम पर हंस रही है। जेल में उनकी सुरक्षा भी चिंता की बात है।
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कोर्ट: लगता है पिछली बार लगाया गया जुर्माना काफी नहीं था। इसलिए लोग इस तरह की याचिकाएं लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं।
मेहरा: शायद पाइपलाइन में कुछ और याचिकाएं भी हैं। वे इस मामले के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
याचिकाकर्ता के वकील: यह एक असाधारण मामला है। मैं उनका कार्यकाल पूरा होने तक अंतरिम राहत मांग रहा हूं। उनके पास 8 विभाग हैं।
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कोर्ट: हमने कई बार कहा है कि निजी हित को राष्ट्र हित से नीचे रखना पड़ता है। लेकिन वह मुख्यमंत्री की निजी कॉल है। हम उन्हें सलाह देने वाले कोई नहीं हैं। वह अदालत के आदेशों पर हिरासत में हैं। और मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है।
कोर्ट: आप उनके लिए बॉन्ड और सिक्योरिटी देंगे। आप दावा कर रहे हैं वह किसी को प्रभावित नहीं करेगा। ये वादा करने वाले आप कौन होते हैं? यदि आप इस पर दबाव डालेंगे तो हम पिछले याचिकाकर्ता पर लगाए जुर्माने से ज्यादा आप पर जुर्माना लगाकर याचिका खारिज कर देंगे।
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मेहरा: याचिकाकर्ता की अपील देखें। उनके (याचिकाकर्ता) पिता को न्याय सत्ता पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया है। वह इसे राजनीतिक मंच बना रहे हैं।
कोर्ट: तो फिर हिरासत में कोई नहीं होना चाहिए। क्या आप इसी न्यायशास्त्र की वकालत कर रहे हैं। जिस याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका लगाई है, वह कानून का छात्र है। क्या वह अपनी क्लासेस में मौजूद होता है? क्या उसकी अटेंडेंस अच्छी है?
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याचिकाकर्ता के वकील: सीएम दवाओं की सप्लाई की परमिशन वाले दस्तावेजों पर साइन करने के लिए भी उपलब्ध नहीं हैं। मेरी याचिका मुख्यमंत्री को राहत देने के लिए नहीं है। मेरी चिंता सिर्फ दिल्ली के लोगों को लेकर है।
याचिकाकर्ता के वकील: आज तक यह तय नहीं हो पाया है कि वह दोषी हैं। पिछले तीन दिनों से ट्रायल कोर्ट यह तय कर रहा है कि वे क्या खा सकते हैं और क्या नहीं।
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याचिकाकर्ता के वकील: यह एक असाधारण केस है। हम यहां केजरीवाल को सलाह देने के लिए नहीं आए हैं।
कोर्ट: यह असाधारण नहीं है, कानून हर एक के लिए बराबर है।
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याचिकाकर्ता के वकील: मैंने आदेश पढ़ा है कि सरकारी अस्पतालों में दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। यह मेरा सवाल और मेरी असली चिंता है। मुझे कोई पब्लिसिटी नहीं चाहिए इसलिए मैंने अपना नाम नहीं बताया। मेरी पार्टी किसी भी चुनाव में भाग नहीं ले रही है। मेरी चिंता केवल यही है कि दिल्ली के 3 करोड़ लोग जिनमें 1.59 करोड़ लोग रजिस्टर्ड वोटर्स हैं, उनके बच्चों की शिक्षा और चिकित्सा का क्या होगा?
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कोर्ट: वह सज्जन (केजरीवाल) कोर्ट के आदेश पर न्यायिक हिरासत में हैं।
मेहरा: मेरे पास वैधानिक उपाय हैं।
याचिकाकर्ता के वकील: मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी से पूरी सरकार रुक गई है। वे सरकार के मुखिया हैं।
मेहरा: इस अदालत ने तीन मामलों का फैसला किया है। ताजा आदेश में जुर्माना लगाया गया है। उन्हें आदेश पढ़ना चाहिए।
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ACJ मनमोहन: वे (राहुल मेहरा) सीएम की ओर से पेश हुए हैं। उनका कहना है कि वे अपना काम कर रहे हैं। उन्हें आपसे कोई मदद नहीं चाहिए। आप कौन होते हैं उनकी मदद करने वाले? आपको वीटो शक्ति कैसे मिली? क्या आप संयुक्त राष्ट्र के सदस्य हैं?
ACJ मनमोहन: अगर आपने उसे रिहा करने का फैसला कर ही लिया है तो फिर आप यहां क्यों हैं? आप संयुक्त राष्ट्र हैं, आप यहां क्यों आए हैं? वह (केजरीवाल) आपसे कोई मदद नहीं चाहते।
याचिकाकर्ता के वकील- मेरे पास यहां आने के अलाव और कोई रास्ता नहीं बचा था।
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मेहरा: सभी मामलों में असाधारण जमानत दें। ऐसी अपील कैसे की जा सकती है। इस तरह के मामले में आने वाला ये शख्स कौन है। यह पूरी तरह से पब्लिसिटी के लिए दायर की गई याचिका है। ऐसे हालात सही नहीं हैं।
याचिकाकर्ता के वकील: मेरा सवाल यह है कि प्रश्न यह है कि भारत क्या है? क्या ये ज़मीन, सड़कें और नदी भारत हैं? मेरी अपील में संविधान की प्रस्तावना के अनुसार, मैं भारत हूं।
ACJ मनमोहन: आप भारत हैं?
वकील: हम नागरिक ही भारत हैं।
तिहाड़ प्रशासन ने केजरीवाल के लिए डाइबिटोलॉजिस्ट अपॉइंट करने को कहा
तिहाड़ जेल के DG संजय बेनीवाल ने शनिवार 20 अप्रैल को AIIMS को चिट्ठी लिखी। इसमें दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए एक सीनियर डाइबिटोलॉजिस्ट अपॉइंट करने को कहा गया है। इस लेटर को आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी रविवार (21 अप्रैल) को शेयर किया।
आतिशी का आरोप- केंद्र सरकार केजरीवाल को मारने की साजिश कर रही
रविवार को दिल्ली की मंत्री आतिशी तिहाड़ जेल के सामने इंसुलिन लेकर पहुंचीं। उन्होंने केंद्र सरकार को ब्रिटिश राज से ज्यादा क्रूर बताया। इससे पहले आतिशी ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार केजरीवाल को मारने की साजिश कर रही है।
केजरीवाल की पत्नी बोलीं- जेल में केजरीवाल को मारना चाहते हैं
रांची में रविवार 21 अप्रैल को INDI गठबंधन की रैली हुई। इसमें अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता, पंजाब के सीएम भगवंत मान, झारखंड के सीएम चंपई सोरेन, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव शामिल हुए। दिल्ली के सीएम की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने कहा- केंद्र सरकार अरविंद केजरीवाल को मारना चाहती है। उन्हें जेल में सही दवा नहीं दी जा रही। अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन को जेल में डाल दिया गया। ये सरकार की तानाशाही को दर्शाता है।
आम आदमी पार्टी ने तिहाड़ प्रशासन की ये चिट्ठी शेयर की है
21 मार्च को केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई थी
सरकार का झूठ उजागर हो गया है: AAP
AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने बताया कि तिहाड़ जेल की रिपोर्ट झूठ का पुलिंदा है। सबसे पहले केजरीवाल की शुगर को बेतरतीब ढंग से मापा गया। जब भी शुगर लेवल कम हुआ है, रिपोर्ट में केवल वही रिकॉर्ड है। ये अरविंद केजरीवाल को मारने की साजिश है। अरविंद केजरीवाल बार-बार जेल प्रशासन से इंसुलिन मांग रहे हैं, लेकिन वे इसे देने के लिए तैयार नहीं हैं।
केंद्र सरकार कहती रही कि केजरीवाल की देखभाल के लिए जेल में एक विशेषज्ञ मौजूद है। तिहाड़ DG के एम्स को डायबिटोलॉजिस्ट भेजने के लिए चिट्ठी लिखने के बाद उनका झूठ उजागर हो गया है।
सुनीता केजरीवाल की अपील पर करवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग
केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल की अपील पर तिहाड़ जेल प्रशासन ने वीडियो कॉन्फ्रेंस करवाई। इसमें अस्पताल के एक सीनियर डॉक्टर के अलावा तिहाड़ के चिकित्सा अधिकारी भी मौजूद थे। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक एक जेल अधिकारी ने बताया कि 40 मिनट की सलाह के बाद केजरीवाल को आश्वासन दिया गया कि कोई गंभीर चिंता नहीं है। उन्हें दवाएं जारी रखने की सलाह दी गई। इसकी रेगुलर जांच की जाएगी।AIIMS विशेषज्ञ को सीजीएम (ग्लूकोज मॉनिटरिंग सेंसर) का पूरा रिकॉर्ड, केजरीवाल का फूड चार्ट और दवाओं की डिटेल दी गई थी। जेल अधिकारी का कहना है कि इंसुलिन का मुद्दा केजरीवाल ने नहीं उठाया था और न ही डॉक्टरों ने इसका सुझाव दिया था।
केजरीवाल की डायबिटीज पर मेउिकल एक्स्पर्ट्स क्या बोले
4 पॉइंट्स में समझें केजरीवाल की डायबिटीज का मामला
- केजरीवाल को टाइप-2 डायबिटीज है। वे शराब घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में 20 दिन से बंद हैं। राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें 23 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजा है। साथ ही उन्हें घर का खाना खाने की परमिशन भी दी है।
- 18 अप्रैल को केजरीवाल के वकील विवेक जैन ने ट्रायल कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर केजरीवाल के डॉक्टर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मेडिकल कंसल्टेशन लेने की मांग की थी। उन्होंने तर्क दिया था कि केजरीवाल टाइप-2 डायबिटीज के मरीज हैं और उनका ब्लड शुगर लेवल ऊपर-नीचे (Fluctuate) होता रहता है।
- इसके जवाब में ED ने राउज एवेन्यू कोर्ट को बताया कि केजरीवाल तिहाड़ जेल में जानबूझकर मीठा खा रहे हैं, ताकि इससे उनका शुगर लेवल बढ़ जाए और उन्हें मेडिकल के आधार पर जमानत मिल जाए। केजरीवाल के घर से ऐसा ही खाना आ रहा है, जिसमें शुगर और कॉर्ब्स की मात्रा ज्यादा रहती है।
- राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। अब उनकी इंसुलिन और डॉक्टर से परामर्श की अपील पर 22 अप्रैल को फैसला आएगा।
जेल आने से महीनों पहले छोड़ दी थी इंसुलिन
तिहाड़ के अफसर ने शनिवार 20 अप्रैल को दावा किया कि केजरीवाल जेल आने के महीनों पहले इंसुलिन लेना बंद कर चुके थे। वे (केजरीवाल) सामान्य एंटी-डायबिटीज दवा मेटफॉर्मिन खाते हैं। ये रिपोर्ट दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को सौंपी गई है। तिहाड़ जेल ने दिल्ली के मंत्री आतिशी के बयान के बाद ये जवाब दिया है।
आतिशी ने कहा था- भाजपा के इशारे पर केजरीवाल को जेल में मारने की साजिश हो रही है। केजरीवाल 12 साल से इंसुलिन ले रहे हैं। तिहाड़ प्रशासन को उन्हें इंसुलिन देने में आखिर क्या समस्या है? आतिशी ने ये भी कहा था कि केजरीवाल जेल जाने से पहले से रोज 50 यूनिट इंसुलिन लेते हैं।
ED का आरोप- केजरीवाल जानबूझकर आम-मिठाई खा रहे:ताकि ब्लड शुगर बढ़े और जमानत मिले; आतिशी बोलीं-वे रोज 54 यूनिट इंसुलिन लेते हैं
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार 18 अप्रैल को बड़ा आरोप लगाया। ED ने राउज एवेन्यू कोर्ट में कहा कि वह तिहाड़ जेल में जानबूझकर मीठा खा रहे हैं, ताकि इससे उनका शुगर लेवल बढ़ जाए और उन्हें मेडिकल के आधार पर जमानत मिल जाए।
ईडी ने कहा कि केजरीवाल को टाइप-2 डायबिटीज है, लेकिन वह जेल में आलू पूड़ी, आम और मीठा खा रहे हैं। केजरीवाल शराब घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में 18 दिन से बंद हैं। कोर्ट ने उन्हें घर का खाना खाने की अनुमति दी है। पूरी खबर पढ़ें...
शराब नीति केस में कब क्या हुआ