मध्य प्रदेश में 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स के बोर्ड एग्जाम से पहले प्रैक्टिस एग्जाम लिए जा रहे हैं। प्रदेश में 10वीं और 12वीं दोनों की कक्षाओं के बोर्ड एग्जाम 22 फरवरी से शुरू होने हैं। बोर्ड एग्जाम से पहले प्रदेश के स्कूलों में CBSE के प्री-बोर्ड एग्जाम की तर्ज पर प्रैक्टिस एग्जाम लिए जा रहे हैं।
परीक्षाओं से पहले 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स की तैयारी और प्रैक्टिस पेपर में उनकी परफॉरमेंस को चेक करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने ये पहल की है। दोनों क्लासेज के लिए ये एग्जाम 13 जनवरी तक चलेंगे।
प्रैक्टिस पेपर सॉल्व करने के लिए मिलेगा 1 दिन का समय
प्रैक्टिस पेपर्स में सभी सब्जेक्ट्स के दो-दो सेट क्वेश्चन पेपर लोक शिक्षण संचालनालय यानी डायरेक्टरेट ऑफ पब्लिक इंस्ट्रक्शन (DPI) से बनकर आएंगे। 10वीं-12वीं के अलावा 9वीं-11वीं के स्टूडेंट्स के लिए भी प्रैक्टिस पेपर के सेट बनकर आएं हैं।
स्टूडेंट्स को ये पेपर सॉल्व करने के लिए एक दिन का समय मिलेगा। हालांकि, स्टूडेंट्स ये क्वेश्चन पेपर सॉल्व करने के लिए घर भी ले जा सकते हैं। टीचर्स को इन क्वेश्चन पेपर का मॉडल आंसर बनाकर भी तैयार रखना होगा।
एग्जाम के एक दिन बाद आंसर शीट का इवैल्यूएशन
प्रैक्टिस एग्जाम के एक दिन बाद स्टूडेंट्स की आंसर शीट का इवैल्यूएशन किया जाएगा। इससे टीचर्स को ये भी पता चलेगा कि स्टूडेंट किस सब्जेक्ट और किस एरिया में सबसे ज्यादा कमजोर है। स्टूडेंट्स को उनके रिजल्ट का ओवरऑल एनालिसिस भी बताया जाएगा।
एग्जाम के बाद ऐसे स्टूडेंट्स की अलग से क्लासेस लगाईं जाएंगी जिन्होंने इन परीक्षाओं में C, D या E ग्रेड हासिल किया हो।
15 से 31 जनवरी के बीच लगेंगी रिवीजन क्लासेज
भोपाल की जिला शिक्षा अधिकारी अंजनी कुमार त्रिपाठी ने दैनिक भास्कर को बताया कि प्रैक्टिस एग्जाम के बाद 15 से 31 जनवरी के बीच पूरे कोर्स का रिवीजन कराया जाएगा। जरूरत पड़ने पर मैथ्स और इंग्लिश के लिए अलग से कंबाइंड रिविजन क्लासेस भी लगाई जा सकती हैं। स्कूल रिवीजन क्लासेस का सिलेबस अपने लेवल पर तय कर सकते हैं।
DEO करेंगे स्कूलों का इंस्पेक्शन
परीक्षा की तैयारी के लिए जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) के लिए भी टार्गेट तय किया गया है। प्रैक्टिस एग्जाम के दौरान DEO को जिले में 10 स्कूलों का इंस्पेक्शन भी करना होगा। इंस्पेक्शन के बाद DEO अपनी रिपोर्ट भी भेजंगे।