अनाथ आरक्षण कोटे के तहत उन लोगों को रिजर्वेशन मिलता है जिनके माता-पिता नहीं हैं। हाल ही में डीयू ने इस कोटे को लागू करने का फैसला किया है। अब दिल्ली यूनिवर्सिटी में अनाथ आरक्षण कोटे के तहत भी एडमिशन मिलेगा। ये व्यवस्था अगले एकेडमिक सेशन से लागू होगी। इसके अंतर्गत अंडरग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट दोनों ही कक्षाओं में कुछ सीटें आरक्षित रखी जाएंगी।
अगले साल से 2 सीटें होंगी रिजर्व :
ये फैसला डीयू की एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने हाल ही में लिया है। इस कैटेगरी में वे कैंडिडेट्स आते हैं जिनके माता और पिता दोनों ही जीवित नहीं हैं। ऐसे स्टूडेंट्स को डीयू में रिजर्वेशन देने का फैसला लिया गया है।
इसके तहत उन्हें यूजी और पीजी में कुछ सीटों पर एडमिशन दिया जाएगा। अगले साल से हर कोर्स में दो सीटें ऐसे कैंडिडेट्स के लिए रिजर्व रहेंगी। ये सुपरन्यूमेरी कोटे के तहत आएगा।
नहीं देनी होगी फीस :
इस कोटे के तहत जिन कैंडिडेट्स का एडमिशन होगा, उन्हें किसी तरह की फीस नहीं देनी होगी। उनकी पढ़ाई में जो भी खर्च आएगा, वो यूनिवर्सिटी वेलफेयर फंड या कॉलेज स्टूडेंट्स वेलफेयर फंड से लिया जाएगा।
सीयूईटी से होगा एडमिशन :
अनाथ आरक्षण कोटे के तहत मिलने वाले एडमिशन की प्रोसेस नॉर्मल रहेगी। जिस तरह यूजी और पीजी कोर्स में एडमिशन होता है, एडमिशन वैसे ही होगा। इसके लिए कैंडिडेट्स को सीयूईटी यूजी और पीजी परीक्षा देनी होगी। जब वे ये परीक्षा पास कर लेंगे, उसके बाद ही कोटा लागू होगा और इस रिजर्वेशन का फायदा मिलेगा।
पैसे की कमी के चलते नहीं रुकेगी पढ़ाई :
डीयू प्रशासन के मुताबिक, इस कोटे के चलते ऐसे बच्चों की पढ़ाई नहीं रुकेगी जो पैसे की कमी से जूझ रहे हैं। अगर वे योग्य हैं और एंट्रेंस एग्जाम पास कर लेते हैं तो उन्हें पैसों की चिंता करने की जरूरत नहीं होगी। वे बिना किसी तरह की फीस दिए पढ़ाई जारी रख सकते हैं।