मदन मोहन लता मंगेशकर के राखी भाई थे और उन्होंने अपनी बहन से वादा किया था कि उनकी हर फिल्म में वे ही गाना गाएंगी। जानिए इस रिश्ते की कहानी, जिसके लिए लता जी को दिया वचन मदन मोहन की मौत के बाद भी निभाया गया। मदन मोहन की मौत के कई सालों बाद उनके संगीत से सजी फिल्म वीर-जारा में भी लता ने ही गाया।
लता मंगेशकर मदन मोहन की पहली फिल्म में गाना नहीं गा सकी थीं। मदन मोहन को इसका हमेशा मलाल रहा।
इस तरह जुड़ा था भाई-बहन का रिश्ता
लता और मदन मोहन के रिश्ते के जुड़ने की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। उस दिन रक्षा बंधन था। मदन मोहन इस बात से बेहद दुखी थे कि उनकी पहली फिल्म में लता मंगेशकर कोई गाना नहीं गा सकी थीं। मदन मोहन, लताजी को अपने घर ले आए और एक राखी देते हुए कहा- आज राखी है। इसे मेरी कलाई पर बांध दो।
इसके बाद मदन मोहन ने लता जी को याद दिलाते हुए कहा- जब हम पहली बार मिले थे, तब हमने भाई-बहन का ही गीत गाया था। आज से तुम मेरी छोटी बहन और मैं तुम्हारा मदन भैया। मैं वचन देता हूं, आज से तुम अपने भाई की हर फिल्म में गाओगी।
मरने के बाद भी निभाया गया वादा
यतीन्द्र नाथ मिश्र की किताब ‘लता सुर गाथा’ में इस वाकये का जिक्र है। लता से किया हुआ वादा मदन मोहन की मौत के बाद भी पूरा किया गया। 14 जुलाई 1975 को मदन मोहन का निधन हो गया था। 2004 में यश चोपड़ा ने फिल्म 'वीर-जारा' में मदन मोहन की धुनों का इस्तेमाल किया, तब फिल्म के सारे गाने लता मंगेशकर ने ही गाए थे और हर बार की तरह भाई-बहन की इस जोड़ी ने कालजयी गीतों की रचना कर दी।
12 नवंबर 2004 को रिलीज हुई यश चोपड़ा की फिल्म 'वीर-जारा' मदन मोहन के संगीत से सजी आखिरी फिल्म थी।
लताजी को मदन भैया हमेशा याद आते थे
लताजी ने कुछ साल पहले मदन मोहन की पुण्यतिथि पर भी एक इमोशनल ट्वीट करते उन्हें याद किया था। लता जी ने एक गाना शेयर करते हुए लिखा था- कुछ लोग दुनिया से जल्दी चले जाते हैं, लेकिन अपनों के पास हमेशा रहते हैं। इसी तरह मदन भैया उनके बच्चों के साथ और मेरे साथ हमेशा रहते हैं। हमेशा याद आते हैं। आज उनकी पुण्यतिथि पर मैं उनको विनम्र अभिनंदन करती हूं।
इसके अलावा कुछ साल पहले 25 जून को मदन मोहन की जयंती पर भी लता जी ने उनकी एक फोटो के साथ पोस्ट शेयर किया था। जिसमें उन्होंने लिखा था- महान संगीतकार और मेरे राखी भाई मदन मोहन जी की आज जयंती है। मैं उनको कोटि-कोटि प्रणाम करती हूं।