अलवर के तिजारा फाटक पुलिया पर खून से लथपथ मिली 15 साल की मूकबधिर नाबालिग के मामले में नई थ्योरी सामने आई है। फूड डिलीवरी बॉय की बाइक की स्पीड इतनी तेज थी कि महज 2 सेकेंड में हादसा हुआ। अब सवाल यह उठ रहा है कि 2 सेकेंड में बालिका कैसे लहूलुहान हुई?
पुलिस ने माना बाइक जिस स्पीड से पुलिया पर चल रही थी, उस हिसाब से बस को 1 सेकेंड में पार कर लेनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बाइक करीब 3 सेकेंड में बस से आगे निकली। उसके बाद ही सीसीटीवी फुटेज में दिखी है। मतलब 2 सेकेंड ज्यादा लगे। ये 2 सेकेंड इसलिए अधिक लगे कि बाइक ने बालिका को टक्कर मारी। टक्कर से बाइक स्लो जरूर हुई, लेकिन गिरी नहीं। फूड डिलीवरी बॉय टक्कर लगने के बाद बाइक को ले गया। मतलब बाइक को बस को क्रॉस करने में 3 सेकेंड लग गए। जबकि सामान्य तौर पर बाइक निकलती तो 1 ही सेकेंड लगता।
अलवर की तिजारा फाटक पुलिया। यहां नाबालिग 11 जनवरी को खून से लथपथ मिली थी। इसके बाद पुलिस और एफएसएल की टीम ने यहां से सबूत जुटाए।
बाइक चालक मान चुका टक्कर लगी
पुलिस के पास सबसे बड़ा सबूत फूड डिलीवरी बॉय है। अलवर ग्रामीण क्षेत्र का यह युवक है, जिसने पुलिस के सामने कबूला है कि बाइक की टक्कर लगी थी। उसे पूरी घटना का नहीं पता। बाइक की टक्कर लगने के बाद बालिका कैसे गिरी, कहां लगी, इसकी जानकारी उसे नहीं है। वह सीधा निकल गया।
पुलिस का दूसरा सबूत मेडिकल रिपोर्ट
पुलिस के पास दूसरा सबूत मेडिकल रिपोर्ट है। जिसके आधार पर एसपी तेजस्वनी गौतम पहले कह चुकी है कि बालिका से रेप नहीं हुआ। पुलिस इसे हादसा मानकर जांच कर रही है। एफएसएल रिपोर्ट भी आनी है। इस केस में एफएसएल के तथ्य बहुत मायने रखते हैं।
यह है मामला
अलवर के तिजारा फाटक पुलिया पर 11 जनवरी को मूकबधिर नाबालिग खून से लथपथ मिली थी। पहले दिन तो एसपी ने बालिका से रेप की संभावना जताई थी। लेकिन बाद में इनकार कर दिया था। पुलिस ने 16 दिन में भी अपनी जांच का खुलासा नहीं किया। इधर हॉस्पिटल में भर्ती नाबालिग के घाव भी भरने लग गए हैं और वह रिकवर होने लगी है।