हेड कॉन्स्टेबल पति से परेशान होकर सुसाइड करने वाली महिला कई बार पुलिस से शिकायत कर चुकी थी। उसने तीन थानों में पति के खिलाफ शिकायत दी थी, अफसोस न्याय कहीं से न मिला। तीनों थानों की पुलिस कार्रवाई की बजाए आरोपी पति को बचाती रही। एक मां से उसके बच्चों तक को अलग कर दिया गया था। इसके लिए भी वो बार-बार घरवालों से कहती रही कि बच्चों का एक बार मुंह दिखा दो। वो बच्चों के बिना नहीं रह सकती। ससुराल वालों ने एक न सुनी। हर ओर से निराश महिला को कोई रास्ता नहीं दिखाई दिया तो बुधवार को ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दे दी।
बच्चों के साथ ज्योति। जिन्हें मां से अलग कर दिया गया। इन्हीं की याद में ज्योति डिप्रेशन में चली गई थी।
जैसे ही बच्चों ने मां की मौत की खबर सुनी, सुसराल वाले उन्हें छोड़ वहां से चले गए। बच्चे भी बार-बार अपनी मां को आवाज देकर रोने लगे। गुरुवार शाम ज्योति का अंतिम संस्कार हुआ। घरवालों ने बताया कि उसके ससुराल वालों ने दहेज के लिए खूब टॉर्चर किया। ज्योति कंवर पत्नी रघुराज सिंह राजपूत निवासी जोगरास, रायपुर जिला भीलवाड़ा हाल पाली निवासी ने 2015 में औद्योगिक थाना पाली में शिकायत दी। पुलिस अधिकारियों ने इसे भी अनसुना कर दिया। सुसाइड से कुछ दिन पहले ही उसने भीलवाड़ा व प्रतापनगर (उदयपुर) में भी अपनी पीड़ा बताई। यहां तक की भीलवाड़ा एसपी से भी शिकायत की। पति को बुलाकर एसपी ने समझाया। पर कोई फायदा न हुआ। जब उसके बच्चों को उसे दूर कर दिया तो वो डिप्रेशन में आ गई और आखिर में उसे सुसाइड करना पड़ा।
मां के अंतिम संस्कार के दौरान श्मशान में रोता ज्योति का बेटा। उसे उसके मामा ने संभाला।
घर पहुंची तो रोती हुई बोली- मेरे बच्चों को मुझसे छीन लिया
हेड कॉन्स्टेबल पति व ससुराल वालों ने कुछ दिन पहले ज्योति को बाथरूम में बंद कर दिया था। परिजनों का आरोप है कि उसे भूखा रखा गया। इसके बाद दोनों बच्चों को भी उदयपुर उनकी बुआ के पास भेज दिया। ज्योति के घरवालों को जब इसके बारे में पता चला तो वे उसे पाली ले आए। यहां आते ही वो फूट-फूट कर रोने लगी। बार-बार घरवालों को कहती रही कि मेरे बच्चों को मुझ से छीन लिया। कोई एक बार मुझे उनका मुंह दिखा दो। मैं उनके बिना अब जिंदा नहीं रह सकती। परिजनों ने उसे समझाया, लेकिन वो बच्चों से मिलने की जिद करने लगी। बच्चों के बिछड़ने के गम की वजह से वो डिप्रेशन में आ गई।
ज्योति की शादी रघुराज सिंह से हुई थी। परिजनों का आरोप है कि उसे बाथरूम में बंद रखा और बच्चों को मां से अलग कर दिया।
रो-रो कर मासूमों का हुआ बुरा हाल
ज्योति कंवर की मौत का समाचार उसके ससुराल वालों ने सुना तो गुरुवार को उसकी बेटी निधि व बेटे परीक्षित को पाली छोड़ गए। मां का शव देख उनका रो-रो कर बुरा हाल हो गया। उनकी आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। गुरुवार शाम को आकेली गांव (रायपुर) में ज्योति का अंतिम संस्कार किया गया। परीक्षित ने मां की चिता को अग्नि दी।
भाई के जन्मदिन पर पीहर आई थी। परिजनों का आरोप है कि दहेज के लिए उसे प्रताड़ित किया जाता था।
दहेज के लिए ज्योति को करते थे टॉर्चर
ट्रांसपोर्ट नगर थाने में दी रिपोर्ट में ज्योति के परिजनों ने बताया कि उसकी शादी उन्होंने सामाजिक रीति-रिवाजों से 26 फरवरी 2009 को भीलवाड़ा जिले के जोगरास (रायपुर) निवासी रघुराज सिंह से की थी। शादी में सोने-चांदी के जेवरात समेत कपड़े और लाखों रुपए भी दिए। शादी के एक-दो साल तक तो सब कुछ ठीक चल रहा था। इसके बाद उनकी बेटी ज्योति से 10 तोला सोने के आभूषण लाने की डिमांड की। उसने मना किया तो सास-ससुर, ननद-ननदोई आदि उसे मानसिक रूप से परेशान करने लगे। सामाजिक स्तर पर भी कई बार समझाया गया। फिर भी समस्या खत्म नहीं हुई। मामला थाने तक भी पहुंचा। पुलिस ने आरोपी पति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
हेड कॉन्स्टेबल के अफेयर से दुखी पत्नी ने किया सुसाइड:बाथरूम में बंद कर कई दिनों तक भूखा रखा, बच्चों को मां से दूर किया