शहीदों के गांवों की माटी ही कुछ ऐसी होती है कि बचपन से ही साहस, शौर्य और वीरता के संस्कार भर देती है। सब्र करना भी सिखाती है। कहती है कि बड़े से बड़ा संकट भी आए तो हिम्मत रखो, एकजुट रहो। एक दूसरे का साथ दो। कुछ ऐसी ही तस्वीर शुक्रवार को एक बार फिर साकार हुई। शहीद की बहन अभिता और वीरांगना यश्विनी दो दिन से पार्थिव देह के साथ दिल्ली में हैं।
दोनों ने कुछ नहीं खाया और एक दूसरे को हिम्मत भी दे रही हैं और परिवार को जानकारी भी। इधर, शहीद कुलदीपसिंह राव के गांव घरड़ाना खुर्द में भी कुछ ऐसा ही दृश्य था। जहां शहीद के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए लोग सवेरे से ही जुट गए। क्या युवा, क्या बुजुर्ग, क्या महिलाएं और क्या बच्चे सभी के कदम शहीद के घर की ओर बढ़ चले थे।
ग्रामीणों के इस जज्बे को देख शहीद के माता-पिता को भी हिम्मत मिली और वे घर के आंगन में बैठ लाडले की पार्थिव देह का इंतजार करते रहे, लेकिन दोपहर बाद पता चला कि डीएनए प्रक्रिया में देरी के कारण पार्थिव देह आज नहीं आ सकेगी। जिससे एक बार तो माता-पिता की आंखे भर आई, लेकिन फिर ग्रामीणों और परिजनों ने उन्हें संभाला। इसके बाद वहां आए लोग वापस लौटने की बजाय व्यवस्थाओं में जुट गए। दिनभर गांव में किसी ने खाना नहीं खाया और रात को कोई सोया भी नहीं।
अंतिम संस्कार आज : सवेरे 11 बजे गांव घरड़ाना खुर्द पहुंचेगी शहीद की पार्थिव देह
शहीद की पार्थिव देह शनिवार सवेरे करीब 11 बजे घरड़ाना खुर्द पहुंचेगी। पिछले दो दिन से शहीद की बहन अभिता और वीरांगना यश्विनी उनके साथ हैं। वे खुद पार्थिव देह लेकर आएंगी। दिल्ली में उनके साथ मौजूद दिल्ली पुलिस में अधिकारी और गांव के दारासिंह दोचानिया ने बताया कि सवेरे करीब नौ बजे पार्थिव देह विशेष विमान से रवाना होगी। इससे पूर्व शुक्रवार सवेरे आसपास के गांवों के कई युवा हाथों में तिरंगा लिए घरड़ाना खुर्द पहुंच गए थे। युवाओं ने गांव के रास्तों पर सफाई की। ये युवा दिनभर गांव में व्यवस्थाओं में लगे रहे और अंत्येष्टि स्थल को सजाया।
वीरता से भरा परिवार : शहीद के दादा सेना में थे, पांच चचेरे भाई भी सेना में ही
शहीद कुलदीपसिंह राव का पूरा परिवार देश सेवा कर रहा है। इनके दादा कृपाराम राव भी भारतीय सेना में रहे। इसके बाद इस परंपरा काे इनके पिता रणधीरसिंह राव ने आगे बढ़ाया। वे भारतीय नाैसेना में शामिल हुए। दादा और पिता की परंपरा काे निभाते हुए शहीद की बहन अभिता राव 2012 में इंडियन काेस्ट गार्ड में सहायक कमांडेट बनी।
बहन के बाद भाई कुलदीप सिंह 2015 में भारतीय वायु सेना में शामिल हुए। इनके पांच चचेरे भाई भी सैन्य सेवा में है। इनके ताऊ महिपाल राव के बेटे राजेश नेवी से रिटायर हाे चुके हैं और उनका बेटा अखिल नेवी में कार्यरत है। वहीं दूसरे ताऊ विद्याधर राव के बेटे विक्रम मर्चेंट नेवी, चाचा सूरजभान के पुत्र शक्तिसिंह भारतीय सेना और संजय सिंह इंडियन नेवी में कार्यरत हैं।
पहले विश्व युद्ध से अब तक गांव में सात शहीद
पहले विश्व युद्ध के दाैरान गांव के दाे सैनिकाें काे शहादत मिली थी। कुलदीप सिंह राव गांव के सातवें शहीद हैं। रिटायर्ड प्रधानाचार्य विजयपाल सिंह राव ने बताया कि उनसे पहले प्रथम विश्व युद्ध के दाैरान 1914 में अर्जुनराम राव पहले शहीद हुए थे। इसी युद्ध में गांव के गाेपालराम व रिछपाल राव भी शहीद हुए थे।
इसके बाद 1962 में भारत-चीन युद्ध के दाैरान चंदगीराम और 1971 में दिलीप सिंह काे शहादत मिली थी। इसी युद्ध में सीमा सुरक्षा बल में तैनात गांव के सैनिक बजरंगलाल और धर्मपाल काे भी वीरगति मिली। अब स्कावड्रन लीड़र कुलदीपसिंह राव गांव के सातवें शहीद हैं। जिनकी 50 साल बाद शहादत हुई है।
बुजुर्ग की अभिलाषा
यह जवान बेटा था, एक दिन सेना में जनरल बिपिन रावत जैसा बड़ा अधिकारी बनता। मैं तो 80 साल का हो गया हूं। चल भी नहीं सकता। हे, ईश्वर तू मेरे ही प्राण ले लेता।
सेना से रिटायर उदमीराम राव
शहीद के अंतिम दर्शन के लिए आए थे। दिनभर ये अंत्येष्टि स्थल के पास बैठे रहे। अपने पास बैठे लोगों से कहते रहे, काश, इस जवान बेटे की जगह मैं चला जाता।
प्रशासन से ग्रामीणों की मांग : अंत्येष्टि स्थल पर बनाया जाए शहीद का स्मारक
कलेक्टर खान ने शहीद के पिता रणधीरसिंह राव व माता कमला देवी से मिलकर ढांढ़स बंधाया। ग्रामीणाें ने कलेक्टर से शहीद चिता स्थल पर शहीद स्मारक विकसित करने की मांग की। जिस पर कलेक्टर ने आश्वासन दिया। एसपी प्रदीप माेहन शर्मा ने अंत्येष्टि स्थल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं काे देखा।
एसडीएम बुहाना सुनील कुमार चाैहान, बुहाना डीएसपी ज्ञानसिंह चाैधरी व चिड़ावा डीएसपी सुरेश शर्मा तथा नायब तहसीलदार रूपचंद मीणा ने उन्हें तैयारियाें की जानकारी दी। सुरक्षा व्यवस्था काे लेकर सिंघाना थाना प्रभारी भजनाराम, बुहाना सीआई महेन्द्र सिंह चाैधरी भी लगे रहे।
परिवार को हिम्मत देते रहे ग्रामीण
शहीद के परिवार काे पूर्व प्रधान हरपाल सिंह, सिंघाना प्रधान साेनू राव, संदीप राव, रालाेपा जिला अध्यक्ष दिनेश सहारण, सरपंच उम्मेदसिंह राव, सरजीत राव, माकडाें सरपंच नरेन्द्र डैला, हरदयाल सिंह काेच, सूबेदार बजरंग, सूबेदार रणधीर सिंह झाझड़िया, कंवरपाल सेन, पूर्व सरपंच महेन्द्र सिंह, पूर्व सरपंच पितराम सिंह, रमेश कुमार, सिलारपुरी सरपंच धर्मपाल, कप्तान जयपाल, मास्टर ईश्वर सिंह, नायब सूबेदार रिछपाल, मास्टर अशाेक कुमार, पूर्व सरंपच जवाहर, पूर्व चीफ इंजीनियर दयानंद सिंह, रिटायर्ड आरपीएस धर्मपाल, रिटायर्ड आरपीएस जगदीश, कैप्टन उम्मेदसिंह, कप्तान दूलीचंद, नवयुवक मंडल के सरजीत राव समेत अन्य शहीद के परिवार काे सांत्वना देते रहे।