साढ़े नौ साल की सौतेली बेटी से रेप करने वाले पिता को पाली कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई है। विशिष्ट न्यायाधीश प्रहलादराय शर्मा ने मोहनसिंह राजपूत को दोषी मानते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। 35 हजार 100 रुपए के जुर्माना भी लगाया। अपना फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश प्रहलादराय शर्मा ने कहा कि एक पिता जिस पर बेटी के संरक्षण, सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है। वह ही ऐसा घिनौना काम करेगा तो बेटियां कैसे सुरक्षित रहेगी। ऐसे अभियुक्त को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि जिस पिता पर नाबालिग के संरक्षण की जिम्मेदारी थी। उसके द्वारा मासूम के साथ ऐसा घिनौना कृत्य किया जाना निंदनीय, शर्मनाक है।
विशिष्ट लोक अभियोजक संदीप नेहरा ने बताया कि एक महिला ने 8 दिसम्बर 2020 को सांडेराव थाने में रिपोर्ट दी। जिसमें बताया कि उसके पति ने सौतेली बेटी के साथ रेप किया है। पीड़िता की मां ने रिपोर्ट में बताया था कि उसे बेटी कुछ असहज लगी। उसे परेशान देखकर प्यार से पूछा तो उसने बताया कि पापा ने उसके साथ कुछ गलत किया है। नाबालिग ने बताया कि घर में सबके सोने के बाद पापा उसे हॉल में ले जाकर रेप करते थे। दीपावली के कुछ दिन बाद भी उसके साथ गलत काम किया।
लड़की ने बताया कि पापा ने उसे चाकू दिखाकर डराया। बोले- किसी को भी बताया तो तुझे व मां को जान से मार दूंगा। रिपोर्ट दर्ज होने पर पुलिस ने आरोपी सौतेले पिता को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। बुधवार को दोषी मोहन सिंह राजपूत को दोषी माना। 20 साल के कठोर कारावास एवं 35 हजार 100 रुपए के जुर्मान की सजा सुनाई।
आरोपी के प्यार में फंसकर पति को छोड़ा था
नाबालिग की मां ने पहले पति की मौत के बाद दूसरे युवक से शादी की थी। इस दौरान आरोपी मोहन सिंह ने उसे अपने प्यार में फंसा लिया। वह अपने दूसरे पति को छोड़ दो बच्चों के साथ मोहनसिंह के पास चली गई और उससे लव मैरीज कर ली।