बढ़ते प्रदूषण और महंगे होते पेट्रोल की वजह से इलेक्ट्रिक स्कूटर अच्छे विकल्प माने जाते हैं। लेकिन 10 साल पहले आए 25 किमी/घंटे की अधिकतम स्पीड और घटिया बैटरी वाले ई-स्कूटर का एक्सपीरियंस भारतीय ग्राहकों के लिए इतना खराब रहा है कि उनका विश्वास दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों पर जम नहीं पा रहा है। यह बात नई एडवांस दोपहिया इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री में भी बाधा बन रही है। हालांकि अब दौर बदल चुका है। बैटरी में आए सुधार के चलते अब दोपहिया इलेक्ट्रिक गाड़ियां न सिर्फ 80 किमी तक की अधिकतम स्पीड पर चल रही हैं बल्कि सिर्फ एक बार चार्ज करने पर ये 65 से 90 किमी तक आसानी से चली जा रही हैं। फिलहाल इस रेंज में एथर 450X, बजाज चेतक और TVS आईक्यूब सबसे अच्छे विकल्प हैं।
दोपहिया इलेक्ट्रिक गाड़ियों के बारे में ऑटोमोबाइल जर्नलिस्ट क्रांति संभव कहते हैं, '10 साल पहले ई-स्कूटर की ज्यादातर कंपनियां चीनी माल लेकर भारत आई थीं। यानी इनके स्कूटर में चीनी बैटरी और मोटर लगे थे। उस समय ऐसी कई इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कंपनियां कुकुरमुत्ते की तरह उगी थीं, जो अपने स्कूटर बेच, देश छोड़कर भाग गईं। जिन लोगों ने इनके ई-स्कूटर खरीदे, कंपनियों के भाग जाने के बाद, वो सर्विसिंग और मरम्मत के लिए परेशान होते रहे। लेकिन अब इलेक्ट्रिक गाड़ियों में काफी सुधार आ चुका है।'
नए ई-स्कूटर भारत में ही बने हुए
नए एडवांस इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर भारत में ही तैयार हो रहे हैं। हीरो इलेक्ट्रिक, ओकीनावा स्कूटर्स, एथर एनर्जी भारत में ई-स्कूटर बना रहीं प्रमुख कंपनियां हैं। 'ओकीनावा ऑटोटेक प्राइवेट लिमिटेड' का नाम भले ही जापानी लगता हो लेकिन इसके MD जितेंद्र शर्मा के मुताबिक उनकी गाड़ियां पूरी तरह से भारत निर्मित हैं। इसी तरह एथर एनर्जी की शुरुआत भी IIT मद्रास से पास तरुण मेहता और स्वप्निल जैन ने की है। जो दावा करते हैं कि बैटरी सहित उनके ई-स्कूटर का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा भारत में ही तैयार किया गया है।
सिर्फ ई-स्कूटर ही नहीं अच्छी ई-बाइक के विकल्प भी मौजूद
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मार्केट में अब भी ई-स्कूटर का ही बोलबाला है लेकिन पिछले 2 सालों में कुछ अच्छी ई-बाइक के विकल्प भी बाजार में आए हैं। रिवोल्ट RV400, रिवोल्ट RV300 और अल्ट्रावॉयलेट F77 ई-बाइक के अच्छे विकल्प हैं।
एथर देश के 27 शहरों में बिक्री के लिए तैयार, हर महीने 2000 गाड़ियां बेचेगी
साल 2020 में फ्लिपकार्ट के संस्थापक सचिन बंसल ने भी एथर एनर्जी में 253 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया है। एथर ने बेंगलुरु के अलावा तमिलनाडु के होसुर में भी इस साल 2 जनवरी से काम शुरू कर दिया है। कंपनी बैटरी सहित 90% स्कूटर पार्ट्स को देश में ही बनाने का दावा करती है।
एथर 2021 के अंत तक 20 और शहरों में काम का विस्तार भी करना चाहती है। फिलहाल कंपनी एथर 450एक्स स्कूटर को 16 बड़े शहरों में बेचना शुरू कर रही है। ये शहर मैसूर, हुबली, जयपुर, इंदौर, पणजी, भुवनेश्वर, नासिक, सूरत, चंडीगढ़, विजयवाड़ा, विशाखापट्टनम, गुवाहाटी, नागपुर, नोएडा, लखनऊ और सिलीगुड़ी हैं।
2021 में एथर ने हर महीने 2000 ई-स्कूटर बेचने का लक्ष्य रखा है। 2021 में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के भविष्य का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान एथर के फाउंडर तरुण मेहता ने कहा था, अगले 3 महीनों में हम इतने ई-स्कूटर बेचने वाले हैं, जितने हमने पिछले 2 सालों में नहीं बेचे।
इस साल आ सकता है सबसे सस्ता और अच्छा स्कूटर
ओला कैब की एक शाखा ओला इलेक्ट्रिक, नीदरलैंड की कंपनी एर्टिगो के साथ मिलकर ई-स्कूटर बना रही है। इन ई-स्कूटर का ट्रायल भी शुरू हो चुका है। आशा है कि साल के आखिरी तक ओला के ई-स्कूटर मार्केट में उपलब्ध होंगे।
ऑटोकार इंडिया के मुताबिक ओला के ई-स्कूटर केवल एथर 450 एक्स, बजाज चेतक और टीवीएस आईक्यूब के लिए ही कड़ी चुनौती नहीं होंगे, बल्कि ये पेट्रोल से चलने वाली दोपहिया गाड़ियों को भी कड़ी टक्कर देंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि संभवतः इन स्कूटर्स के दाम अभी उपलब्ध पेट्रोल गाड़ियों जितने ही होंगे। ओला बहुत बड़ी मात्रा में इन ई-स्कूटर का उत्पादन करने वाला है। यह कदम दाम कम रखने में उसकी मदद करेगा। इसके लिए ओला ने तमिलनाडु में 2400 करोड़ की लागत से अपना प्लांट लगाया है। इस मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से हर साल 20 लाख ई-स्कूटर बन सकते हैं। इसके जरिए ओला 10 हजार लोगों को नौकरियां भी देने वाली हैं।
दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के मार्केट में भी सबसे आगे हीरो
भारत की कुल गाड़ियों में 80% से ज्यादा हिस्सेदारी दोपहिया वाहनों की हैं। हर साल बिकने वाले दोपहिया वाहनों में से 40% हीरो मोटोकॉर्प के होते हैं। हीरो ने ऐसा ही कुछ कारनामा इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के मार्केट में भी कर रखा है। साल 2020 में बिकी कुल 25,735 इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स में से सबसे ज्यादा 8,111 ई-स्कूटर हीरो इलेक्ट्रिक की थीं। इसके अलावा अब तक चौथे सबसे बड़े मार्केट प्लेयर एथर एनर्जी में भी हीरो की 35% की हिस्सेदारी है।
बैटरी का दाम आधे से भी कम हो जाएगा
नीति आयोग और रॉकी माउंटेन इंस्टीट्यूट की स्टडी के अनुसार अभी बैटरी का दाम, ई-वाहनों की कुल कीमत का 35% है। तकनीकी सुधार होने और वाहनों की संख्या बढ़ने पर यह घटकर 16% तक हो जाएगा। यानी आधे से भी कम। एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट के मुताबिक भारत का इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मार्केट 2021 से 2026 के बीच 25% की दर से बढ़ेगा। भारतीय शहरों में वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है। हेल्थ जर्नल लांसेट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में वायु प्रदूषण के चलते 17 लाख लोगों की मौत हुई थी। ऐसी समस्याओं से बचने के लिए सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर सब्सिडी देने की शुरुआत की है।
दोपहिया इलेक्ट्रिक गाड़ियों की खरीद पर 30 हजार तक की सब्सिडी
आमतौर पर इलेक्ट्रिक वाहनों के दाम पेट्रोल-डीजल वर्जन के मुकाबले ज्यादा होते हैं। ऐसा इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ भी है। लेकिन इलेक्ट्रिक वाहन 2-3 साल में इतनी बचत कर देते हैं कि ग्राहक का पैसा वसूल हो जाता है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों की सर्विसिंग पर भी पेट्रोल-डीजल वाहनों जितना खर्च नहीं आता।
फिर भी इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने फेम-2 स्कीम शुरू की है। जिसके तहत सरकार 10 अलग-अलग कंपनियों की 33 ई-बाइक और ई-स्कूटर पर सब्सिडी दे रही है। सबसे ज्यादा सब्सिडी (30 हजार रुपए) ओकिनावा ऑटोटेक प्राइवेट लिमिटेड की आई-प्रेज प्लस और रिवोल्ट इंटेलिकॉर्प प्राइवेट लिमिटेड की RV400 बाइक पर दी जाती है। इस स्कीम के तहत हीरो इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की सबसे ज्यादा 10 इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर पर छूट मिलती है।
अब भी इलेक्ट्रिक गाड़ियां सरकारी लक्ष्य से बहुत दूर
INC42 ने मार्च, 2020 में इलेक्ट्रिक गाड़ियों का निर्माण करने वाली कंपनियों के हवाले से बताया था कि भारत में कुल 1.5 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन हैं। इस साल आई बिक्री में गिरावट के चलते अब भी यह संख्या 2 लाख से ज्यादा नहीं हुई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में 2015 तक रजिस्टर कुल दोपहिया गाड़ियों की संख्या 15 करोड़ से ज्यादा थी। 5 साल में इसकी संख्या में और बढ़ोतरी हुई है। इसका मतलब यह है कि देश में मात्र 0.01% दोपहिया इलेक्ट्रिक गाड़ियां हैं। कोविड-19 से प्रभावित साल 2020 में भारत में दोपहिया गाड़ियों की बिक्री में 5.4% की गिरावट भी आई है, 2020 में कुल 25,735 इलेक्ट्रिक दोपहिया गाड़ियों की बिक्री हुई थी। इससे पहले 2019 में 27,224 हाई-स्पीड इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की बिक्री हुई थी।
सोसायटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (SMEV) के डायरेक्टर जनरल सोहिंदर गिल के मुताबिक, 'सरकार ने फेम 2 (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) के तहत 10 लाख इलेक्ट्रिक गाड़ियां बेचने का बड़ा लक्ष्य रखा है लेकिन अब तक इनकी संख्या लक्ष्य के आस-पास भी नहीं है।'