दो महीने जंगल में बकरियां चरा रहे एक युवक की कुल्हाड़ी से सिर पर वार कर हत्या कर दी गई। चरवाहा बच न जाए…इसके लिए हत्यारे ने कुल्हाड़ी से बेरहमी से छाती, पेट और पैर पर भी कई वार किए। लाश को भी पहाड़ी के पानी से कटाव होने वाली जगह पर मिट्टी और घास डाल कर छिपा दिया।
दो महीने बाद पुलिस ने इस ब्लाइंड मर्डर का खुलासा किया है। हत्या की वजह चौंकाने वाली थी।
हत्यारे ने चरवाहे का चांदी का कड़ा चुराने के लिए उसकी बेरहमी से हत्या की, ताकि वो उन्हें बेचकर अपनी पत्नी की गिरवी रखी हुई 5 हजार रुपए की पायजेब छुड़ा सके।
भास्कर रिपोर्टर ने भी बारां पहुंच कर मामले को इंवेस्टिगेट किया।
पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
दीवाली पर जुएं में हारा तो पत्नी के गहने गिरवी रखे
ये कहानी दीपावली से शुरू हुई थी। मोनू पुत्र महेश धानुक जुएं में 5 हजार रुपए हार गया। रुपए चुकाने के लिए उसने पत्नी की पायजेब एक ज्वैलरी शॉप पर 5 हजार रुपए में गिरवी रख दी। घर गया और पत्नी ने पायजेब मांगी तो बोला कि जुएं में हार गया। परिवार ने उसे 5 हजार रुपए दिए ताकि पायजेब वापस ले आए। मोनू ने उन रुपयों से भी जुआं खेल लिया और हार गया। इसके बाद पत्नी ने पायजेब लाने की बात कहीं तो घर में झगड़ा शुरू हो गया।
पुलिस की गिरफ्त में मोनू। आरोपी ने पत्नी की गिरवी पायजेब छुड़ाने के लिए एक निर्दोष नाबालिग की हत्या कर दी और उसके हाथ से चांदी का कड़ा निकालकर बेच दिया।
चरवाहे से बकरी उधार मांगी
माेनू कई दिनों से पायजेब वापस लाने के लिए परेशान था। उसने प्लान बनाया कि वह बकरी खरीद कर कसाई को बेच देगा और पत्नी के गहने वापस लाकर दे देगा, लेकिन उसके पास बकरी खरीदने के लिए भी रुपए नहीं थे। मोनू पहले से ही मृतक बंटी को जानता था। वह राजा के जंगलों में 28 अक्टूबर को बंटी पुत्र कंवरलाल बंजारा के पास पहुंचा।
बंटी के पास 80-90 बकरियां थी। उससे दो बकरियां उधार मांगी। बंटी ने बकरियां उधार देने से मना कर दिया था। मोनू ने कहा कि वो दो बकरियों के पैसे जल्दी लौटा देगा, लेकिन बंटी ने इनकार कर दिया। आखिर में मोनू ने 1 बकरी देने को कहा, लेकिन बंटी फिर भी नहीं माना। मोनू परेशान हो गया और घर लौटा गया। घर पर पायजेब को लेकर फिर पति-पत्नी के बीच झगड़ा हुआ।
बंटी को सोशल मीडिया पर रील्स बनाकर डालने का शौक था। उसने सोशल मीडिया पर कई पोस्ट डाल रखी थी।
जिंदा रह जाने के ड़र से सर, छाती, पेट और पैर काटे
29 अक्टूबर को मोनू फिर बंटी के पास जंगल में पहुंचा और बकरी उधार देने के लिए कहा। इसी दौरान उसकी नजर बंटी के हाथ में पहने चांदी के कड़े पर पड़ी। उसे लगा कड़ा बेचकर उसका काम हो जाएगा। मोनू ने बंटी को बोला- ‘बकरी नहीं दे रहा तो कोई बात नहीं है। तंबाकू तो खिला दें।’ बंटी ने जेब से तंबाकू की पुड़िया निकालने के लिए कुल्हाड़ी माेनू को दी।
बंटी तंबाकू मिला रहा था। इसी दौरान मोनू ने उसके सिर पर वार कर दिया। बंटी जमीन पर गिर गया और सिर से खून निकलने लगा। मोनू को डर लगा कि- बंटी जिंदा बच गया तो सबको पता चल जाएगा। इस पर उसने बंटी की छाती, पेट और पैरों पर भी कुल्हाड़ी से कई वार किए। जब उसे तसल्ली हो गई कि बंटी मर गया तो उसके हाथ से चांदी का कड़ा निकाल लिया।
पहाड़ी पर पानी के कटाव पर शव छिपाया
मोनू ने वहां बिखरे खून को मिट्टी डालकर छिपा दिया। पास में ही पहाड़ी की ढलान पर पानी के बहाव से कटाव हो रहा था। माेनू ने शव को उसी मिट्टी के कटाव में छिपा दिया और ऊपर मिट्टी व घास-फूस डाल दी। शाम को बंटी की बकरियां अपने आप ही घर पहुंच गई थी। बंटी घर नहीं पहुंचा तो परिवार के लोग उसे तलाश करने लगे। तीन दिनों तक तलाशने के बाद भी बंटी नहीं मिला तो थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई।
सोशल मीडिया पर बंटी की एक पोस्ट। इस पोस्ट में बंटी के हाथ में वो चांदी का कड़ा भी दिख रहा है, जिसके लिए उसकी हत्या कर दी गई।
टंकी पर हाथ साफ किए, कड़ा देकर गहने लाया
बंटी की हत्या करने के बाद मोनू पहले पानी की टंकी पर गया और खून के दाग साफ किए। इसके बाद चांदी का कड़ा लेकर दुकान पर गया और ज्वैलर से बोला- ‘कड़ा रख ले और पायजेब वापस दे दे। कुछ दिनों में कड़े को छुुड़ा कर ले जाऊंगा। मेरी पत्नी काे मायके जाना है।’ इसके बाद पायजेब वापस लाकर उसने पत्नी को दे दी। पत्नी ने रुपयों के बारे में पूछा लेकिन मोनू ने कुछ नहीं बताया।
मिट्टी हटी तो शव दिखा
बंटी को पूरी बस्ती के लोग तीन दिनों से तलाश कर थे। बस्तीवाले 3 नवम्बर को जंगल में पहुंचे। वहां पर बंटी के साथ बकरी चराने वालों से भी पूछताछ की। तब एक जगह पर मिट्टी की खुदाई नजर आई। उसके शव से घास-फूस हट चुकी थी। वहां पर पहुंचे तो बंटी के पैर दिखाई दिए। उन्होंने मिट्टी को हटाया तो शव मिला। बस्तीवालों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शव निकलवाया और पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।
बंटी के पिता। परिवार और बस्ती के लोगों ने 3 दिन तक उसकी तलाश की। ये तलाश खत्म हुई, जब जंगल में बंटी की लाश मिली।
10 दिनों तक पुलिस पर नजर, फिर मजदूरी करने गया
हत्या के बाद मोनू काफी अलर्ट था। बंटी का शव मिल गया तो पकड़े जाने का डर सताने लगा। 10 दिनों तक पुलिस पर नजर रख रहा था। इधर पुलिस को भी कोई क्लू नहीं मिल रहा था। कुछ समय बाद मोनू बेफिक्र हो गया कि उसे कोई पकड़ नहीं सकता है और वह मजदूरी करने बारां से बाहर चला गया।
…इस तरह पकड़ा गया हत्यारा
एसपी बारां कल्याणमल मीना ब्लाइंड मर्डर की जांच कर रहे थे। उन्होंने साइबर टीम प्रभारी सत्येंद्र सिंह से बात की। कांस्टेबल राजकुमार कुंतल ने घटना के दिन बकरी चराने वालों और जंगल के आसपास रहने वाले लोगों से बातचीत की। तब उन्हें माेनू के बारे में पता लगा। मोबाइल लोकेशन भी ली गई। माेनू का पता लगने पर पुलिस टीम फिर से एक्टिव मोड पर आई। मोनू के घर पहुंचे तो पता लगा कि वह मजदूरी करने गया। पुलिस ने वहां पहुंचकर उसे गिरफ्तार कर लिया और कड़ा-कुल्हाड़ी जब्त कर ली।