मामला किरायेदार और मकान मालिक का है। हुआ यह कि दिल्ली पुलिस को चाणक्य प्लेस पर चर्च के पास किरायेदार और मकान मालिक के बीच हाथापाई की सूचना मिली। मौके पर जब पुलिस पहुंची, तो पता चला कि किरायेदार ने मकान मालिक की पिटाई कर दी है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, वेद प्रकाश मकान मालिक है और उसने 2021 में ऑफिस खोलने के लिए सुभाष मैग्गो को अपनी प्रॉपर्टी दी थी।
सुभाष ने एक महीने पहले ऑफिस खाली कर दिया है। जब वह यहां शिफ्ट हुआ था, तब उसने बाथरूम में महंगी टॉयलेट सीट लगवाई थी। अब वो इसे अपने साथ खुलवाकर ले जाना चाहता है, लेकिन ऐसा करने से वेद प्रकाश ने इनकार कर दिया। दोनों के बीच बात बढ़ गई और सुभाष ने वेद प्रकाश की पिटाई कर दी।
आज जरूरत की खबर में बात किरायेदार और मकान मालिक दोनों के पक्ष की करते हैं। हमारे सारे सवालों का जवाब देंगे सुप्रीम कोर्ट के दो एडवोकेट शशि किरण और सचिन नायक।
सवाल- जो सामान किरायेदार ने किराये के घर में लगाया है, क्या वो उसे घर छोड़ने पर ले जा सकता है?
जवाब- यह रेंट एग्रीमेंट के आधार पर तय किया जाता है कि वो किराये के घर से सामान ले जा सकता है या नहीं। छोटे-मोटे इंप्लीमेंट हर किरायेदार रहने के दौरान करता है। कई बार इसकी जानकारी भी मकान मालिक को नहीं देता क्योंकि यह उसकी जरूरत है।
जब कोई बड़ा बदलाव करता है तो इसकी सूचना उसे देनी होती है। रेंट से उस चीज के पैसे भी काट लिए जाते हैं। इस केस में यह क्लियर नहीं है कि किरायेदार ने जो टॉयलेट सीट लगाई है, उसके पैसे रेंट देते वक्त काटे थे या नहीं।
यह भी समझ लें कि यह बात किरायेदार के निजी सामान फ्रिज, टीवी, AC आदि पर लागू नहीं होती। इसे ऐसे समझें- जब किरायेदार शिफ्ट हुआ था, तब उसके पास AC नहीं था। उस घर में रहने के दौरान उसने खरीदा है, तब घर खाली करने के दौरान मकान मालिक उसे ले जाने से रोक नहीं सकता।
सवाल- मकान मालिक की अगर नियत बदल जाए, वो किरायेदार को उसका ही सामान न ले जाने दे, तो ऐसे में किरायेदार क्या कर सकता है?
जवाब- मकान मालिक किरायेदार का सामान जैसे उसके कपड़े, गहने बाकी चीजें ले जाने से उसे रोक नहीं सकता। ऐसा करने पर किरायेदार पुलिस में शिकायत कर सकता है। किरायेदार रेंट कंट्रोलिंग ऑथिरिटी को भी शिकायत कर सकता है। अगर किरायेदार ने घर में कोई तोड़फोड़ की है, कुछ नुकसान किया है, रेंट नहीं दिया है तब उसे मकान मालिक टेम्परेरी सामान ले जाने से रोक सकता है। वो भी तब तक, जब तक उसे पैसे न मिले या मामला सॉल्व न हो।
सवाल- इस केस में किरायेदार ने पुरानी टाॅयलेट सीट की जगह नई लगवाई थी, अगर घर या ऑफिस छोड़ते वक्त वो उसे ले जा रहा है, तो क्या उसे पुरानी या उसके बदले दूसरी सीट लगानी होगी?
जवाब- रेंट एग्रीमेंट में अगर यह लाइन लिखी है कि अगर आप मेरे घर पर कोई इंप्लीमेंट या बदलाव करते हैं, तो उसे घर खाली वक्त ले नहीं जा सकते हैं या फिर उसके साथ जाते वक्त छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं, तो यह बात किरायेदार को माननी होगी। अगर किरायेदार ऐसा नहीं करेगा, तो उसके खिलाफ मकान मालिक शिकायत कर सकता है।
अगर किरायेदार और मकान मालिक के बीच यह बात तय हुई थी कि अभी नई लगा लो और जाते वक्त पुरानी रिप्लेस कर देना, तब वो ऐसा कर सकता है, लेकिन इसके लिए भी लिखित एग्रीमेंट होना चाहिए।
सवाल– किराये पर घर देते समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?
जवाब– नीचे लिखी बातों का मकान मालिक को ध्यान रखना चाहिए-
11 महीने का रेंट एग्रीमेंट
- रेंट एग्रीमेंट 11 महीने के लिए कराना जरूरी है।
- एग्रीमेंट को notarize यानी रजिस्टर के पास जाकर रजिस्ट्री कराना जरूरी है।
- अगर किरायेदार 11 महीने के बाद घर या दुकान खाली करने से मना कर देता है, तो आप कोर्ट में इस रेंट एग्रीमेंट को दिखा सकते हैं।
- अगर मकान मालिक पुराने किरायेदार को 11 महीने के बाद भी रखना चाहता है, तो उसे हर साल रेंट एग्रीमेंट को रिन्यू करवाना होगा।
किरायेदार का पुलिस वेरिफिकेशन
- प्रॉपर्टी किराये पर देने से पहले पुलिस वेरिफकेशन जरूरी है।
- व्यक्तिगत रूप से मकान मालिक को यह काम कराना चाहिए।
- पुलिस के पास एक रेंटर यानी किरायेदार वेरिफिकेशन फॉर्म होता है।
- इसे भरने के लिए किरायेदार की फोटो, आधार कार्ड की कॉपी सब जमा करना होगा।
- किरायेदार का कोई आपराधिक रिकॉर्ड होगा, तो पुलिस वेरिफिकेशन से इसका पता चल जाएगा।
पिछले मकान मालिक से पूछताछ
- अपना मकान या दुकान किसी किरायेदार को देने से पहले संभव हो, तो उसके पिछले मालिक से उसका रिकॉर्ड जरूर चेक करें।
- इससे उसके व्यवहार के साथ यह पता चल जाएगा कि वह समय पर किराया देता है या नहीं।
सवाल- किरायेदार से घर खाली करवाने को लेकर कानून क्या कहता है?
जवाब- मॉडल टेनेंसी एक्ट, 2021 धारा 21 और 22 में जिक्र है कि एक किरायेदार को मकान मलिक कब अपने घर से बेदखल कर सकता है। इसका जिक्र हमने ऊपर लगे क्रिएटिव में भी किया है। इसके लिए मकान मालिक को रेंट कोर्ट में बेदखली और प्रॉपर्टी के कब्जे की वसूली के लिए एक एप्लिकेशन देनी होगी।
पिछले साल जून में मॉडल टेनेंसी एक्ट, 2021 लागू किया गया। इसकी कुछ जरूरी बातें आप भी जान लें…
- मकान मालिक और किरायेदार के बीच एक रिटर्न यानी लिखित रेंट एग्रीमेंट होना जरूरी है।
- इस एग्रीमेंट में किरायेदार कब तक रहेगा, कितना किराया देगा, डिपॉजिट की रकम कितनी होगी, इन सारी चीजों की जानकारी होगी। एग्रीमेंट रिन्यू किया जाएगा, तो कितने पर्सेंट पैसे बढे़ंगे, इसका भी जिक्र रहेगा।
- इसके साथ घर या फ्लैट में रहने की सारी शर्तें लिखी होनी चाहिए।
- मॉडल टेनेंसी एक्ट के सेक्शन-5 के अनुसार रेंट एग्रीमेंट एक तय समय तक ही लीगल होगा।
- एग्रीमेंट की तारीख खत्म होने के बाद अगर मकान मालिक दोबारा उसी किरायेदार को रखना चाहता है, तो उसे दूसरा यानी नया एग्रीमेंट बनाना होगा।
- अगर एग्रीमेंट की तारीख खत्म हो जाती है और एग्रीमेंट रिन्यू नहीं होता, तो ऐसे में किरायेदार को घर खाली करना होगा।
- अगर किरायेदार घर खाली करने में असमर्थ है यानी किसी कारण से घर खाली नहीं कर पाया है, तो उसे मकान मालिक को बढ़ा हुआ किराया देना होगा।
सवाल- किरायेदार से घर, फ्लैट और दुकान कैसे खाली करवाए जा सकते हैं?
जवाब- इसके लिए कानून में कुछ तरीके तय किए गए हैं, जो नीचे लिखे जा रहे हैं…
- किरायेदार पहले घर खाली करने की सूचना लीगल नोटिस के माध्यम से दें।
- अगर वो न माने, तो इसके लिए पुलिस की सहायता लें।
- रेंट कंट्रोल अथॉरिटी में याचिका डालकर अपना घर खाली करवा सकते हैं।
- IPC की धारा 103 के तहत अगर किरायेदार आपकी प्रॉपर्टी पर जबरन कब्जा कर लेता है, तो फौरन 100 नंबर डायल करें।
सवाल– किरायेदार क्या घर खाली करने से मना कर सकता है?
जवाब– ऐसा वो बिल्कुल नहीं कर सकता। हां, अगर एग्रीमेंट के दौरान घर खाली करने को कहा जाए तब वो मना कर सकता है। उसे अपनी मजबूरी मकान मालिक को बतानी होगी। उससे घर खाली करने का समय लेना होगा। दूसरी ओर अगर किरायेदार का रवैया सही नहीं, उसका व्यवहार असामाजिक है, तब वो घर खाली करने से मना नहीं कर सकता।
सवाल– किरायेदार अगर घर खाली न करे और मकान मालिक के साथ बुरा व्यवहार करे, तो मकान मालिक को क्या करना चाहिए?
जवाब– पुलिस से शिकायत करें या 100 डायल करें। अगर किरायेदार के साथ मकान मालिक गलत व्यवहार करे, तो किरायेदार भी पुलिस से शिकायत कर सकता है।
किरायेदार के पास भी ये 10 अधिकार मौजूद हैं
- Model Tenancy Act के तहत रेंट एग्रीमेंट में लिखी समय सीमा से पहले किरायेदार को तब तक नहीं निकाला जा सकता, जब तक उसने लगातार दो महीनों तक किराया न दिया हो या वह प्रॉपर्टी का गलत इस्तेमाल कर रहा हो।
- रेसिडेंशियल बिल्डिंग के लिए सिक्योरिटी अधिकतम 2 महीने का किराया हो सकता है। नॉन रेसिडेंशियल जगहों के लिए अधिकतम 6 महीने का किराया।
- किरायेदार को हर महीने किराया देने पर रसीद लेने का अधिकार है। अगर मकान मालिक समय से पहले किरायेदार को निकालता है। तो कोर्ट में रसीद को सबूत के तौर पर दिखाया जा सकता है।
- किरायेदार को हर हालत में बिजली और पानी लेने का अधिकार है। कानून के मुताबिक, बिजली और पानी किसी भी व्यक्ति के लिए मूलभूत जरूरत होती है।
- घर या मकान खाली करवाने की सही वजह जानने का उसे हक है।
- अगर मकान मालिक रेंट एग्रीमेंट में तय की गई शर्तों के अलावा कोई और शर्त उस पर थोपता है या अचानक किराया बढ़ा देता है। तो वो कोर्ट में याचिका दे सकता है।
- अगर किरायेदार घर में नहीं है, तो मकान मालिक उसके घर का ताला नहीं तोड़ सकता है। न ही सामान को बाहर फेंक सकता है। ऐसा करने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
- मकान मालिक बिना बताए किरायेदार के घर पर आ नहीं सकता है।
- उसके किसी सामान की जांच पड़ताल नहीं कर सकता है।
- किरायेदार और परिवार के लोगों पर मकान मालिक हर वक्त नजर नहीं रख सकता है।
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