दशहरा महापर्व पर राजस्थान में बुधवार को जगह-जगह रावण दहन किया गया। कोटा में राष्ट्रीय दशहरा मेला लगा, जिसमें रिमोट से 75 फीट ऊंचा रावण को जलाया गया। जयपुर के विद्याधर नगर में प्रदेश का सबसे बड़ा 120 फीट का रावण बना। देर रात करीब 11 बजे यहां रावण को जलाया गया। वहीं, जोधपुर में रावण दहन देखने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी पहुंचे। यहां हाईटेक तरीके से लंकेश्वर को आग के हवाले किया गया। उदयपुर में रावण के साथ लंका भी जलाया गया। झुंझुनूं जिले के उदयपुरवाटी में रावण को गोलियां दाग कर मारा गया।
कोटा का दशहरा मेला राजस्थान का सबसे पुराना और देश में सबसे ज्यादा दिनों तक चलने वाला मेला है। ये एकमात्र ऐसा दशहरा मेला है, जो 20 दिन तक चलता है।
झुंझनू जिले के उदयपुरवाटी कस्बे में रावण पर गोलियां बरसाई गईं। उदयपुरवाटी क्षेत्र में बसे दादूपंथी समाज के लोग इस परम्परा को निभाते हैं।
जयपुर के आदर्श नगर दशहरा मैदान में 105 फीट ऊंचा रावण जलाया गया। वहीं, जयपुर के गुर्जर की घाटी जलमहल स्थित खजाना महल म्यूजियम में अनोखा रावण दहन देखने को मिला। जहां जिप लाइन (तार) पर हाथ में धनुष बाण थामे 25 फीट की ऊंचाई से भगवान राम उड़ते हुए आए। सांकेतिक रूप से तीर चलाकर उन्होंने रावण के पुतले का अंत किया।
जयपुर के आदर्श नगर में 105 फीट के रावण का दहन किया गया।
CM अशोक गहलोत अपने गृह क्षेत्र जोधपुर के रावण का चबूतरा पर रावण दहन देखा। इससे पहले गहलोत ने जोधपुर में दशहरा पर लोगों से मुलाकात की। उदयपुर में 70 फीट ऊंचे रावण के साथ 100 फीट की लंका का भी दहन किया गया।
कोटा में राष्ट्रीय दशहरा मेले में 75 फीट का रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण का रिमोट कंट्रोल से दहन किया गया।
कोटा में राष्ट्रीय दशहरा मेले में 75 फीट का रावण दहन हुआ
राजस्थान के कोटा में राष्ट्रीय दशहरा मेले में कोरोना के दो साल बाद आज धूमधाम से रावण दहन हुआ। 75 फीट के पुतले का दहन किया गया। दशहरा मेले में भारतीय संस्कृति की झलक और राजस्थानी लोक संस्कृति की छटा रही। मॉडर्न टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रिक लाइटिंग्स, आतिशबाजी के नजारे भी देखने को मिले। राष्ट्रीय मेला दशहरा 2022 के तहत मेला परिसर विजयश्री रंगमंच पर रावण दहन रिमोट से किया गया।
रावण का पुतला जलाते वक्त पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से ऑपरेट किया गया। रिमोट से ही पुतले की आतिशबाजी कंट्रोल की गई। इस बार पुतले में एक्सट्रा पटाखे और आतिशबाजी लगाई गई । पूरे दशहरा मैदान में आसपास एरिया में 50 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। कंट्रोल रूम में 5 एलईडी स्क्रीन से मॉनिटरिंग की गई। दशहरा मैदान में एक पुलिस थाना और 6 अस्थाई पुलिस चौकियां बनाई गईं।
चप्पे चप्पे पर नजर
पुलिस प्रशासन के सहयोग से मेले में 7 पुलिस चौकियां स्थापित की गईं। पूरे मेले की निगरानी करने के लिए 9 वाच टावर स्थापित किए गए। मेले में 500 जवानों का जाब्ता आवश्यकतानुसार घटता बढ़ता रहा। इसके अलावा 150 अतिरिक्त जवान भी आदेश के इंतजार में अलर्ट मोड पर तैनात किए गए। मेले में 150 जवान जिले से भी मंगाए गए हैं। एक मेला थाना बनाया गया है। निगरानी के लिए IPS रैंक के अधिकारी की भी तैनाती की गई। साथ ही होमगार्ड के जवान भी लगाए गए।
राजधानी जयपुर में सबसे ऊंचे 120 फीट का रावण विद्याधर नगर स्टेडियम में बनाया गया था। बुधवार रात करीब 11 बजे इसका दहन किया गया।
जयपुर में 120 फीट का रावण
राजधानी जयपुर में सबसे ऊंचे 120 फीट का रावण विद्याधर नगर स्टेडियम में बना है। इस दौरान पॉल्यूशन फ्री ग्रीन आतिशबाजी की जा रही है। आदर्श नगर दशहरा मैदान में 105 फीट ऊंचे रावण का दहन हुआ। रावण का मुकुट 15 फीट ऊंचा था।
जयपुर में रावण दहन के बड़े प्रोग्राम
-120 फीट ऊंचा रावण दहन-विद्याधर नगर स्टेडियम।
-80 फीट ऊंचा रावण दहन- शास्त्री नगर राष्ट्रपति मैदान।
-70 फीट ऊंचा रावण दहन-मानसरोवर अरावली मार्ग मैदान।
-75 फीट ऊंचा रावण दहन- प्रताप नगर सेक्टर-16 दशहरा मैदान।
-61 फीट ऊंचा रावण दहन-रामलीला मैदान,न्यू गेट।
जयपुर के गुर्जर की घाटी जलमहल स्थित खजाना महल म्युजियम में अनोखा रावण दहन देखने को मिला। जहां जिप लाइन (तार) पर हाथ में धनुष बाण थामे 25 फीट की ऊंचाई से भगवान राम उड़ते हुए आए। सांकेतिक रूप से तीर चलाकर उन्होंने रावण के पुतले का अंत किया।
जोधपुर में हुआ रावण का दहन। यहां 60 फीट ऊंचे रावण का पुतला जलाया गया।
झुंझुनूं के उदयपुरवाटी कस्बे में रावण पर पहले गोलियां चलाई गईं। इसके बाद दहन किया गया। फोटो- सुशील दाधिच
झुंझुनूं के उदयपुरवाटी में गोलियों से भूना
झुंझुनूं जिले के उदयपुरवाटी कस्बे में रावण के अंत की अनोखी परंपरा निभाई गई। यहां रावण पर बंदूकों से अंधाधुंध गोलियां बरसाई गईं। यह परम्परा 125 साल से चली आ रही है। उदयपुरवाटी क्षेत्र में बसे दादूपंथी समाज के लोग इस परम्परा को निभाते हैं। आसपास के गांवों से भी हजारों लोग इसे देखने पहुंचे। रावण पर गोली चलाने की प्रैक्टिस पिछले 9 दिन से हो रही थी। उदयपुरवाटी विधायक और मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी रावण पर बंदूक से निशाना लगाया।
उदयपुर के गांधी ग्राउंड में रावण का दहन हुआ। 100 फीट लंबी सोने की लंका भी जलाई गई
उदयपुर में 70 फीट के रावण व 100 फीट की लंका का दहन
उदयपुर में महाराणा भूपाल स्टेडियम में मनाए जाने वाले दशहरा पर्व में 70 फीट के रावण का दहन हुआ। इस दौरान आतिशबाजी और 100 फीट की लंका का भी दहन किया गया। सनातन धर्म मंदिर से श्री राम की शोभायात्रा निकाली गई।
सीकर जिले के रिंगस में रावण का वध किया गया।
रींगस में हुआ रावण का वध
सीकर जिले के रींगस के पास बाय गांव में रावण का वध किया गया। करीब 167 साल से गांव में दशहरे मेले का आयोजन किया जा रहा है। रामलीला का मंचन किया गया। जिसमें गांव के लोग कलाकार मौजूद रहे।दशहरा मेला समिति अध्यक्ष प्रहलाद सहाय मिश्रा, उपाध्यक्ष बजरंग लाल आचार्य और मालीराम कुमावत ने बताया कि दशहरे के मौके पर आज भी दोपहर 12 बजे मेले का शुभारंभ किया गया। इस दौरान रामलीला का मंचन किया गया। राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल के खेल मैदान को युद्ध का मैदान बनाया गया। लक्ष्मीनाथ मंदिर से आरती के बाद राम और रावण सेना तैयार होकर गाजे-बाजे के साथ युद्ध स्थल पर पहुंचती है। शाम 4.30 बजे दोनों सेनाओं की ओर से युद्ध शुरू हुआ। युराम तीर मारकर रावण का वध किया।
अजमेर के पटेल स्टेडियम में दशहरे का कार्यक्रम आयोजित किया गया। 2 साल बाद आयोजित हुए दशहरे के इस कार्यक्रम पर बड़ी संख्या में शहर के कोने-कोने से लोग पटेल स्टेडियम में पहुंचे। जहां आतिशबाजी के साथ रावण और लंका का भी दहन हुआ।
बीकानेर के करणी सिंह स्टेडियम में पिछले दो साल से रावण दहन नहीं हुआ। कोरोना खत्म हुआ तो इस बार स्टेडियम के किसी भी पवेलियन में पैर रखने को जगह नहीं थी।