हुरुन ने 2022 के 1103 भारतीय अरबपतियों की लिस्ट जारी कर दी है। देश में अमीरों की तादाद बढ़ने का जश्न वो आम आदमी भी मना रहा है जिसका बैंक खाता खाली पड़ा है। जश्न न सही, मन ही मन खुश होने की एक वजह इस लिस्ट में जरूर है।
दरअसल, लिस्ट की करीब से पड़ताल बताती है कि देश में 1000 करोड़ नेटवर्थ (इस लिस्ट में शामिल होने की जरूरी शर्त) वाले लोगों की तादाद तो बढ़ी है, लेकिन डॉलर बिलियनेयर यानी 8 हजार करोड़ से ज्यादा नेटवर्थ वाले लोग 2021 के मुकाबले कम हो गए हैं। यानी देश के अमीरों में ही सही...वेल्थ डिस्ट्रीब्यूशन थोड़ा बेहतर हुआ है।
भारत में 100 करोड़ रुपए की संपत्ति वाला व्यक्ति अरबपति तो कहला सकता है, मगर डॉलर बिलियनेयर कहलाने के लिए 100 करोड़ डॉलर, यानी 8 हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जरूरी है।
हुरुन की लिस्ट में उन लोगों को शामिल किया गया है जिनका नेटवर्थ कम से कम 1000 करोड़ रुपए है। इस साल लिस्ट में लोगों की संख्या बढ़ने से अरबपतियों की कुल संपत्ति तो 2021 के मुकाबले 9.4% बढ़ी है, मगर इनकी औसत संपत्ति 1% घट गई है। हुरुन लिस्ट के टॉप-10 में शामिल होने के लिए 2021 में संपत्ति 1.21 लाख करोड़ से ज्यादा होनी चाहिए थी, मगर 2022 में 1.19 लाख करोड़ संपत्ति वाले भी टॉप-10 में आ गए हैं।
आइए, समझते हैं क्यों भारत में अरबपतियों की औसत संपत्ति में गिरावट आई है और क्या यह देश में बेहतर वेल्थ डिस्ट्रीब्यूशन का संकेत है?
हुरुन रिच लिस्ट 2012 में शुरू हुई थी…लिस्ट में बड़े बदलावों वाले 5 सालों से समझिए- अमीरी का लोकतंत्र
1103 अरबतियों में से 94 विदेश में रहते हैं…इतने ही एक साल में भारत में बढ़े
हुरुन लिस्ट में शामिल 1103 अरबपतियों में से 94 भारत से बाहर रहते हैं। दरअसल, लिस्ट में भारत में पैदा हुए लोगों को शामिल किया जाता है, भले ही अभी वह कहीं बाहर रह रहे हों या किसी और देश का पासपोर्ट इस्तेमाल करते हों।
लेकिन NRI अरबतियों की कुल संख्या के बराबर अरबपति पिछले एक साल में भारत में ही बढ़ गए हैं। यानी देश में रहकर ही अरबपति होने का सपना पूरा करना अब पहले के मुकाबले ज्यादा आसान है।
भारतीय अरबपतियों के मौजूदा देश से समझिए…कहां रहकर अरबों कमाना ज्यादा आसान
देश |
भारतीय अरबपति |
1 साल में बदलाव |
भारत |
1009 |
+94 |
USA |
48 |
+1 |
UAE |
20 |
+2 |
UK |
13 |
00 |
सिंगापुर |
3 |
-1 |
अन्य |
10 |
00 |
अरबपतियों का स्टॉक मार्केट कनेक्शन: भारत में 2015 से आया IPO बूम, उसी साल पहली बार हुरुन ने शर्तें बदलीं
हुरुन 2012 से अरबपतियों की सूची जारी कर रहा है। 2012 से 2014 तक स्टॉक मार्केट में कुल 21 कंपनियों ने IPO लिस्ट किए थे, जबकि सिर्फ 2015 में ही 20 कंपनियों ने IPO लिस्ट किए। इसके बाद से लगातार स्टॉक मार्केट में उतरने वाली कंपनियों की संख्या बढ़ी है।
हुरुन किसी भी उद्योगपति के नेटवर्थ की गणना में उसकी कंपनी के वैल्युएशन और मार्केट कैप में उसकी हिस्सेदारी को भी देखता है। हुरुन ने 2015 में ही पहली बार लिस्ट में 1600 करोड़ रुपए नेटवर्थ के व्यक्ति को शामिल किया था। उसी वर्ष से भारत में IPO लिस्टिंग्स की संख्या बढ़ी है।
2021 में पहली बार अरबपतियों की संख्या 1000 के पार गई थी और यही साल था जब रिकॉर्ड 66 IPO लिस्ट हुए थे। 2022 के सितंबर तक ही 20 IPO लिस्ट हो चुके हैं।
हुरुन ने अपनी रिपोर्ट में जिक्र भी किया है कि कई स्टार्ट-अप्स की स्टॉक मार्केट लिस्टिंग की वजह से उनके फाउंडर्स की नेटवर्थ कई गुना बढ़ी है और वह लिस्ट में शामिल हुए हैं।
देखिए…कैसे भारत में साल-दर-साल बढ़े IPO
साल |
कितने IPO |
2012 |
11 |
2013 |
4 |
2014 |
6 |
2015 |
20 |
2016 |
27 |
2017 |
38 |
2018 |
23 |
2019 |
17 |
2020 |
16 |
2021 |
66 |
2022 |
20
(15 सितंबर, 2022 तक) |
स्रोत: ZERODHA
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