जोधपुर के एक डॉक्टर (प्लास्टिक सर्जन) ने रविवार को क्रूरता की हदें पार कर दीं। उसके घर में एक स्ट्रीट डॉग घुसा तो उसने डॉग को अपनी गाड़ी में बांधकर 5 किलोमीटर तक घसीटा। इससे कुत्ता गंभीर रूप से घायल हो गया। उसका पैर फ्रैक्चर हो गया। स्किन तक फट गई।
रास्ते से गुजर रहे लोगों ने किसी तरह से आरोपी डॉक्टर की कार रुकवाकर कुत्ते को छुड़ाया। इस पर डॉक्टर लोगों से बहस करने लगा। यही नहीं, उसने पुलिस भी बुला ली। इसी बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री व एक्टिविस्ट मेनका गांधी की जानकारी में मामला आया तो उन्होंने पुलिस को फोन किया, जब जाकर डॉग को अस्पताल भेजा गया।
डॉक्टर के खिलाफ पशु क्रूरता का मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में आरोपी डॉ. रजनीश ने कहा- 'कुत्ता घर में अक्सर घुस जाता है, घर के बाहर भौंकता है। मेरी बेटी को भी काट लिया। इसलिए निगम के बाड़े में छोड़ने जा रहा था। अंदर बैठाता तो काटने का डर था।'
हालांकि, डॉक्टर ने अपनी बेटी के इलाज की जो पर्ची उपलब्ध करवाई, वह शाम की है। जबकि कुत्ते को वह 1 बजे के आसपास घसीटते हुए ले जा रहे था। इस पर डॉक्टर का कहना है कि उसको घर जाने पर बेटी को कुत्ते के काटने की जानकारी मिली।
स्ट्रीट डॉग को डॉक्टर ने कार से बांधकर सड़क पर इस तरह से दौड़ाया था। इस दौरान कई बार कुत्ता गिर पड़ा। वह गंभीर रूप से घायल भी हो गया।
जोधपुर के महात्मा गांधी हॉस्पिटल में बतौर प्लास्टिक सर्जन तैनात डॉ. रजनीश गालवा शहर की सबसे पॉश कॉलोनी शास्त्री नगर में रहते हैं। बताया जा रहा है कि कुत्ता डॉक्टर के घर में अक्सर घुस जाता था। रविवार दोपहर भी ऐसा ही हुआ। स्ट्रीट डॉग उनके घर में घुस गया। इससे डॉक्टर गालवा को गुस्सा आ गया। उन्होंने एक रस्सी कुत्ते के गले में बांधी और उसे घसीटते हुए बाहर लेकर आए।
उन्होंने रस्सी का दूसरा सिरा अपनी कार में बांध दिया और कार को तेज गति से दौड़ाने लगे। कुत्ता कार के पीछे भागता रहा। कार की रफ्तार तेज होने के कारण वह बीच-बीच में सड़क पर घिसट भी रहा था। उसके पूरे शरीर में जख्म हो गए। दोपहर 1 बजे शास्त्री नगर स्थित शास्त्री सर्किल पर हृदयेश सिंह और अपर्णा जस्सा समेत अन्य लोगों ने डॉक्टर की यह हरकत देखी।
डॉक्टर रजनीश गालवा ने इसी कार में बांधकर कुत्ते को दौड़ाया।
कार को रोकने का प्रयास
रोड पर कार के पीछे कुत्ते को बांधकर दौड़ाते देख लोगों ने कार रोकने का प्रयास किया। आरोप है कि डॉ. रजनीश गालवा कार नहीं रोकी और लगातार भगाता रहा। राहगीरों ने कार के पीछे बाइक दौड़ाई और कार को आगे से घेरा। कार के आगे बाइक खड़ी कर दी। तब जाकर कार रुकी।
डॉक्टर गालवा ने इसका विरोध भी किया। रोकने वाले लोगों से उनकी बहस भी हो गई। इतने में एक राहगीर ने डॉग होम फाउंडेशन के वर्करों को सूचना दे दी। फाउंडेशन के मेंबर आए तो उनसे भी डॉक्टर उलझ गया।
डॉक्टर ने ही बुलाई पुलिस
फाउंडेशन के लोगों ने घायल कुत्ते के लिए अपनी एंबुलेंस बुलाई तो डॉक्टर ने हंगामा कर दिया। उसने शास्त्रीनगर थाने को कॉल कर दिया और पुलिस भी आ गई। फाउंडेशन के सदस्य कुलदीप ने बताया कि पुलिस ने भी एंबुलेंस को रोक कर रखा। इसके बाद दिल्ली से मेनका गांधी ने SHO जोगेंद्र सिंह को फोन किया, तब एंबुलेंस को छोड़ा। फाउंडेशन के हितेश ने बताया कि हमने पुलिस में रिपोर्ट दी है। थाना इंचार्ज ने कहा कि अपर्णा बिस्सा ने डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
डॉग होम में प्राथमिक उपचार के बाद घायल डॉग।
थाने पहुंची डॉक्टर की पत्नी
डॉग होम फाउंडेशन के कुलदीप खत्री ने कहा कि पुलिस ने डॉक्टर की रसूख के चलते एम्बुलेंस को भी रोका। मामला दर्ज कराया तो डॉक्टर की पत्नी भी थाने पहुंच गई। उसने कुछ पैसे देकर मामला दबाने की कोशिश की। फिलहाल कुत्ते का डॉग होम फाउंडेशन में इलाज चल रहा है।
एमजीएच के प्लास्टिक सर्जन डॉ. रजनीश गालवा का कहना है, 'कुत्ता आवारा है। वह घर के बाहर निकलने पर परिवार के बच्चों और बुजुर्गों पर हिंसक हो जाता था। कई बार घर में घुस आता था। इसने मेरी बच्ची को भी काटा तब एमजीएच जाकर उसका इलाज कराया। मेरा इरादा किसी को नुकसान पहुंचाने का नहीं था, फिर भी किसी की भावना आहत हुई है तो मैं माफी चाहता हूं। आज छुट्टी का दिन था तो मैं इसे दूसरी जगह छोड़ने जा रहा था। गाड़ी में इसलिए नहीं बैठाया कि अंदर काटने का डर था। इसलिए साइड से बांधकर फर्स्ट गियर में गाड़ी चलाते हुए दूसरी जगह छोड़ने जा रहा था।'
मामला बढ़ने पर डॉक्टर की पत्नी भी थाने पहुंची। लोगों ने पैसे के बल पर मामला रफा-दफा कराने के प्रयास के भी आरोप लगाए।
शास्त्रीनगर थाना इंचार्ज जोगेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपी डॉक्टर के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम की धारा 11 व IPC की धारा 428 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
यह है सजा का प्रावधान
IPC की धारा 428, 429 और PCA एक्ट की धारा 11 के तहत स्ट्रीट डॉग को मारना-पीटना प्रताड़ित करना दंडनीय अपराध है। सरकार की नीति और एनिमल बर्थ कंट्रोल 2011 के तहत जिस क्षेत्र में इन स्ट्रीट डॉग का आतंक है, वहां इनकी नसबंदी की जा सकती है। मारा नहीं जा सकता। यदि कोई इन स्ट्रीट डॉग या मवेशियों को परेशान करता है या मारने की कोशिश करता है तो पशु क्रूरता का केस पुलिस में दर्ज किया जा सकता है।
किस धारा के तहत कितनी सजा
धारा 428: पशुओं को मारना और जहर देना या उसे अपाहिज करने पर दो साल की कैद या दंड तथा दोनों दिया जा सकता है।
धारा 429: पशुओं को मार डालने, जहर देना या अपाहिज कर देने पर पांच साल की सजा या दंड या फिर दोनों दिया जा सकता है।
ये भी पढ़ें...
डॉक्टर ने स्ट्रीट डॉग को कार में बांधकर घसीटा:घर में घुसने से नाराज था, मेनका गांधी के फोन करने के बाद दर्ज हुआ केस