पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) को 34 विदेशी नागरिकों और 351 कंपनियों से अरबों रुपए डोनेशन लेने का दोषी पाया गया है। इलेक्शन कमीशन ऑफ पाकिस्तान (ECP) ने मंगलवार को 8 साल इंतजार के बाद फॉरेन फंडिंग केस पर फैसला सुनाया। इमरान की पार्टी के 16 अकाउंट्स सीज कर दिए गए हैं। ये पैसा अब पाकिस्तान सरकार का हो जाएगा।
पाकिस्तान में विदेशी नागरिकों या कंपनियों से पॉलिटिकल डोनेशन लेना गैरकानूनी है। इसके तहत सख्त कार्रवाई की जा सकती है। बावजूद इसके, राजनीतिक दलों पर आतंकी संगठनों, आतंकी सरगनाओं और माफिया डॉन्स से पैसा लेने के आरोप लगे। आरोपों की कभी जांच भी नहीं हो सकी। वजह? जांच कौन करता, क्योंकि देश की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी ISI तक वॉर अगेंस्ट टेरर के नाम पर अमेरिका से करोड़ों डॉलर लेती रही।
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इमरान ने दाऊद इब्राहिम से पैसा लिया
पाकिस्तान के इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट अबसार आलम की पिछले दिनों एक उर्दू अखबार में स्पेशल रिपोर्ट पब्लिश हुई। अबसार आलम वही जर्नलिस्ट हैं, जिन पर 2021 में फौज और इमरान के खिलाफ खुलासा करने के बाद फायरिंग की गई थी। उन्हें दो गोलियां लगी थीं।
बहरहाल, आलम ने हालिया रिपोर्ट में खुलासा किया है कि इमरान और उनकी पार्टी PTI को भारत के भगोड़े माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम से भी मोटी रकम मिली थी। कई इंटरनेशनल मीडिया हाउस के लिए रिपोर्टिंग कर चुकीं जर्नलिस्ट आलिया शाह ने भी सोशल मीडिया पर यही बात दोहराई। इमरान जब प्रधानमंत्री थे, तब उन्होंने दाऊद इब्राहिम की पाकिस्तान में मौजूदगी से ही इनकार कर दिया था।
नवाज शरीफ के पास लादेन का पैसा
4 फरवरी 2021 को इमरान की पार्टी PTI के नेता फारूक हबीब ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर बेहद गंभीर आरोप लगाया था। उस दौरान हबीब एक अहम पार्लियामेंट्री कमेटी के अध्यक्ष भी थे। उन्होंने कहा था- नवाज शरीफ और उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) ने अल कायदा के पूर्व सरगना ओसामा से तगड़ी रकम हासिल की थी। नवाज ने यह बात चुनाव आयोग के सामने कबूल भी की थी। हालांकि वो इसलिए बच गए, क्योंकि यह 1990 के आसपास की बात थी और तब ऑडिट जैसी चीजें नहीं होती थीं। लादेन से लिए पैसे का इस्तेमाल तब बेनजीर भुट्टो की सरकार गिराने में किया गया था।
फारूक के मुताबिक, जमीयत उलेमा के नेता मौलाना फजल-उर-रहमान को लीबिया और ईराक से फंडिंग हुई। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) को भी कुछ आतंकी संगठनों से पैसा मिला।
इमरान की पार्टी का आरोप है कि नवाज शरीफ ने 1990 के बाद ओसामा बिन लादेन से पैसा लिया था और यह बात इलेक्शन कमीशन के सामने कबूल भी की थी।
ट्रम्प ने तो ISI पर ब्लैकमेल करने के आरोप लगाए थे
अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति रहे डोनाल्ड ट्रम्प ने 2017 में एक जनवरी को पाकिस्तान की जबरदस्त फजीहत की थी। ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा था- पाकिस्तान सरकार और उसकी इंटेलिजेंस एजेंसी ने आतंकवाद के खिलाफ जंग के नाम पर अमेरिका से धोखाधड़ी की, ब्लैकमेल किया। हमने करोड़ों डॉलर इसी फ्रॉड में खर्च कर दिए।
बाद में एक इंटरव्यू में भी ट्रम्प ने इन बातों को दोहराया था। पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने ISI पर तंज कसा था। हिलेरी ने कहा था- पाकिस्तान को यह समझ लेना चाहिए कि अगर आप घर में सांप पालेंगे तो एक दिन वो आपको भी डसेगा ही। अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ जंग में एक कथित दोस्त पर भरोसा करके बहुत बड़ी गलती की है।
जमीयत उलेमा के चीफ और शाहबाज शरीफ सरकार में शामिल मौलाना फजल-उर-रहमान पर लीबिया और इराक से पैसा लेने का आरोप है। उनके तालिबान से भी बेहद करीबी ताल्लुक हैं।