3 जुलाई को अमरनाथ यात्रा पर निकले बिहार के मुजफ्फरपुर के 39 लोगों के जत्थे में से 9 उन भाग्यशाली श्रद्धालुओं में हैं, जो बाबा बर्फानी की गुफा के पास आए सैलाब से बचकर निकल आए। शुक्रवार की देर रात 11.24 बजे बालटाल रूट से नीचे उतरे अमित कुमार ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि बाबा अमरनाथ ने मुझे दूसरा जीवन दिया है।
उन्होंने बताया, 'मैंने अपनी आंखाें के सामने सैलाब में श्रद्धालुओं काे बहते देखा है। भंडारे में खा रहे कई श्रद्धालु सैलाब में बह गए। बड़ी-बड़ी चट्टानें बह रही थीं। कई कैंप तबाह हाे गए। उनकी संख्या कितनी हाेगी यह कहना मुश्किल है।'
पंचतरणी के बाद 39 लाेगाें के जत्थे से आगे निकलकर शुक्रवार की शाम चार बजे ये 9 लाेग गुफा के पास पहुंच गए थे। स्नान के बाद अमित कुमार, सुजीत पांडेय, राजीव पांडेय, दिलीप कुमार, पप्पू कुमार साथ शाम छह बजे बाबा की आरती में शामिल हुए।
अमरनाथ गुफा के पास बने कैंप के लंगर को ज्यादा नुकसान हुआ। यहां काम कर रहे लोग ज्यादा हताहत हुए। कितना नुकसान हुआ इसका अब तक पता नहीं चला।
आंखों के सामने सब कुछ तबाह हो गया
अमित ने बताया, 'हल्की बारिश हाे रही थी। हम सभी बरसाती पहने थे। आरती के दौरान यात्रा रोक दी गई। तभी बादल फटा और गुफा की बाईं ओर सैलाब बह निकला। सब कुछ तबाह हो गया। कुछ देर बाद हम सभी को नीचे उतरने की हिदायत दी गई। किसी तरह हम साथियों के साथ नीचे उतरे।'
अमित कुमार अपने साथियों के साथ कैंप में ठहरे हुए हैं। अब भी सभी की आंखों में अपने सामने लोगों को खोने का डर है।
अनीश ने कहा- संयोग से बच गए
इनके साथी अनिश कुमार शाही ने बताया कि महज संयोग था कि 5 जुलाई काे पहलगाम के पास ही बारिश के कारण सुरक्षाकर्मियों ने पूरे दिन उन सभी लाेगाें काे नीचे ही रोक दिया था। शुक्रवार काे ही उन सभी काे दर्शन के लिए गुफा में पहुंचना था। एक दिन देरी हाेने के कारण 39 में से 30 साथी काे पंचतरणी में रुकना पड़ा। अब वह सभी प्रशासन के आदेश के इंतजार में हैं।मुजफ्फरपुर जिले से 44 लोग अमरनाथ यात्रा पर गए हैं।
ITBP ने बताया कि 15 हजार लोगों को पवित्र गुफा के पास से सुरक्षित पंचतरणी ले जाया गया है।
भोपाल के श्रद्धालु ने बताया- हर पल बदल रहा मौसम, ऑक्सीजन की भी कमी
अमरनाथ में भोपाल के श्रद्धालु भी फंसे हैं। इनमें गुलमोहर कॉलोनी निवासी विवेक कुमार यादव भी शामिल हैं। विवेक अपने दिल्ली के दोस्तों के साथ अमरनाथ गए हैं। वह शुक्रवार शाम को बादल फटने की घटना के बाद से वहीं फंसे हैं।
विवेक कहते हैं कि सारे टेंट फुल हो चुके हैं। सबको बोल दिया गया है कि एक साथ रहिए। कोई बाहर नहीं जाएगा। सोना नहीं है, जगते रहना है। यहां पर काफी लोग हताहत हुए हैं। पढ़ें पूरी खबर
राजस्थान के दो लोगों की मौत: दूसरों को बचाते-बचाते खुद बहे रिटायर्ड अफसर
अमरनाथ में बादल फटने से श्रीगंगानगर के दो लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में श्रीगंगानगर के ट्रैफिक थाने के पूर्व इंचार्ज सुशील खत्री और उनकी रिश्तेदार महिला सुनीता वधवा शामिल हैं। श्रीगंगानगर से श्रद्धालुओं का जत्था तीन जुलाई को रवाना हुआ था। जत्थे में सत्रह लोग शामिल थे। पढ़ें पूरी खबर ...