जोधपुर के मथुरा दास माथुर (MDM) अस्पताल की मॉर्च्यूरी से डेड बॉडी गायब हो गई है। सारी औपचारिकता पूरी करने के बाद भाई मॉर्च्यूरी पहुंचा तो शव मिला ही नहीं। वह डेथ स्लिप, कफन, एंबुलेंस लेकर पहुंचा था। बाद में पता चला कि वहां के कर्मचारियों से भारी गड़बड़ी हो गई है। मॉर्च्यूरी के कर्मचारियों ने गलती से उसकी बॉडी एक NGO को सौंप दिया है।
NGO ने बॉडी का अंतिम संस्कार तक कर दिया है। इसकी जानकारी होते ही वहां हंगामा खड़ा हो गया। परिजन बॉडी लेने पर अड़े हैं, जबकि प्रशासन का कहना है कि हडि्डयां उपलब्ध करा दी जाएगी। अगर परिजन चाहेंगे तो उसका DNA टेस्ट भी करा दिया जाएगा। उधर, परिजनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ शास्त्रीनगर थाने में FIR कराई है।
डेथ स्लिप के साथ मॉर्च्यूरी में पहुंचा भैराराम का भाई भूराराम। 21 जून को बीमार होने के कारण MDM अस्पताल में भर्ती कराया गया था। भैराराम बासनी थाना इलाके में दिहाड़ी मजदूरी करता था।
बासनी क्षेत्र में मजदूरी करता था भैराराम
जालोर के नौसर निवासी 38 वर्षीय भूराराम पुत्र मंगलाराम ने रिपोर्ट में बताया कि उसके भाई भैराराम की मौत 24 जून को हो गई थी। 21 जून को बीमार होने के कारण MDM अस्पताल में भर्ती कराया गया था। भैराराम बासनी थाना इलाके में दिहाड़ी मजदूरी करता था। पुलिस ने शव MDM अस्पताल की मॉर्च्यूरी में रखवा दिया था। भूराराम ने बताया कि आर्थिक हालात ठीक नहीं थे। पैसा नहीं होने के कारण 24 जून को नहीं आ सका। पैसे का इंतजाम हुआ तो अपने भाई की बॉडी लेने रविवार को एंबुलेंस लेकर मॉर्च्यूरी पहुंचा था।
बाहर करता रहा इंतजार
रविवार सुबह भूराराम अपने भाई की डेडबॉडी लेने बासनी थाने पहुंचा। वहां से पुलिस के साथ वह MDM अस्पताल की मॉर्च्यूरी में आया। वह भैराराम की डेथ की पर्ची और एम्बुलेंस की व्यवस्था कर पहुंचा था। मॉर्च्यूरी में केयर टेकर ने भूराराम को सभी बॉडी दिखाई। उसमें भैराराम की बॉडी नहीं दिखी। भूरा राम ने बताया कि 24 से 26 के बीच मॉर्च्यूरी से शव गायब हो गया। परिजन भैराराम के अंतिम संस्कार करने का इंतजार कर रहे हैं।
परिजन बॉडी लेने पर अड़े रहे। प्रशासनिक अधिकारी समझाते रहे। बाद में मुआवजा दिलाने के आश्वासन के बाद परिजन माने और घर लौटे।
चूक कहां हुई, कमेटी पता करेगी
भैराराम की बॉडी पर काली टीशर्ट थी। एक अन्य लावारिस बॉडी पर भी काली टीशर्ट थी। दूसरी लावारिस बॉडी 'अपना घर' संस्था से आई थी। इस बॉडी को हिंदू सेवा मंडल को अंतिम संस्कार के लिए देना था। गफलत में भैराराम की बॉडी उन्हें दे दी गई। मथुरा दास माथुर अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर विकास राजपुरोहित ने बताया कि गलती कहां हुई, यह जांचने के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से एक कमेटी बनाई गई है। उन्होंने बताया कि दो अज्ञात शव मॉर्च्यूरी में थे। 'अपना घर' की बॉडी थी। हिंदू सेवा मंडल को उसका अंतिम संस्कार करना था। ऐसे में बॉडी की शिनाख्त सही नहीं कर भैराराम की बॉडी को ले गए और अंतिम संस्कार कर दिया। उन्होंने बताया कि भैराराम के परिजन को हिंदू सेवा मंडल भैराराम की अस्थियां सुपुर्द कर देगा। साथ ही उन अस्थियों का DNA टेस्ट करवा दिया जाएगा ताकि परिजनों को विश्वास हो जाए कि अस्थियां भैराराम की ही हैं। उपखंड अधिकारी सुरेंद्र सिंह राजपुरोहित ने बताया- नियमानुसार पीड़ित पक्ष को एक लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। इसके बाद परिजन माने और घर जाने को राजी हुए। अतिरक्त जिला कलेक्टर राजेंद्र डांगा, उपखंड अधिकारी सुरेंद्र सिंह राजपुरोहित तथा पुलिस विभाग के एडीसीपी चक्रवर्ती सिंह मॉर्च्यूरी पहुंचे थे।
इसी सरकारी अस्पताल की मॉर्च्यूरी में गड़बड़ी हुई है। किसी का शव किसी को सौंप दिया गया है। जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है।