अमेरिका में महंगाई 40 सालों के रिकॉर्ड स्तर पर है। बाइडेन प्रशासन और फेडरल रिजर्व ने रिकॉर्ड महंगाई से निपटने के लिए कई बड़े कदम उठाएं हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.75% की बढ़ोतरी की है। इसके बाद बाजार में भारी गिरावट आई है। ब्याज दर बढ़ाने का निर्णय महंगाई को कंट्रोल तो कर सकता है लेकिन इस कदम से अमेरिका में मंदी आ सकती है।
ड्यूश बैंक और मॉर्गन स्टेनली के बाद जापानी इन्वेस्टमेंट बैंक नमूरा ने भी अमेरिकी इकोनॉमी में मंदी आने का अनुमान लगाया है। नमूरा के मुताबिक 2022 के अंत में मंदी आ सकती है। बैंकों और बड़े कारोबारियों का ये मंदी का अनुमान सिर्फ अमेरिका के लिए परेशानी की बात नहीं है बल्कि इससे पूरा विश्व परेशान है।
अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी है और दुनिया के अधिकतर देश इससे जुड़े हुए हैं। 2008 में भी मंदी की शुरुआत अमेरिका से ही हुई थी, फिर इसके चपेट में पूरी दुनिया आ गई थी। हालांकि तब इसका असर भारत पर बहुत कम था।
ये कुछ बड़े नाम हैं जिनके मुताबिक अमेरिका में आने वाले समय में मंदी आ सकती है-
लॉरेंस समर्स
1999-2001 तक अमेरिका के फाइनेंस मिनिस्टर रह चुके लॉरेंस समर्स ने कहा है कि अमेरिकी इकोनॉमी अगले 2 सालों में मंदी देख सकती है। समर्स के मुताबिक, जब भी महंगाई 4% से ज्यादा और बेरोजगारी दर 4% से कम हुई है तब दुनिया की बड़ी इकोनॉमी मंदी से प्रभावित हुई हैं। अमेरिका इन दोनों मानकों को पार कर चुका है।
एडेना फ्रीडमैन
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के एक पैनल में दुनिया के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज्स में से एक नैस्डैक की CEO एडेना फ्रीडमैन ने आगाह किया कि मंदी की प्रिडिक्शन ही मंदी की सबसे बड़ी वजह हो सकती है। प्रिडिक्शन कस्टमर्स के विश्वास को कम कर सकती है, साथ ही इससे बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहता है, जिससे मंदी का खतरा बढ़ जाता है।
लॉयड ब्लैंकफीन
गोल्डमैन सैक्स के फाइनेंशियल सर्विसेज के सीनियर चेयरमैन लॉयड ब्लैंकफीन ने CBS के एक इंटरव्यू में बताया कि मंदी का रिस्क बहुत ज्यादा है, लेकिन फेडरल रिजर्व चाहे तो इसे रोक सकती है। गोल्डमैन सैक्स के CEO डेविड सोलोमन ने CNBC को बताया कि अगले 12 से 14 महीने में मंदी आ सकती है। इनके मुताबिक मंदी आने की संभावना 30% है।
एलन मस्क
दुनिया के सबसे अमीर आदमी, टेसला और स्पेसएक्स के CEO एलन मस्क के अनुसार अमेरिका पहले से ही मंदी के दौर से गुजर रहा है। अगर कैपिटल को गलत तरीके से एलोकेट किया जाता है तो आने वाले दिनों में हालात और खराब हो सकते हैं।
बिल गेट्स
माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स के मुताबिक रूस-युक्रेन युद्ध के चलते महंगाई बढ़ी है जिसकी वजह से अधिकतर देशों ने ब्याज दर बढ़ाई हैं। ब्याज दरों में बढ़ोतरी की वजह से इकोनॉमी स्लो हो रही है और फिर यह आर्थिक मंदी में तबदील हो जाएगी।