राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ के विरोध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सभी मंत्रियों और प्रमुख पार्टी नेताओं के साथ दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। दिल्ली की सड़कों पर उतरकर विरोध और धरने प्रदर्शन कर रहे हैं। ये पहला मौका नहीं है। राजस्थान में कांग्रेस ने जबसे सत्ता संभाली है तब से लेकर अब तक हर महीने किसी न किसे मुद्दे पर धरने और विरोध प्रदर्शन किए हैं।
खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत साढ़े तीन साल में दर्जन भर से ज्यादा बार सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा ले चुके हैं। दिसंबर 2018 में सत्ता संभालने से लेकर अब तक के साढे़ तीन साल में कांग्रेस के नेताओं ने राजस्थान में विपक्षी पार्टी बीजेपी से ज्यादा विरोध प्रदर्शन किए हैं
ED विरोधी मुहिम में गहलोत ने मंत्रियों के मोर्चा संभाला
राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ के विरोध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुरू से ही दिल्ली में रहकर विरोध का मोर्चा संभाल रखा है। राजस्थान दिल्ली के नजदीक है इसलिए भीड़ जुटाने का जिम्मा राजस्थान कांग्रेस पर ज्यादा है। कल जंतर मंतर पर हुए प्रदर्शन में राजस्थान के सभी मंत्री और प्रमुख कांग्रेस नेता नजर आए। अब भी सभी नेता दिल्ली में ही डेरा डाले हुए हैं।
दिल्ली से जयपुर तक सीएम और बड़े नेता सड़कों पर उतरे
राहलु गांधी से ईडी पूछताछ के विरोध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली में सक्रिय होकर वॉर रूम से सड़क तक विरोध का मोर्चा संभाला। 19 जून को बारिश के बीच जयपुर में अग्निपथ स्कीम के विरोध में तिरंगा यात्रा निकाली गई, जिसमें सीएम गहलोत और प्रमुख नेता शामिल हुए। ईडी विरोधी मुहिम पर दिल्ली में लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है।
साढ़े तीन साल में विरोध-पथ पर कांग्रेस
2021 में कृषि कानूनों और महंगाई के खिलाफ सड़कों पर उतरे नेता
- कांग्रेस ने 2021 की शुरुआत ही धरने प्रदर्शनों के साथ की। 3 जनवरी 2021 को सीएम अशोक गहलोत की अगुवाई में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जयपुर के शहीद स्मारक पर कांग्रेस ने धरना दिया, जिसमें सभी मंत्री विधायक शामिल हुए।
- 15 जनवरी को जयपुर के सिविल लाइंस फाटक पर कृषि कानूनों और पेट्रोल-डीजल की कीमतों के विरोध में कांग्रेस पार्टी ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा, मंत्री और विधायक शामिल हुए।
- 6 फरवरी को तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के चक्काजाम के समर्थन में कांग्रेस के नेता भी शामिल हुए।
- 20 फरवरी को कांग्रेस ने जयपुर में कृषि कानूनों के खिलाफ परकोटे में पीसीसी से लेकर गलता गेट तक लंबा पैदल मार्च निकाला गया।
- 11 जून को कांग्रेस नेताओं ने पेट्रोल-डीजल और महंगाई के विरोध में राजधानी सहित सभी जिलों में धरने-प्रदर्शन किए गए।
- पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ कांग्रेस ने 5 जुलाई से 17 जुलाई तक आउटरीच प्रोग्राम चलाकर विरोध किया।
- 7 अक्टूबर को यूपी बॉर्डर पर लखीमपुर खरीरी कांड के विरोध में प्रदर्शन और पैदल मार्च
- 12 दिसंबर को महंगाई के खिलाफ कांग्रेस ने जयपुर में राष्ट्रीय रैली की, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित सभी राष्ट्रीय नेता शामिल हुए।
2020 में राजभवन तक में धरना प्रदर्शन, बाद में कृषि कानूनों के खिलाफ मोर्चा
- साल 2020 में कांग्रेस ने खूब धरने प्रदर्शन किए। खुद मुख्यमंत्री कई बार सड़कों पर उतरे। पहले सियासी संकट के कारण और फिर केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस ने कई बार धरने प्रदर्शन किए।
- सचिन पायलट खेमे की बगावत के बाद विधानसभा सत्र बुलाने की फाइल राज्यपाल ने चार बार लौटा दी तो विरोध में कांग्रेस विधायकों ने राजभवन में ही धरना दे दिया। 24 जुलाई 2020 को कांग्रेस विधायकों ने मुख्यमंत्री की अगुवाई में राजभवन में कई घंटे धरना दिया। राज्यपाल सत्र बुलाने पर सहमत हुए तब धरना खत्म किया।
- सियासी घमासान थमने के बाद 28 अगस्त 2020 को कांग्रेस ने राजधानी सहित जिलों में कोरोना काल में नीट, जेईई परीक्षाएं करवाने के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किए।
- नवंबर-दिसंबर 2020 के दौरान तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन हुए। जिलों में संवाद कार्यक्रम के तहत प्रदर्शन, सभाएं की गईं।
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