राजस्थान में आम की ऐसी खास किस्म है जो सर्दी में भी फल देती है। यहां के एक किसान ने करीब 10 साल की मेहनत से यह किस्म तैयार कर की है। इस किस्म के पेड़ से साल में तीन बार फल आते हैं। किसान श्रीकिशन सुमन 11वीं तक ही पास हैं। उनका यह प्रयोग उन्हें सालभर इनकम दे रहा है। ऐसे में उन्होंने इस किस्म का नाम 'सदाबहार आम' रख दिया है।
कोटा से 10 किलोमीटर दूर गिरधरपुरा गांव के श्रीकिशन ने पढ़ाई छोड़ने के बाद 1993 में अपनी 1 बीघा जमीन में खेती करने लगे। पहले धान की खेती की। फिर सब्जियां उगाईं। बाद में फूलों की खेती की, लेकिन हर बार खराब मौसम व सीजन के अलावा भाव नहीं मिलने के कारण नुकसान उठाना पड़ा।
इसके बाद श्रीकिशन ने कुछ नया करने की ठानी।1998 में उन्होंने आम की नई किस्म तैयार करने का काम शुरू किया। 1 बीघा जमीन पर अलग-अलग किस्मों के आम के पौधों की ग्राइंडिंग(एक पौधे के अलग-अलग हिस्से) करना शुरू किया। इस दौरान एक पौधे में 7 रंग के फूल आ गए। 8 साल तक वे आम के पौधों पर ऐक्सपैरिमैंट करते रहे। आखिर 2005 में सफलता मिली और आम की नई किस्म का पौधा तैयार किया।
साल 2010 में हुआ नामकरण
नई किस्म का पौधा तैयार किया करने के बाद श्रीकिशन सुमन ने लेबोरट्री टेस्ट के लिए उदयपुर और लखनऊ भेजा। साल 2010 में लखनऊ रिसर्च सेंटर से कृषि वैज्ञानिक कोटा आए। यहां रिसर्च में पता चला कि सामान्य आम के पौधे पर 2 साल में एक बार फल लगता है लेकिन, इस नई किस्म में में साल में 3 बार फल लगते हैं। इसलिए इसका नाम 'सदाबहार आम' रखा गया।
5 साल के पौधे में साल भर में 50 किलो आम की उपज
श्रीकिशन ने अपने खेत पर सदाबहार आम की नर्सरी लगा रखी है। जहां वो पौधे तैयार करते हैं। वो थैलियों में पौधे लगाते हैं। फिर उनकी फ्लावरिंग करते है, यानी पौधे में उगने वाले फूलों को हटा देते है, ताकि पौधे की ग्रोथ अच्छी हो। आम का पौधा तीसरे साल में फल देना शुरू कर देता है। 5 साल बाद यही पौधा साल भर में 50 किलो आम देता है। 8 से 10 साल होने पर उपज 100 से 150 किलो तक पहुंच जाती है।
मुगल गार्डन में लगे हैं सदाबहार आम के पौधे
साल 2017 में राष्ट्रपति भवन में श्रीकिशन सुमन ने एग्जीबिशन में हिस्सा लिया था। तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी सदाबहार आम की किस्म को देखकर प्रभावित हुए थे। इसके बाद श्रीकिशन सुमन द्वारा तैयार सदाबहार आम की किस्म के 4 पौधे राष्ट्रपति भवन के मुग़ल गार्डन में लगाए गए है। आज भी राजस्थान का सदाबहार आम मुगल गार्डन की शोभा बढ़ा रहा है।