कांग्रेस विधायकों और नेताओं ने एक बार फिर अफसरों की मनमानी का मुद्दा उठाकर नई बहस छेड़ दी है। सरकार के नजदीक माने जाने वाले विधायक और नेता तक ब्यूरोक्रेसी के रवैये से नाराज है।
कई विधायक और नेता मुख्यमंत्री से लेकर प्रदेश प्रभारी अजय माकन से भी अफसरशाही के हावी होने की शिकायत कर चुके हैं। उधर खाद्य और आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने नेताओं के मान सम्मान और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी करने वाले अफसरों पर कार्रवाई की पैरवी की है।
अब राज्यसभा चुनाव से पहले यह मुद्दा एक बार फिर उठ रहा है। प्रियंका गांधी के साथ UP में कांग्रेस के सह प्रभारी सचिव धीरज गुर्जर ने भी अफसरशाही को घेरा है।
सीएम के सलाहकार ने सवाल उठाए, धीरज समर्थन में
सीएम अशोक गहलोत के सलाहकार संयम लोढ़ा ने दो दिन पहले ही गृह विभाग और राजस्व विभाग के अफसरों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया है। सीएम के सलाहकार का दो विभागों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश करना भी ब्यूरोक्रेसी पर निशाना है।
विशेषाधिकार हनन का नोटिस देने के अगले ही दिन ही धीरज गुर्जर संयम लोढ़ा के समर्थन में उतर आए। धीरज गुर्जर ने अफसरशाही के रवैये को लेकर सरकार और पार्टी को चेताया।
बीज निगम अध्यक्ष धीरज गुर्जर ने अधिकारियों पर निशाना साधते और कहा कि यह सरकार की कब्र खोद रहे हैं।
गुर्जर का ट्वीट- अफसर सरकार की कब्र खोद रहे हैं
बीज निगम अध्यक्ष धीरज गुर्जर ने ट्वीट कर ब्यूरोक्रेसी पर निशाना साधा। लिखा- अधिकारी कभी किसी सरकार के नहीं होते। वो सत्ता के और खुद के होते हैं और जब अपनी कुर्सी को बचाकर रखने के लिए विपक्षी दलों से हाथ मिला लेते हैं तब वो सरकार की कब्र खोद रहे होते हैं। समय पर इनकी पहचान न करने से किसी भी सरकार को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं।
बिधूड़ी बोले- कार्यकर्ताओं की अफसर सुन नहीं रहे
बेगूं से कांग्रेस विधायक राजेंद्र बिधूड़ी ने अफसरशाही के खिलाफ लंबे समय से मोर्चा खोल रखा है। बिधूड़ी सार्वजनिक रूप से अफसरों पर आरोप लगा रहे हैं। बिधूड़ी ने कहा- कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं हो रही है। कांग्रेस कार्यकर्ता की थानेदार नहीं सुनता।
एमएलए तक की थानेदार, कलेक्टर नहीं सुनते। आज जब कार्यकर्ता की सुनवाई नहीं हो रही तो वह चुनाव में बूथ पर क्यों बैठेगा? जब चुनाव हों तो बूथ पर फिर थानेदार और कलेक्टर को ही बैठा देना। मेरे क्षेत्र में कई थानेदार तस्करों से मिले हुए हैं, रात को पैसे लेकर अफीम तस्करों की गाड़ियां पास करवाते हैं।
मंत्री बोले-जनप्रतिनिधियों का सम्मान करना अफसरों की ड्यूटी
अफसरशाही के रवैये से विधायकों की नाराजगी के सवाल पर खाचरियावास ने भास्कर से कहा- हर अफसर-कर्मचारी की यह ड्यूटी है कि वह जनप्रतिनिधियों की सुनवाई करे और उनका सम्मान करे। अगर कोई अफसर जनप्रतिनिधियों की नहीं सुनता है। अच्छी जगह पोस्टिंग पर है तो उसकी जगह चेंज होनी चाहिए।
घमासान के पीछे भी अफसरशाही की मनमानी
आदिवासी इलाके में कांग्रेस में मचे घमासान के पीछे भी अफसरशाही की मनमानी का मुद्दा जुड़ा हुआ है। कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा और रामलाल मीणा इलाके के अफसरों पर आदिवासी विधायकों-नेताओं की सुनवाई नहीं करने और केवल एक नेता के इशारे पर ही चलने के आरोप लगा रहे हैं।
घोघरा इस मुद्दे पर धरने पर बैठे और फिर एसडीओ काे बंधक बनाने पर मुकदमा हुआ। घोघरा ने कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी अजय माकन से अफसरों की मनमानी की शिकायत की है।
विधायकों के साथ मंत्री ब्यूरोक्रेसी को घेर चुके हैं
इससे पहले भी कई विधायक अफसरों के हावी होने के मुद्दे पर सरकार को घेर चुके हैं। कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा, जोगिन्दर अवाना, वाजिब अली, दिव्या मदेरणा अफसरों के हावी होने का मुद्दा उठाकर सरकार को घेर चुके हैं।
गिर्राज सिंह मलिंगा ने डीजी पर रंजिश रखने का आराेप लगाया था। मलिंगा के बिजली कंपनी के इंजीनियर के हाथ पैर तोड़ने के विवाद में जेल से छूटकर आने के बाद हुई सभा में सैनिक कल्याण राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने अफसरों को जमकर घेरा था।
मुख्य सचिव ने सर्कुलर निकाला, नेताओं का सम्मान करें
नेताओं के अफसरशाही पर मनमानी के आरोपों से उठे विवाद को खत्म करने के लिए मुख्य सचिव ने पिछले दिनों एक सर्कुलर भी निकाला। इस सर्कुलर में अफसरों को विधायकों-जनप्रतिनिधियों का सम्मान करने, उनके मुददों की सुनवाई करने के निर्देश दिए गए थे। इस सर्कुलर के बावजूद हालात नहीं बदले और अफसरों के खिलाफ नेताओं की शिकायतें बरकरार हैं। अब यह सियासी विवाद का मुद्दा बन गया है।