पाकिस्तान की इकोनॉमी तेजी से दिवालिया होने की तरफ बढ़ रही है। डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपए की कीमत करीब 200 हो गई है। माना जा रहा है कि गुरुवार को एक डॉलर के बदले 200 पाकिस्तानी रुपए देने होंगे। इसके साथ ही डॉलर की ब्लैक मार्केटिंग भी तेजी से बढ़ी और सरकार इसे रोक पाने में नाकाम साबित हुई है। सरकार ने लग्जरी और गैर जरूरी आयटम्स के इम्पोर्ट पर सख्ती से बैन करने का ऐलान किया है। पाकिस्तान की इकोनॉमी से जुड़ी तीन खबरों पर एक नजर...
हम इस मसले के बारे में और जानें इससे पहले इससे जुड़े एक पोल में हिस्सा ले लेते हैं
बुधवार को कैबिनेट मीटिंग के दौरान प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ।
डॉलर 200 रुपए के बिल्कुल करीब
फॉरेक्स एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान (FAP) और बिजनेस रिकॉर्डर पाकिस्तान की बुधवार रात जारी रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को एक डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपए 199 तक पहुंच गया। आशंका है कि गुरुवार को यह 200 रुपए से ज्यादा हो जाएगा।
11 अप्रैल को जब शाहबाज शरीफ की गठबंधन सरकार सत्ता में आई थी तब डॉलर के मुकाबले रुपए 182 रुपए था। इसके बाद इसमें तेजी से गिरावट हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान सरकार ने विदेशी कर्ज की किश्तें भी नहीं चुकाईं और नई सरकार के लिए यह बहुत बड़ी मुसीबत है। इसके अलावा अमीर तबका डॉलर्स की होर्डिंग कर रहा है। इसकी वजह से इसकी ब्लैक मार्केटिंग हो रही है। यहां एक डॉलर के बदले 260 पाकिस्तानी रुपए देने पड़ रहे हैं।
पाकिस्तान सरकार ने लग्जरी कारों और दूसरे आयटम्स के इम्पोर्ट पर बैन लगा दिया है।
लग्जरी कारें और कॉस्मेटिक्स के इम्पोर्ट पर बैन
इकोनॉमी तबाह होते देख सरकार के भी हाथ-पैर फूल गए। बुधवार दोपहर वजीर-ए-आजम शाहबाज शरीफ ने एक इमरजेंसी बैठक बुलाई। वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल के अलावा फाइनेंस सेक्रेटरी और कुछ फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स शामिल हुए।
मीटिंग के बाद एक लिखित बयान जारी किया गया। इसके मुताबिक- लग्जरी कारों और इसी तरह के दूसरे गैर जरूरी सामानों के साथ ही कॉस्मेटिक्स के इम्पोर्ट पर भी तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी गई। जिन आयटम्स के आयात पर रोक लगाई गई है, उनकी लिस्ट गुरुवार को जारी की जा सकती है। पाकिस्तान का अमीर तबका बड़े पैमाने पर विदेशी कारें इम्पोर्ट करता है। इसके अलावा विदेशी कॉस्मेटिक्स खासतौर पर क्रीम और महंगे परफ्यूम इम्पोर्ट किए जाते हैं।
IMF ने इमरान सरकार के दौर में सभी तरह की सब्सिडी खत्म करने को कहा था।
अब IMF से ही उम्मीद
- पाकिस्तान का 19वां IMF प्रोग्राम इमरान सरकार गिरने के पहले ही अटक गया था। दरअसल, IMF ने पाकिस्तान से कहा था कि वो अगर वो इकोनॉमी को दुरुस्त करना चाहता है तो तमाम तरह की सब्सिडी खत्म करे, फ्यूल की कीमतों को इंटरनेशनल मार्केट के लेवल पर लाए और बिजली महंगी करे।
- इमरान को जब लगा कि सरकार गिरने वाली है तो उन्होंने फ्यूल महंगा करने के बजाए 10 रुपए प्रति लीटर तक सस्ता कर दिया। जवाब में IMF ने फंड रिलीज करने से इनकार कर दिया। अब शाहबाज शरीफ सरकार फिर दोहा में IMF की चौखट पर पहुंच गई है। हालांकि, राजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए इस बात की कोई संभावना नहीं है कि IMF फंड रिलीज करेगा।
- विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो अमेरिका पहुंच गए हैं। अगर अमेरिका ने दखल दिया तो शायद ये उम्मीद की जा सकती है कि IMF कुछ सख्त शर्तों के साथ पाकिस्तान को थोड़ी राहत और मोहलत दे।