श्रीलंका में भारी राजनीतिक उथल पुथल के बीच रानिल विक्रमसिंघे नए प्रधानमंत्री बन गए। प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'Gota Go Gama आंदोलन जारी रहना चाहिए। मैं और पुलिस इस आंदोलन को रोकने के लिए कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे।' उन्होंने बताया कि नए मंत्रिमंडल गठन पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।
श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ इस नारे का इस्तेमाल किया जाता है। सिंहली भाषा में गामा का मलतब गांव होता है। प्रदर्शनकारी एक जगह जमा होकर तंबू लगाते हैं और गाड़ियों के हार्न बजाते हुए राष्ट्रपति और सरकार के खिलाफ गोटा-गो-गामा का नारा बुलंद करते हैं।
सिंहली में गामा का मतलब गांव होता है। लोगों जगह-जगह तंबू लगाकर टेम्पररी गांव बनाते हैं और यहीं से राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के विरोध में Gota Go Gama आंदोलन चलाते हैं।
श्रीलंका संकट के बड़े अपडेट्स...
- रानिल विक्रमसिंघे ने प्रधानमंत्री बनने के बाद कहा कि उनकी सरकार के भारत के साथ बहुत बेहतर संबंध होंगे।
- श्रीलंका में 13 और 14 मई को 5 घंटे बिजली कटौती को मंजूरी दी गई है।
- भारत और अमेरिका ने रानिल विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी।
- श्रीलंका में हिंसा भड़काने के लिए जिम्मेदार 59 सोशल मीडिया ग्रुप की पहचान की गई।
- श्रीलंकाई पुलिस को हिंसा करने वालों पर गोली चलाने का निर्देश दिया गया।
5 बार प्रधानमंत्री रह चुके है रानिल विक्रमसिंघे
73 साल के रानिल को देश का सबसे अच्छा पॉलिटिकल एडमिनिस्ट्रेटर और अमेरिका समर्थक माना जाता है। वे पहले भी 5 बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं। 1993 में वे पहली बार 44 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बने थे। विक्रमसिंघे अपनी पार्टी के इकलौते सांसद हैं।
भीड़ ने की थी सांसद की हत्या
तीन दिन पहले हिंसक झड़प में श्रीलंकाई सांसद अमरकीर्ति अथुकोरला की मौत हो गई थी। जिसके बाद आशंका जताई गई थी कि उन्होंने सुसाइड कर लिया है। हालांकि, अब पुलिस ने साफ कर दिया है कि अमरकीर्ति की हत्या की गई थी। भीड़ ने उन्हें पीट-पीट कर मार डाला था।
चुनावी पोस्टर में अमरकीर्ति नजर आ रहे हैं। 3 दिन पहले उनकी भीड़ ने हत्या कर दी थी।
सैलरी देने के लिए छापने होंगे नए नोट
सेंट्रल बैंक के गवर्नर नंदलाल वीरसिंघे का कहना है कि अगर आम लोगों पर टैक्स नहीं बढ़ाया गया तो सरकारी कर्मचारियों को तनख्वाह देने के लिए नए नोट प्रिंट करने होंगे। वीरसिंघे ने कहा- अगर पैसे की छपाई बंद कर दी जाती है और वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है तो एक और बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा।
देश में कोई कानून-व्यवस्था नहीं है- नामल राजपक्षे
पूर्व प्रधानंत्री महिंदा राजपक्षे के बेटे और पूर्व कैबिनेट मंत्री नामल राजपक्षे ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों की ओर से उकसावे की कार्रवाई की गई। फिलहाल देश में कोई कानून-व्यवस्था नहीं है। दूसरी तरफ, एक अहम पॉलिटिकल डेपलपमेंट के तहत पूर्व PM महिंदा राजपक्षे और उनके 8 करीबी सहयोगियों के देश छोड़ने पर एक अदालत ने रोक लगा दी है।
स्टॉक मार्केट से आई राहत भरी खबर
चौतरफा परेशानियों से घिरे श्रीलंका के लिए गुरुवार को स्टॉक मार्केट से राहत भरी खबर आई। दो दिन बंद रहने के बाद जब गुरुवार को स्टॉक मार्केट ओपन हुआ तो इसमें 3% का उछाल दर्ज किया गया। मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति के बाद जो राजनीतिक स्थिरता आई है उसका मार्केट पर पॉजिटिव असर पड़ा है।