राजस्थान के मंत्री महेश जोशी के बेटे रोहित के खिलाफ रेप केस में जांच तेज हो गई है। गुरुवार को दिल्ली की सदर बाजार पुलिस ने पीड़िता को पूछताछ के लिए बुलाया। सूत्रों ने बताया है कि पीड़िता ने पुलिस को आरोप से जुड़े अहम वीडियो सबूत दिए हैं।
अब इन सबूतों के आधार पर मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी हो सकती है। भास्कर रिपोर्टर ने पुलिस स्टेशन में 4 घंटे बिता कर और पुलिस जांच की गतिविधि को भांपा। केस में शामिल पुलिस अधिकारियों और पीड़िता से भी बात की। पूरी खबर पढ़ने से पहले नीचे दिए गए पोल में हिस्सा जरूर लें...
पीड़िता ने तमाम वीडियो एविडेंस हमारी टीम को भी दिखाए। पुलिस सूत्रों ने बताया कि केस में पीड़िता का बयान दर्ज किया जा चुका है और अब इससे जुड़े जो सबूत सामने आए हैं, उस पर इन्वेस्टिगेशन चल रही है।
DCP नॉर्थ सागर कलसी ने बताया, ‘रेप केस में अभी जांच जारी है, हम सभी तथ्यों की पड़ताल कर रहे हैं। सबूतों के आधार पर ही जांच पूरी होने के बाद पुलिस आगे एक्शन लेगी।'
रेप और अपहरण की गंभीर धाराओं में केस दर्ज
23 साल की रेप पीड़िता ने 8 मई को दिल्ली के सदर थाने में जीरो FIR रजिस्टर कराई थी। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने राजस्थान की पुलिस को इस बारे में सूचित किया। राजस्थान पुलिस भी इस मामले में जांच करेगी। रेप पीड़िता ने बताया है कि उसके साथ राजस्थान के सवाई माधोपुर में भी रेप किया गया है।
दिल्ली पुलिस ने IPC की धारा 312 (गर्भपात कराने), 328 (जहर देकर अपराध करने की कोशिश), 366 (शादी के लिए मजबूर करने के लिए अपहरण), 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक अपराध), 506 (आपराधिक धमकी) जैसी धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
रेप पीड़िता ने आरोप लगाया कि मंत्री पुत्र रोहित जोशी ने 8 जनवरी से 17 अप्रैल के बीच उसका कई बार रेप किया।
मई के सैकेंड हाफ में गिरफ्तारी हो जानी चाहिए: पूर्व DGP
इस मामले की तकनीकी जटिलता पर हमने पूर्व DGP विक्रम सिंह से बात की। उन्होंने बताया कि यौन अपराध से जुड़े मामले में 8 मई को अगर जीरो FIR हुई है तो मई के सैकेंड हाफ में ये केस विवेचना से आगे बढ़कर एक्शन पर आ जाना चाहिए। मामले में संबंधित पुलिस को आरोपी को गिरफ्तार करना होगा। वारदात अगर राजस्थान में हुई है तो जूरिस्डिक्शन के आधार पर राजस्थान पुलिस को ही आरोपी पर एक्शन लेना होगा।
दिल्ली पुलिस को ये केस राजस्थान पुलिस को हैंडओवर करना होगा। दूसरा विकल्प ये है कि इस केस को एक्सपंज (खत्म) करके बंद कर दिया जाए। ये भी संभावना है कि केस CBI को ट्रांसफर हो जाए।
कानून अपना काम कर रहा है: महेश जोशी
राजस्थान सरकार में मंत्री महेश जोशी ने कहा- 'मैं ज्यादा कुछ कहना ठीक नहीं समझता। कानून को अपना काम करने देना चाहिए। मुझे जो कहना था वो कह चुका हूं।'
निर्भया कांड के बाद आया था जीरो FIR का प्रावधान
गौरतलब है कि रेप पीड़िता ने दिल्ली में जीरो एफआईआर दर्ज कराई है। आपको बता दें कि दिल्ली के निर्भया गैंगरेप और हत्या के केस के बाद कानून में जीरो FIR का प्रावधान लाया गया था। कोई भी पीड़िता बलात्कार के संबंध में FIR पूरे देश में कहीं भी लिखवा सकती है।
यूपी के पूर्व DGP विक्रम सिंह उदाहरण देते हुए बताते हैं, ‘अगर कोई महिला दिल्ली से जयपुर ट्रेन में ट्रैवल कर रही है और रेप दिल्ली में हुआ है और जयपुर में उतर कर वो पुलिस में शिकायत करती है तो पुलिस इस केस में जीरो FIR दर्ज करेगी। इस FIR क्राइम नंबर नहीं डाला जाता है और इसकी कॉपी जिस जगह क्राइम हुआ वहां भेज दिया जाएगा।’
जीरो FIR जिस भी थाने में फॉरवर्ड की जाती है, वहां के थानेदार की जिम्मेदारी है कि वो ऐसी FIR में क्राइम नंबर डालकर इन्वेस्टिगेशन शुरू करें। IPC की धारा 166A के तहत कोई भी पुलिस अधिकारी यौन अपराधों के मामलों में ढिलाई बरतेगा तो उसके खिलाफ केस दर्ज होगा। इसके तहत 6 महीने की सजा का भी प्रावधान है।’
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