राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी की छात्रा प्रियंका को अमेरिकन कंपनी माइक्रोसॉफ्ट में 44 लाख का पैकेज ऑफर हुआ है। प्रियंका फिलहाल पुणे में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में इंटर्नशिप कर रही हैं। मूलतः सुजानगढ़ (चूरू) की रहने वाली प्रियंका (23) का पूरा परिवार काफी सालों से नेपाल के काठमांडू में बसा हुआ है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि राजस्थान में पिछले चार सालों में किसी इंजीनियरिंग स्टूडेंट को इतना बड़ा पैकेज नहीं मिला।
प्रियंका के पिता का कपड़ों का व्यापार है। प्रियंका ने नेपाल से कोटा आकर अपनी पढ़ाई की है। प्रियंका ने बताया कि साल 2016 में वह जेईई की पढ़ाई के लिए कोटा आई थी। जेईई मेन्स तो प्रियंका ने क्लियर कर लिया, लेकिन एडवांस क्रेक नहीं हो सका।
प्रियंका बताती है कि जब एडवांस क्लियर नहीं हुआ तो वह थोड़ा परेशान हुईं। इस फील्ड को छोड़ने का मन बना लिया था। इस बारे में जब घरवालों से बात की तो माता-पिता ने मोटिवेट किया। प्रियंका के पिता चंद्रप्रकाश लाहोटी ने प्रियंका को मेहनत करते रहने की सलाह दी।
आरटीयू के एकेडमिक डीन अनिल माथुर और चंद्रपक्राश लाहोटी के दोस्त ने प्रियंका का एडमिशन आरटीयू में करवाने के लिए कहा। इसके बाद प्रियंका का नया सफर शुरू हुआ। 2018 में कंप्यूटर साइंस में बी.टेक की पढ़ाई शुरू की। प्रियंका ने अपने सब्जेक्ट में यूनिवर्सिटी को टॉप किया।
प्रियंका मोटिवेशन के लिए फैमिली सपोर्ट को सबसे जरूरी मानती हैं।
प्लेसमेंट पैकेज के तोड़े रिकॉर्ड
प्रियंका ने बताया कि उनका ऑफ कैंपस प्लेसमेंट हुआ है। इसमें आरटीयू प्लेसमेंट सेल की अहम भूमिका रही है जिन्होंने स्टूडेंट्स को दो बार मौके दिए। 28 मार्च को हुए इंटरव्यू का रिजल्ट अब आया है। जल्द ही प्रियंका को जॉइनिंग लोकेशन भी बताई जाएगी।
जानकारी के अनुसार प्रियंका को मिलने वाला यह सालाना पैकेज एक रिकॉर्ड है। एमएनआईटी जयपुर की वेबसाइट से मिले रिकॉर्ड के अनुसार पिछले चार वर्षों में अधिकतम पैकेज वर्ष 2020-21 में 43 लाख, वर्ष 2019-20 में 38 लाख, वर्ष 2018-19 में 37 लाख और वर्ष 2017-18 में 40 लाख का रहा है।
प्रियंका के लिए हमेशा उनके माता-पिता और भाई प्रेरणा रहे हैं।
कॉलेज सब्जेक्ट को हल्के में ना लें
प्रियंका ने बताया कि उनके प्लेसमेंट में आरटीयू की प्लेसमेंट सेल, माता-पिता और भाई का बड़ा मोटिवेशन रहा। प्रियंका ने कहा कि कई चरणों में उनका इंटरव्यू हुआ। उसमें कॉलेज में कंप्यूटर साइंस के पढ़ाए गए सब्जेक्ट काफी काम आए।
इसलिए कॉलेज में पढ़ाए गए सब्जेक्ट को कभी लाइटली नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि डेटा स्ट्रक्चर और एल्गोरिदम का बेसिक नॉलेज जरूरी है, जो इंटरव्यू में बहुत काम आया। प्रियंका का कहना है कि असफलता बार-बार आ सकती है लेकिन लगातार मेहनत करें तो सफलता भी जरूर आती है। यही मोटिवेशन मुझे प्लेसमेंट क्रेक करने में मददगार साबित हुआ।