स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने सभी अवधियों के कर्ज की ब्याज दरों में 0.10% की बढ़ोतरी की है। SBI की वेबसाइट के मुताबिक, कस्टमर्स के लिए ओवरनाइट से लेकर तीन महीने तक वाले मार्जिनल कॉस्ट लेंडिंग रेट (MCLR) के लिए 6.65% के बजाए 6.75% रेट होगा। वहीं 6 महीने के लिए 6.95% के बजाए 7.05% हो गई है। नई दरें 15 अप्रैल से लागू हो गई हैं। इससे अब SBI से लोन लेना महंगा हो जाएगा।
SBI का MCLR
कर्ज की अवधि |
पहले |
अब |
ओवर नाइट |
6.65% |
6.75% |
एक महीना |
6.65% |
6.75% |
तीन महीने |
6.65% |
6.75% |
छह महीने |
6.95% |
7.05% |
एक साल |
7.00% |
7.10% |
दो साल |
7.20% |
7.30% |
तीन साल |
7.30% |
7.40% |
अब क्या होगा?
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि मार्जिन कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) पर आधारित कर्ज की ब्याज दरें बढ़ जाएंगी। इससे ग्राहकों को अब पर्सनल, ऑटो और होम लोन की EMI में ज्यादा पैसा देना होगा।
MCLR क्या है?
बैंक 2016 से MCLR के आधार पर कर्ज दे रहे हैं। बैंक अपने संचालन खर्च और नकदी भंडार अनुपात को बनाए रखने जैसी जरूरतों को ध्यान में रखकर MCLRर तय करते हैं। SBI प्रॉपर्टी की वैल्यू के मुकाबले कर्ज की रकम और ग्राहकों के क्रेडिट स्कोर के आधार पर अलग-अलग वैल्यू के होम लोन पर MCLR के अलावा 0.10% से 1.5% तक अधिक ब्याज लेता है।