बीकानेर इंजीनियरिंग कॉलेज में 18 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने के बाद अब कोई भी नॉन टीचिंग स्थायी कर्मचारी कॉलेज में नहीं बचा है। कॉलेज का कार्यालय संबंधित काम ठेके के कर्मचारियों के भरोसे हो गया है। उधर सरकार ने ठेके के कर्मचारियों को नियमित करने के रास्ते तलाशने शुरू कर दिए हैं।
ईसीबी में नॉन टीचिंग 18 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त होने के बाद कॉलेज में महत्वपूर्ण पद रिक्त हो गए हैं। कॉलेज में अब एक भी नियमित नॉन टीचिंग कर्मचारी नहीं है। जबकि सौ से अधिक पद खाली पड़े हैं। हालात ये है कि नोटशीट चलाने तक के लिए बाबू नहीं है। कॉलेज में 17 कर्मचारी 2020 में ठेके पर लगाए गए थे।
अब उन्हीं से रिक्त हुए 18 पदों पर काम लेने की तैयारी है। कुल सचिव ने दस पदों का चार्ज ठेके के कर्मचारियों को देने के आदेश जारी भी कर दिए हैं। ठेके के कर्मचारियो को लगाने से पहले शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला का एक पत्र भास्कर के हाथ लगा है, जिसमें तकनीकी शिक्षा मंत्री से ठेके के कर्मचारियों को संविदा पर लगाने की सिफारिश की गई है। खास बात ये है कि 18 कर्मचारियों को हटाने के पीछे राजनीतिक विद्वेश के आरोप शिक्षा मंत्री पर लगे हैं। शिक्षा मंत्री की सिफारिशी चिट्ठी से चहेतों को परमानेंट करने के आरोपी हमले तेज हो गए है।
संविदाकर्मियों को नियमित करने के तलाशे जा रहे रास्ते
10 प्रमुख पदों पर ठेका कर्मी, बड़ा सवाल: नोटशीट साइन कर सकेंगे?
ईसीबी में ठेके पर कार्यरत एनडी व्यास को लेखा शाखा का समन्वयक बनाया गया है। अमित सिंह सहायक लेखाधिकारी, मार्कंडेय रंगा कनिष्ठ लेखाकार, अश्वनी पांडिया कनिष्ठ लेखाकार, पूजा रायसिंघानी सहायक लाइब्रेरियन, अभिमन्यू सिंह राठौड़ भंडार अधिकारी, देवेन्द्र कुमार सहायक भंडार अधिकारी, राजकुमार आचार्य लेखा संबंधी कार्य, नरेन्द्र आचार्य संपदा विभाग में लेखा समन्वयक और महेन्द्र टेलर को परीक्षा विभाग में लगाया गया है। ईसीबी में चल रही गड़बड़ियों को देखते हुए आशंका है कि नोटशीट पर भी इनके साइन लिए जा सकते हैं, जबकि नोटशीट पर नियमित कर्मचारी के ही साइन होते हैं।
कर्मियों को हटाने की जानकारी नहीं : कल्ला
सरकारी विभागों में लगे संविदा कर्मियों को स्थाई करने के मामले में अभी फाइनल रिपोर्ट बाकी है। जहां तक बीकानेर इंजीनियरिंग कॉलेज का मैटर है तो वहां रिक्त पदों को भरने के लिए तकनीकी शिक्षा मंत्री से बात की जाएगी। 18 नॉन टीचिंग स्टाफ को बर्खास्त करने का मामला मेरी जानकारी में नहीं है। - डॉ. बीडी कल्ला, शिक्षा मंत्री
- शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए गठित मंत्रिमंडलीय उप समिति के अध्यक्ष हैं।
- डॉ. कल्ला ने ईसीबी में ठेके पर काम करने वाले कार्मिकों के लिए तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री को सिफारिशी चिट्ठी लिखी।
- डॉ. कल्ला ने लिखा कि ईसीबी में नोन टीचिंग कार्मिकों को द्वारा श्रमआपूर्तिकर्ता के माध्यम से प्रदान की जा रही विशिष्ट सेवाओं को प्रत्यक्ष संविदा आधार पर पारिश्रमिक निर्धारण कर सेवाएं लेने के संबंध में नियमानुसार कार्यवाही करें।
- ईसीबी में ठेके पर काम करने वाले 17 कर्मचारियों को पहले एडहोक पर रखा गया था। बाद में कोर्ट के फैसले के तहत उन्हें हटा दिया गया।
- ईसीबी ने 2020 में इन 17 कर्मचारियों को वापस ठेके पर रख लिया। भाजपा का आरोप है कि शिक्षा मंत्री ने अपने चेहते कार्मिकों को स्थायी करने के लिए 18 कार्मिकों को बर्खास्त कराया है।
- संविदाकर्मियों की नियुक्ति के लिए बनाए नियम में यह संशोधन किया है कि नियमित करने से पहले कमेटी स्क्रीनिंग करेगी।
- संविदा पर केवल उन पदों पर ही भर्ती होगी जो नियमित पद नहीं हैं। वित्त विभाग की मंजूरी के बाद सरकारी विभाग अपने स्तर पर कॉन्ट्रैक्ट पर कर्मचारी रख सकेंगे।
- संविदा पर कर्मचारी को पांच साल तक रखा जा सकेगा। कांट्रैक्ट तीन साल बढ़ाया जा सकेगा।
- संविदा नियुक्तियों में एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस का आरक्षण लागू होगा। 60 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्ति को संविदा पर नहीं रखा जा सकेगा।
- संविदाकर्मी को हर साल 5 फीसदी का इंक्रीमेंट, मेडिक्लेम पॉलिसी के 1500 रुपए, एक्सीडेंट क्लेम पॉलिसी के 500 रुपए और नेशनल पेंशन स्कीम के लिए आधा पैसा सरकार देगी। एडहोक बोनस नहीं मिलेगा।