RLP संयोजक व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा में अजमेर डिस्कॉम को लेकर गंभीर सवाल उठाए। बेनीवाल ने डिस्कॉम अधिकारियों की मिलीभगत से केंद्र सरकार की सौभाग्य योजना में 290 करोड़ से भी अधिक राशि के घोटाले का मामला उठाया। केंद्र सरकार से उन्होंने मांग की कि मामले की CBI में FIR दर्ज करवाई जाए और जांच सौंपी जाए।
कागजों में ही लगा दिए सोलर सिस्टम
नागौर सांसद बेनीवाल ने लोकसभा में कहा कि सौभाग्य योजना के तहत AVVNL (अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड) के तहत उदयपुर, अजमेर, बांसवाड़ा, सीकर, भीलवाड़ा, राजसमन्द, प्रतापगढ व चित्तौड़गढ़ जिलों में 53,298 घरों में सोलर सिस्टम के जरिए बिजली पहुंचाने का लक्ष्य था। इसके लिए डिस्कॉम ने फरवरी 2019 में 11 कम्पनियों को टेंडर दिए। इस दौरान टेंडर 53,298 सोलर का ही हुआ था, लेकिन बाद में 83,183 सोलर सिस्टम लगाना दिखा दिया गया।
एक आधार कार्ड पर दो-दो सिस्टम
बेनीवाल ने कहा कि इनमें से अधिकतर सोलर सिस्टम कागजों में ही लगा दिए गए व 29,885 ज्यादा घरों में सोलर सिस्टम लगाना दिखाकर बड़ा घोटाला किया गया। इस दौरान अधिकारियों ने एक ही आधार कार्ड पर दो-दो सोलर सिस्टम दिखाकर रुपए उठा लिए। सांसद बेनीवाल ने कहा कि केन्द्र की सौभाग्य योजना के अन्तर्गत ऐसे घरों में सोलर के जरीए बिजली पहुंचानी थी, जहां बिजली तारों के जरिए नहीं पंहुचाई जा सकती थी। इसमें 60 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार व 30 प्रतिशत राशि बैंक लोन तथा 10 प्रतिशत राशि सम्बन्धित डिस्कॉम को वहन करनी होती थी। जबकि अधिकतर उपभोक्ताओं से 2000 से लेकर 5000 रुपए तक अवैध रूप से वसूले गए।
जोधपुर में 28 हजार का सिस्टम, अजमेर में 35 हजार का कैसे
सांसद बेनीवाल ने कहा कि इस दौरान योजना के अंतर्गत जो सोलर सिस्टम जोधपुर डिस्कॉम में 28 हजार रुपए में खरीदा। उसी सिस्टम को अजमेर डिस्कॉम ने 35 हजार 100 रुपए में खरीदा। जो यह साबित करता है कि आदिवासी अंचल और गांव, गरीब की ढाणी को बिजली से जोड़ने के नाम पर बड़ा घोटाला किया गया है। सांसद बेनीवाल ने केंद्र सरकार से मामले में सीबीआई में एफआईआर दर्ज कराने और जांच कराने की मांग की है।