रूसी हमले से बचने के लिए यूक्रेन आर्मी ने खार्किव शहर में 1300 इंडियन स्टूडेंट्स को ढाल बना लिया है। इनमें 350 से ज्यादा लड़कियां भी है। यूक्रेनी सेना सभी स्टूडेंट्स को एक स्कूल में बंधक बनाकर रखा है। इन स्टूडेंट्स ने दैनिक भास्कर से अपनी आपबीती शेयर की है।
खार्किव में फंसे छात्र अजय, सुमन, सिमरन ने भास्कर के सुरेंद्र मावलिया को बताया यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में 10 दिन से युद्ध जारी है। यूक्रेन की सेना ने रूसी हमलों से बचने के लिए हमें शहर से 20 किमी दूर पिशाचोण गांव के एक स्कूल में ले आए हैं। यहां पर सेना और वॉलिंटियर्स हमें स्कूल से नहीं निकलने दे रहे।
छात्रों ने भास्कर को बताया कि स्कूल में खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं है। हम लोग दो दिन से भूखे हैं।
बॉडर क्रॉस कराने की बात कह बंधक बनाया
छात्रों ने आगे बताया कि हमें यहां लाने से पहले कहा गया था कि बॉर्डर क्रॉस करा देंगे, लेकिन अब जाने नहीं दे रहे। स्कूल के नजदीक यूक्रेनी सेना का कैंप है। हमें यूक्रेनी सेना बुधवार को 9 किलोमीटर पैदल चलाकर यहां लेकर आई और पिछले दो दिन से हमें खाना नहीं दिया गया। कुछ लड़कियों को फ्रूट्स दिए थे, वे भी खत्म हो गए है।
सैनिक दे रहे हैं स्कूल के बाहर पहरा
छात्रों ने आगे बताया कि स्कूल के अंदर-बाहर सैनिक पहरा दे रहे हैं। शाम सात बजे बिजली बंद कर देते हैं। दिनभर स्कूल कैंपस के 300 मीटर के दायरे में बमबारी होती रहती है। यहां करीब 350 छात्र राजस्थान के हैं। यूक्रेनी सेना हमें मोबाइल पर ज्यादा बात नहीं करने दे रहे। फोटो खींचना सख्त मना है। किसी तरह दो फोटो खींच पाए। खाना मांगते हैं तो सुबह-शाम का हवाला देकर टाल दिया जा रहा है।
स्कूल से आर्मी कैंप नजदीक है। ऐसे में छात्रों को रूसी हमले का भी डर सता रहा है।
इधर, विदेश मंत्रालय ने माना कि खार्किव के पास 900 से ज्यादा भारतीय छात्र फंसे हैं। बसें अरेंज की हैं, लेकिन रूट सेफ नहीं होने की वजह से मुश्किल हो रही है। भारत ने दोनों देशों से अपील की है कि लोकल सीजफायर घोषित कर छात्रों के निकलने में मदद की जाए।