बनारस के अस्सी घाट पर शिवरात्रि की जोरदार तैयारियां चल रही थीं। भव्य गंगा आरती का आयोजन होने वाला था। पूरा बनारस, घाट किनारे बने मंदिरों की घंटों की आवाज और स्पीकरों पर बज रहे "बम-बम बोल रहा है काशी" गाने से गुंजायमान हो उठा था। घाट पर लोगों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही थी। नाव चलाने वाले नदी किनारे नाव लगाकर तैयार खड़े थे।
हम भी नाव पर सवार हो गए और गंगा के रास्ते घाट तक पहुंचे। वहां मौजूद लोगों से चुनावी हालचाल जानने की कोशिश की। क्या सामने आया? आइये आपको सब बताते हैं…लेकिन इससे पहले नीचे दिए सर्वे में भाग लेकर अपनी राय दे दीजिए...
पंडा सरकार से बहुत नाराज हैं क्योंकि सारा दान एनजीओ ले जाते हैं
वाराणसी के जानकी घाट से होते हुए गंगा आरती के लिए अस्सी घाट की तरफ बढ़ते लोग।
गंगा सेवा समिति के सदस्य आशुतोष चतुर्वेदी पिछले चार साल से अस्सी घाट पे गंगा आरती करवाते हैं। उन्होंने विश्वनाथ कॉरिडोर और घाट पर नमामी गंगे में चल रहे सफाई अभियान की तारीफ की। इसके साथ ही उन्होंने अपना दर्द बयान करते हुए कहा, "हम लोग योगी सरकार से नाराज हैं, क्योंकि ब्राह्मणों को कुछ मिला नहीं है। ये हम लोगों का क्षेत्र है। हम धर्म से संबंधित काम करते हैं और इसी से हमारी जीविका चलती है, लेकिन अब यहां का सारा दान एनजीओ ले जाते हैं। पंडा समाज को कुछ नहीं मिलता।"
घाट पर अपना दर्द बयान करते हुए पंडा आशुतोष चतुर्वेदी।
आशुतोष से हमने पूछा सरकार से नाराज हैं तो फिर जितवा किसको रहे हैं? उन्होंने कहा, "हम नाराज जरूर हैं, लेकिन हिंदुत्व के नाम पर वोट भाजपा को ही देंगे।"
गंगा में बड़े जहाज चला कर गरीबों के पेट पर लात मार दी
शशीकांत साहनी मांझी हैं और पिछले 12 सालों से बनारस में अपनी हैंडबोट पर लोगों को गंगा के सैर करा रहे हैं। शशिकांत ने हमसे कहा, "मोदी अच्छा काम तो किए हैं, लेकिन जो ये अलकनंदा क्रूज और बड़े जहाज चल रहे हैं, इससे हम नाविकों के पेट पर लात मारी जा रही है। हमारी रोजी छीनी जा रही है। अब हमारी नाव पर कोई नहीं बैठता।”
शशीकांत की नाव पर सवार होकर हमने उनसे बात की।
शशीकांत अपनी नांव में आधा घंटा सैर कराने के 250 रुपए लेते हैं। उन्होंने बताया, “ये किराया अलकनंदा क्रूज में लगने वाले किराए से 700 रुपए कम है, लेकिन फिर भी लोग उनकी नाव में सवारी करते हैं।”
एक बार फिर बनारस में खिलाएंगे कमल
शाम के 7 बजे हम गंगा आरती के वक्त दशाश्वमेध घाट पहुंचे। गंगा आरती का भव्य आयोजन चल रहा था, हजारों भक्तों की भीड़ में से कई बनारसियों ने कहा, “यूपी में एक बार फिर कमल खिलेगा।”
गंगा आरती के समय दशाश्वमेध घाट का दृश्य।
पूरा काशी मोदीमय है, योगी का नाम किसी ने नहीं लिया
गंगा आरती समाप्त होने के बाद भी हमने लोगों से चुनावी हालचाल जानने की कोशिश की। शंभू पंचदश नाम अखाड़ा मठ के शिष्य अनूप कावरिया ने कहा, "मोदी जी के नेतृत्व में काशी में बहुत काम हुए हैं। हम भी कई लोगों से राजनीतिक चर्चा करते हैं। लोगों का मानना है कि मोदी वाराणसी को और आगे लेकर जाएंगे। पूरा काशी मोदीमय है।" इसी दौरान हमने कई अन्य लोगों से बात की। योगी का नाम किसी ने नहीं लिया।
ये स्टोरी हर्षित शर्मा ने की है। हर्षित दैनिक भास्कर के साथ इंटर्न कर रहे हैं।