दुनियाभर में बीकानेरी जायके की धूम है। चाहे भुजिया की करें या रसगुल्ले और घेवर की, हर मिठाई अपने आप में खास है। राजस्थानी जायकी की कड़ी में आज हम आपको बताने वाले हैं एक स्पेशल हलवा के बारे में, जो 10 दिन तक खराब नहीं होता। ये है फेमस बीकानेरी गोंद पाक। गोंद और देशी घी में कई तरह के ड्राई फ्रूट्स मिलाकर बनने वाले गोंद पाक का टेस्ट 10 दिन बाद भी जैसा का तैसा बरकरार रहता है। सेहत के लिए भी यह हलवा फायदेमंद है, क्योंकि इसमें बादाम और देशी घी की मात्रा भरपूर होती है।
बीकानेर में वर्ष 1960 के आसपास गोंदपाक के बाजार में आने का इतिहास मिलता है। तब केवल एक-दो जगह ही गोंदपाक बनती थी। स्थानीय रमेश चंद्र पुरोहित बताते हैं कि तब बीकानेर में छोटू-मोटू, जोशी, चाय पट्टी में मानजी और सीताराम मोदी की दुकान पर गोंदपाक बनती थी। तब 4 आने और 8 आने में भी खूब सारी गोंद पाक आ जाती थी।
पहलवान की खुराक थी, आज जायका
बीकानेर में मिठाईयां बनाने का चलन सदा से रहा है। यहां बड़ी संख्या में लोग पहलवानी करते थे, कुश्ती लड़ते थे। सेहत और स्टेमिना के लिए उन्हें दूध व घी ज्यादा चाहिए था। तब आटे और घी के साथ गोंद को सेककर हलवा बनाकर खाते थे। धीरे-धीरे इसमें ड्राई फ्रूट्स और गोंद डालकर प्रयोग किए गए। औषधीय गुणों से भरपूर गोंद के फायदे और स्वाद ने लोगों के दिलों में जगह बनाई।
पाक शब्द का मतलब होता है खाना बनाने की कला और यह हलवा गोंद से तैयार होता है, इसलिए इस मिठाई को गोंद पाक नाम दिया गया। बेहतरीन स्वाद लोगों की जुबां पर ऐसा चढ़ा कि दूर-दूर से कारीगरों ने बनाने का तरीका सीखा, लेकिन जो टेस्ट बीकानेर में बना, वो कहीं और नहीं मिल सका।
बीकानेर के डागा चौक स्थित कारोबारी जयदीप स्वामी बताते हैं कि उनकी चार पीढ़ियां पिछले 60 साल से गोंद पाक बना रही हैं। इससे ज्यादा हेल्दी और वेल्दी फूड कोई दूसरा नहीं है। इसमें सभी तरह के ड्राई फ्रूट्स के साथ देसी घी का उपयोग होता है। काली मिर्च और गोंद इतनी अच्छी मात्रा में होती है कि शरीर को लाभ मिलता है। इसमें सेहत को नुकसान पहुंचाने जैसा कुछ नहीं होता।
ऐसे तैयार होता है गोंदपाक
सबसे पहले एक कड़ाई में घी को गर्म किया जाता है। एक किलो आटे में 300 ग्राम घी व इतना ही पानी डालकर मिलाया जाता है। मोगरी जैसा बनाकर खास जालीदार छलनी में निकाला जाता है ताकि कोई गांठ न रहे। अब इसे कड़ाई में फिर घी डालकर सेका जाता है। अब इसमें पहले से तैयार एक तार की चासनी डाली जाती है और लाइट ब्राउन रंग होने तक सेका जाता है। सिकाई के दौरान ही स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें काली मिर्च, नारीयल बुरादा, मावा, ड्राईफ्रूट्स और केसर भी डाला जाता है।
अब दूसरी कड़ाई में घी लेकर गोंद के मीडियम टुकड़ों को तलकर फूले तैयार किए जाते हैं। पॉपकॉर्न की तरह तैयार गोंद के फूलों को मिलाया जाता है। अब खोमचे के बेस पर घी लगाकर तैयार गोंदपाक को फैलाया जाता है। गार्निश करने के लिए इस पर ड्राई फ्रूट्स की कतरन डाली जाती है।
एक सीजन में करोड़ों का कारोबार
गोंद पाक सर्दी की मिठाई है और तीन महीने तक इसकी बिक्री सबसे ज्यादा होती है। अकेले बीकानेर शहर में करीब सौ दुकानों पर गोंद पाक बनता है। डिमांड इतनी है कि कुछ घंटों में ही खत्म भी हो जाता है। कारोबारी रमेश चंद्र पुरोहित ने बताया कि औसत एक बड़ी दुकान पर 50 किलो गोंद पाक रोज बिकता है। वहीं कुछ छोटी दुकानों पर बिक्री अलग-अलग होती है। बीकानेर शहर में औसतन 1500 किलो की खपत रोज होती है।
एक किलो गोंद पाक की कीमत 400 रुपए किलो से शुरू होती है। बाजार में देशी घी व ड्राईफूट्स के रेट्स बढ़ने के साथ-साथ इसकी कीमत भी बढ़ती है। एक किलो गोंदपाक में 300 ग्राम घी लगता है, इसके अलावा ड्राइफ्रूट्स और केसर होता है। बीकानेर में गोंद पाक का बिजनेस करोड़ों रुपए का है। एक महीने की सेल का अनुमान एक करोड़ से ज्यादा है। वहीं शादियों और दुकानों की कुल सेल देखें तो एक सीजन में 5 करोड़ से ज्यादा का कारोबार है।
विक्की-कैट की शादी में परोसा गया गोंदपाक
बीकानेर ही नहीं आसपास के क्षेत्र में शादियों के मेन्यू में गोंद पाक बड़े चाव से शामिल किया जाता है। बड़ी मात्रा में गोंद पाक बनाने वाले कारीगर भी बीकानेर में सहजता से उपलब्ध हो जाते है। यहां तक कि विक्की-कटरीना की शादी में जो राजस्थानी मिठाइयां परोसी गई, उनमें भी बीकानेरी गोंद पाक शामिल था।
कई राज्यों में डिमांड
रूपचंद मोहन लाल स्वीट्स के संचालक मोहित अग्रवाल का कहना है कि इस मिठाई की डिमांड तो देशभर में है लेकिन इसका स्वाद सिर्फ बीकानेर से आता है। ऐसे में गोंद पाक की सप्लाई भी करनी पड़ती है। बीकानेर से कोलकाता, गुवाहाटी, उत्तर प्रदेश, गुजरात, नई दिल्ली, हरियाणा और पंजाब तक गोंद पाक हर महीने सप्लाई होता है।
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